अंतर-सेवा संगठन विधेयक लोकसभा में पास, राज्यसभा में भारी हंगामा
मणिपुर व राजस्थान में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार पर तीखी बहस सरकार बोली चर्चा से भाग रहा विपक्ष
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। संसद में आज भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष के सदस्य मणिपुर हिंसा में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चर्चा करने की अपनी मांगों पर अड़े रहे। हंगामा बढ़ते देख सभापति ने राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार (7 अगस्त) सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई। वहीं लोकसभा में भी नोकझोंक चलती रही और इस बीच में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा में अंतर-सेवा संगठन (कमांड, नियंत्रण और अनुशासन) विधेयक, 2023 पेश किया।
बिल को निचले सदन से मंजूरी भी मिल गई। विधेयक पर बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि यह विधेयक हमारी सशस्त्र सेनाओं के तीनों अंगों में एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे वे एकजुट और एकीकृत तरीके से भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यह विधेयक सैन्य सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस विधेयक में कोई अतिरिक्त वित्तीय निहितार्थ शामिल नहीं है।
मानसून सत्र में सदन चलाने को लेकर रणनीति बनाएगी बीजेपी
मानसून सत्र में अब तक लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बगैर किसी रुकावट के नहीं चल सकी है। मानसूत्र सत्र की शुरुआत से ही दोनों ही सदन में मणिपुर हिंसा का मामला विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच विवाद का मुद्दा बना हुआ है।
मानसून सत्र में आगे की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके इसके लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) एक विशेष रणनीति पर काम कर रही है, पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इसे लेकर एक बैठक भी की है। सूत्रों के अनुसार व्हिप के साथ हुई बैठक में जेपी नड्डा ने कहा कि दोनों सदनों में पार्टी के सांसदों की 100 प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराएं, ध्यान रखें की एक भी सांसद छूटना नहीं चाहिए. बता दें कि लोकसभा में बीजेपी के स्पीकर को मिलाकर कुल 301 सांसद हैं जबकि राज्यसभा में बीजेपी के सांसदों की कुल संख्या 92 है, हालांकि बीजेडी, वायएसआरसीपी, टीडीपी ने दोनों मुद्दों पर सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है।
केजरीवाल सरकार के खिलाफ नहीं है बिल : रामदास अठावले
रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो दिशानिर्देश दिए थे उसके दायरे में रहकर ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जवाब दे दिया है। लोकसभा में बिल पास हो गया है, राज्यसभा में भी बिल पास होगा। ये बिल केजरीवाल सरकार के खिलाफ नहीं है। पहले दिल्ली में कांग्रेस की सरकार रही है, भाजपा की सरकार भी रही है। तब भी पूरा अधिकार केंद्र को था, केजरीवाल जो विषय उठा रहे हैं, वो ठीक नहीं है।
राजस्थान पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी
सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा में नियम 176 के तहत राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चर्चा की मांग की। ट्रेजरी बेंच के सांसदों ने सदन में राजस्थान पर चर्चा की मांग को लेकर नारेबाजी की।
विपक्षी सांसदों ने नारे लगाए
बीआरएस सांसदों ने मणिपुर मुद्दे पर संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और दिल्ली सेवा विधेयक को वापस लेने की मांग की। विपक्षी सांसदों ने लोकसभा में नारे लगाए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मणिपुर हिंसा पर बयान देने की मांग की।
विपक्ष के पास तथ्य नहीं है : ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि संसद के 15 दिन बर्बाद करने के बाद जब इनकी जगहंसाई शुरू हो गई कि दिल्ली के बिल पर सब आए पर न तर्क था न कोई अपनी बात ढंग से रख पाया। अब तक जो विपक्ष ने देश को भ्रमित करने का काम किया है, देश का समय और पैसा बर्बाद करने का काम किया है। विपक्ष भाग रहा है क्योंकि तर्क नहीं है, तथ्य नहीं है।
चीन सीमा विवाद और मणिपुर मुद्दे पर स्थगन प्रस्ताव
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मनिकम टैगोर ने चीन के साथ सीमा स्थिति और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया। इसके अलावा राजद सांसद मनोज झा और आप सांसद राघव चंदा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया।
सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट का झटका
दिल्ली शराब घोटाला मामला: सुनवाई 4 सितंबर तक टली
