जेल में बंद जफर अली की जान को खतरा, बड़े भाई ताहिर ने पुलिस प्रशासन पर लगाया गंभीर आरोप

4PM न्यूज़ नेटवर्क: संभल हिंसा मामले में सदर जफर अली एडवोकेट को SIT ने 4 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। जमानत याचिका खारिज करते हुए जफर अली को जेल भेज दिया गया। लेकिन इस बीच खबर सामने आ रही है कि बड़े भाई ताहिर अली एडवोकेट ने जेल में उनकी जान को खतरा बताया है। सदर जफर अली के भाई ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जफर अली के भाई एडवोकेट मोहम्मद ताहिर अली ने कहा जेल में अपने भाई की जान को खतरा बताया है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस उनसे बदतमीजी के साथ पेश आ रही है यही नहीं उन्हें समय पर दवाई भी नहीं देने दी जा रही ।
जेल में जफर की जान को खतरा: ताहिर अली
ताहिर अली ने कहा कि जेल में उनसे मुलाकात भी नहीं करने दी जा रही है। पुलिस उनके साथ बहुत ही बदतमीजी से पेश आ रही है जैसे कि वो कोई हार्डकोर क्रिमिनल हों। वो 70 साल के हैं, पुलिस प्रशासन ने हद कर दी है। वहीं जफर अली ने हर मौके पर प्रशासन का सहयोग किया है। प्रशासन का जो सहयोग किया है उसका इनाम जफर अली को मिला है। साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हमें भरोसा है कि हमें न्यायालय से न्याय मिलेगा। हमने 27 तारीख कर कलमबंद हड़ताल कर दी है कोई अधिवक्ता यहां काम नहीं करेगा। ऐसे में हमारी मांग है कि जफर अली को बिना शर्त रिहा करो और उनसे जेल में मिलने दिया जाए।
ताहिर अली ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा कि जफर के परिजन को जेल में उनसे मुलाकात नहीं करने दी जा रही है। ऐसा बर्ताव किया जा रहा है कि जैसे वह (जफर) कोई दुर्दांत अपराधी हों। उन्होंने कहा कि ”जेल में जफर की जान को खतरा है। उनकी उम्र 70 वर्ष है और उन्हें दवा भी उपलब्ध कराने नहीं दी जा रही है। पुलिस बदतमीजी के साथ पेश आ रही है।”
दरअसल, 24 नवंबर, 2024 को अदालत के आदेश पर जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हिंसा शुरू हुई थी। हिंसा का आरोप एक धर्म विशेष के लोगों पर है। सर्वे करने गई टीम पर पथराव और उनकी सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर हमला करके सर्वे के काम को बाधित किया था। प्रदर्शनकारी विरोध करते हुए पुलिस से भिड़ गए थे। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत हो गई थी। इस पूरी हिंसा की जांच SIT कर रही है।