राठीखेड़ा में प्रदर्शन उफान पर, इंटरनेट सेवाएं बंद

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा क्षेत्र में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में किसानों का 15 महीनों से जारी आंदोलन बुधवार को उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी और पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा क्षेत्र में एथेनॉल फैक्ट्री के विरोध में किसानों का 15 महीनों से जारी आंदोलन बुधवार को उग्र हो गया। प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की दीवार तोड़ दी और पुलिस वाहनों में तोड़फोड़ की। स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागकर भीड़ को काबू में करने की कोशिश की, जिसमें 50 से ज्यादा किसान घायल हो गए।

ग्रामीणों ने फैक्ट्री के खिलाफ आगजनी करते हुए प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। बढ़ते तनाव को देखते हुए गुरुवार को भी इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। पूरा क्षेत्र छावनी में तब्दील हो गया है। सुरक्षा उपायों के तहत प्रशासन ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। स्थानीय किसानों का कहना है कि वे लंबे समय से फैक्ट्री के पर्यावरण और खेती पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिसके चलते विरोध अब तेज हो गया है।

राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के राठीखेड़ा में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों का विरोध बढ़ता जा रहा है. बुधवार को ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा. आगजनी करते हुए प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. तनाव को देखते हुए गुरुवार को भी इलाके में भारी पुलिसबल की तैनाती है. पूरा इलाका छावनी में तब्दील है. साथ ही क्षेत्र में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.

राठीखेड़ा क्षेत्र में 450 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली एथेनॉल फैक्ट्री का किसान पिछले 15 महीनों से विरोध कर रहे हैं. किसानों का कहना है कि इस प्लांट से इलाके में प्रदूषण बढ़ेगा, भूजल स्तर पर असर पड़ेगा और खेती को नुकसान होगा. हनुमानगढ़ के एसपी हरीशंकर ने कहा कि हिंसा में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, वहीं कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. बवाल करने वालों के खिलाफ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.

फैक्ट्री की चहारदीवारी तोड़ी
बुधवार को दोपहर टिब्बी एसडीएम कार्यालय के सामने किसानों की एक बड़ी सभा हुई. इसके बाद शाम करीब चार बजे हजारों किसान ट्रैक्टरों के साथ राठीखेड़ा में निर्माणाधीन फैक्ट्री साइट पर पहुंच गए और दीवार गिरा दी. इसी दौरान पुलिस से टकराव की स्थिति बन गई, जो बाद में हिंसक रूप ले गई. आक्रोशित भीड़ ने 18 वाहनों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी.

50 से अधिक किसान घायल
स्थिति नियंत्रण से बाहर होती देख पुलिस ने लाठीचार्ज किया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. 50 से अधिक किसान घायल हो गए, जबकि संगरिया क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया भी चोटिल बताए जा रहे हैं. प्रशासन की ओर से पहले भी 18 नवंबर को किसानों को हटाने के लिए कार्रवाई की गई थी और इलाके में धारा 163 लागू की गई थी, जिसके बाद फैक्ट्री की चहारदीवारी का निर्माण फिर से शुरू कराया गया था.

कांग्रेस ने साधा निशाना
कांग्रेस ने इस पूरे मामले में सरकार पर हमला बोलते हुए चेतावनी दी है कि जब तक फैक्ट्री को बंद नहीं किया जाता, आंदोलन जारी रहेगा. उधर, प्रशासन शांति बहाली की कोशिशों में जुटा है और हालात पर कड़ी नजर रखे हुए है. राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हनुमानगढ़ के टिब्बी में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा किए गए बल प्रयोग की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. आंदोलन में किसानों की आवाज उठाने वाले युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक श्री अभिमन्यु पूनिया के घायल होने की खबर बेहद चिंताजनक है.

यह एथेनॉल प्लांट चंडीगढ़ स्थित ड्यून इथेनॉल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा लगाया जा रहा है. कंपनी का दावा है कि राठीखेड़ा में बन रहा 40 मेगावाट क्षमता वाला यह प्लांट केंद्र सरकार की एथेनॉल ब्लेंडेड पेट्रोल (EBP) योजना को मजबूती देगा.

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