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया को सप्रीमकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। उन्हें फिलहाल अंतरिम जमानत नहीं मिली है, कोर्ट ने मामला 4 सितंबर तक के लिए टाल दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका खारिज नहीं कर रहे हैं, दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की ईडी और सीबीआई दोनों मामले में जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
जस्टिस संजीव खन्ना की अगुआई वाली बेंच ने सुनवाई की। अभिषेक मनु सिंघवी ने उनकी मेडिकल रिपोर्ट पढ़ कर सुनाई, वह पीठ में दर्द, चलने-फिरने में असमर्थ हैं, कोर्ट ने कहा है कि मरीज इंडोर है या आउटडोर. सिंघवी आउट डोर है, इस पर कोर्ट ने कहा कि हम अंतरिम जमानत अर्जी खारिज नहीं कर रहे, ये बीमारी कंट्रोल करने से नियंत्रण में रहती है, उन्हें एम्स या अन्य बड़े अस्पतालों में ले जाने में हमें कोई दिक्कत नहीं है, क्योंकि बीमारी और उसकी गंभीरता से हम इंकार नहीं कर रहे, लेकिन ये जमानत का आधार नहीं हो सकता।
सीबीआई ने जमानत का किया विरोध
हालांकि सीबीआई ने दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत का विरोध किया और इसको लेकर हलफनामा भी दाखिल किया है। दाखिल हलफनामे में कहा है कि सिसोदिया भ्रष्टाचार के गंभीर केस के आरोपी हैं, सिसोदिया को जमानत नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि वह राजनीतिक रूप से प्रभावशाली हैं, इसके अलावा उनकी पत्नी की बीमारी कोई नई बात नहीं है, बल्कि उनका इलाज 23 साल से चल रहा है। एससी ने मनीष सिसोदिया को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि हम नियमित जमानत पर 4 सितंबर को सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने निष्कर्ष निकाला कि पत्नी का स्वास्थ्य इतना गंभीर नहीं है कि सिसोदिया को अंतरिम जमानत दी जा सके।
जवानों ने बचाई बेजुबां की जान
हजरतगंज चौराहे पर पेड़ के ऊपर मांझे में फंसे बेजुबां कौवे को फायर ब्रिगेड की हाइड्रोलिक मशीन द्वारा जवानों ने पेड़ से उतारकर उसकी जान बचायी।
उत्तराखंड में भूस्खलन 13 लोग हुए लापता
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कर्णप्रयाग। मूसलाधार बारिश के कारण उत्तराखंड ऋ षिकेश-बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा में बंद है। 13 लोगों के लापता हाने की खबरे आ रही हैं। कमेड़ा में दलदल में वाहन फंसा है और सुबह से रुद्रप्रयाग, श्रीनगर, ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली सहित कर्णप्रयाग, जोशीमठ, बदरीनाथ व गोपेश्पर आने-जाने वाले करीब 150 वाहन फंसे हैं।
जबकि कर्णप्रयाग में उमा देवी तिराहे के पास एनएच का पुश्ता टूटने से सडक़ पर मलबा और पत्थर गिरे हैं। ऋषिकेश व बदरीनाथ की ओर जाने वाले 100 से अधिक वाहन फंसे हैं। स्थानीय लोगों को कहना है कि कर्णप्रयाग में लगातार एनएच का पुश्ता टूट रहा है। इससे वाहनों सहित स्थानीय लोगों और स्कूली बच्चों को आने-जाने में दिक्कत हो रही है। इसके अलावा कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे पर मल्यापौड़ में गिरा मलबा हटा दिया गया है, जबकि हरमनी में यह हाईवे अभी भी बाधित है।
केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को अदालती नोटिस
इंडिया गठबंधन के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कई राजनीतिक दलों को संक्षिप्त नाम भारतीय राष्टï्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (आई.एन.डी.आई.ए) के उपयोग पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की गई। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ के समक्ष याचिका पर आज सुनवाई हुई। हाकोर्ट ने केंद्र सरकार, चुनाव आयोग और विपक्षी दलों को नोटिस जारी किया है।
याचिकाकर्ता गिरीश उपाध्याय ने अधिवक्ता वैभव सिंह के माध्यम से कहा कि कई राजनीतिक दल हमारे राष्ट्रीय ध्वज को अपने गठबंधन के लोगों के रूप में उपयोग कर रहे हैं, जो कि निर्दोष नागरिकों की सहानुभूति और वोट हासिल करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक और रणनीतिक कदम है। यह चिंगारी जो राजनीतिक घृणा को जन्म दे सकती है जो अंतत: राजनीतिक हिंसा को जन्म देगी।
याची का आरोप- राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से कर रहे इस्तेमाल
याचिका में आरोप लगाया गया कि राजनीतिक दल दुर्भावनापूर्ण इरादे से संक्षिप्त नाम इंडिया का उपयोग कर रहे हैं जो न केवल हमारे देश में बल्कि विभिन्न अंतरराष्ट्रीय प्लेटफार्मों पर भी हमारे महान राष्ट्र यानी भारत की सद्भावना को कम करने के लिए कारक के रूप में कार्य करेगा। याचिका में कहा गया कि इन राजनीतिक दलों के कृत्य से आगामी 2024 के आम चुनाव के दौरान शांतिपूर्ण, पारदर्शी और निष्पक्ष मतदान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जिससे नागरिकों को अनुचित हिंसा का सामना करना पड़ सकता है और देश की कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है।