क्या TB के मरीजों के लिए डायबिटीज है खतरनाक, जानिए हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह 

4PM न्यूज़ नेटवर्क: हर साल 24 मार्च को वर्ल्ड टीबी डे (World TB Day) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य संक्रमित और जानलेवा बीमारी टीबी यानी तपेदिक बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना है। दरअसल, टीबी (क्षय रोग) और डायबिटीज (मधुमेह) दोनों ही गंभीर बीमारियां हैं, लेकिन जब कोई व्यक्ति इन दोनों से एक साथ ग्रसित होता है, तो स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, डायबिटीज से पीड़ित लोगों को टीबी होने का खतरा अधिक होता है। और उनके लिए इसका इलाज भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस मानाया जाता है।

बताया जा रहा है कि भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य जो निर्धारित किया था, उस पर हम कहां तक खड़े उतरे हैं। वहीं रिपोर्ट में WHO ने स्वीकार किया है कि 2015 से TB के छूटे हुए मामलों के अंतर को कम करने में भारत ने जबरदस्त प्रगति की है। निश्चित रूप से यह रिपोर्ट भारत के लिए सराहनीय है।

जानिए कैसे होता है TB?

आपको बता दें कि TB एक ऐसी बीमारी है जो कि सांस के माध्यम से फैलती है जिसे हम ड्रॉपलेट इंफेक्शन कहते हैं। देखा जाय तो भारत में टीबी होना बहुत ही सामान्य है। टीबी की बीमारी एक से दूसरे के बीच संक्रमण के जरिये हो सकती है। यदि किसी को सांस की टीबी है या लंग्स की टीबी है तो यह एक से दूसरे को फैल सकती है। यह बीमारी शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है।

ऐसे में आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव के तरीके। खासकर डायबिटीज के मरीजों को अगर TB की बीमारी हो जाए तो उसे क्या करना चाहिए?

TB और डायबिटीज होने का खतरा

डायबिटीज के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिससे टीबी के बैक्टीरिया के लिए फेफड़ों में प्रवेश करना आसान हो जाता है। डायबिटीज के कारण होने वाला क्रोनिक इन्फ्लेमेशन भी टीबी का खतरा बढ़ाता है। डायबिटीज के कारण फेफड़ों के माइक्रोवास्कुलेचर में बदलाव हो जाता है, जिससे टीबी का प्रवेश आसान हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसी को टीबी और डायबिटीज दोनों हैं, तो उसके लिए निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं।

  1. टीबी की दवाएं ब्लड शुगर को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे डायबिटीज कंट्रोल में नहीं रहता।
  2. शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, जिससे इलाज में अधिक समय लग सकता है।
  3. फेफड़ों को ज्यादा नुकसान हो सकता है, जिससे सांस लेने में परेशानी बढ़ सकती है।
  4. कई मामलों में इलाज के बाद भी टीबी दोबारा हो सकती है।

जानिए कैसे करें बचाव?

  • नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच कराएं, खासकर अगर आप टीबी के मरीज हैं।
  • धूम्रपान और शराब से बचें, क्योंकि ये दोनों बीमारियों को और बढ़ा सकते हैं।
  • ऐसे में डॉक्टर की सलाह के बिना TB या डायबिटीज की दवाएं न छोड़ें।
  • संतुलित आहार लें, जिसमें अधिक फल, सब्जियां और प्रोटीन हो।
  • नियमित व्यायाम करें, ताकि ब्लड शुगर कंट्रोल में रहे।

 

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