भारत की जीत के बाद ‘मैतेई झंडे’ के साथ दिखे जैक्सन सिंह, सोशल मीडिया पर मचा बवाल
नई दिल्ली। भारतीय फुटबॉल टीम ने 9वीं बार सैफ चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया है। सुनील छेत्री की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने धडक़न बढ़ा देने वाले फाइनल मुकाबले के पेनाल्टी शूटआउट में 5-4 से कुवैत को पटखनी देते हुए खिताब पर कब्जा जमा लिया। वहीं, फाइनल मुकाबले में मिली जीत के बाद भारतीय टीम के खिलाड़ी जैक्सन सिंह अपनी हरकतों की वजह से चर्चा में आ गए हैं।
शानदारी जीत हासिल करने के बाद जब खिलाडिय़ों को सम्मानित किया जा रहा था तो जैक्सन सिंह मैतेई समुदाय के झंडे को अपने शरीर में लपेटे हुए नजर आए। झंडे के साथ उनकी तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। झंडे का अब सीधा संबंध मणिपुर हिंसा से निकाला जा रहा है। मणिपुर में मैतेई समुदाय और कुकी समुदाय के बीच टकराव की स्थिति देखने को मिली है।
मणिपुर पिछले दो महीने से हिंसा की आग में झुलस रहा है। 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारों की संख्या में लोग अपने घरों को छोडक़र राहत शिवरों में रहने को मजबूर हैं। भारत की फुटबॉल टीम में तीन खिलाड़ी जैक्सन सिंह, उदंता सिंह और महेश सिंह मणिपुर से आते हैं। इन तीनों ही खिलाडिय़ों ने भारत की जीत में अहम भूमिका भी निभाई है, लेकिन जैक्सन अपनी एक हरकत की वजह से ट्रोल हो गए।
देश के लिए खेल रहे एक फुटबॉलर की ओर से की गई इस हरकत को लेकर सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। कुछ यूजर्स ने उन्हें ‘अनप्रोफेशनल’ तो कुछ ने ‘अलगाववादी’ तक बता दिया। हालांकि, विवाद के तुल पकड़ते देख जैक्सन सिंह की ओर से पूरे मामले पर सफाई भी दी गई है। जैक्सन सिंह ने कहा है कि उन्होंने इसलिए झंडे को शरीर में लपेटा था क्योंकि वह इसके जरिए मणिपुर में शांति का संदेश देना चाहते थे। वो चाहते थे कि उनके गृह राज्य में शांति लौटे।
कुछ यूजर्स ने फुटबॉलर की हरकत की निंदा करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है। लोगों ने कहा कि जैक्सन को यह पता होना चाहिए कि यह कोई राज्य स्तर की प्रतियोगिता नहीं बल्कि इंटरनेशनल टूर्नामेंट था जहां वो भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे न कि मणिपुर या फिर मैतेई समुदाय का।