तिहाड़ में सत्येंद्र जैन की ‘तन्हाई’ दूर करने में जुटे जेल सुपरिटेंडेंट पर गिरी गाज, 3 और अफसर भी हटे
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के सबसे बड़े अड्डे के रूप में बदनाम और अपनी हदों के भीतर दुनिया भर के अपराधियों को बंद किए रखने वाली तिहाड़ जेल में आए दिन कोई न कोई बवाल हो ही रहा है। अब पता लगा है कि यहां बीते साल से बंद पड़े दिल्ली के तत्कालीन स्वास्थ्य और जेल मंत्री सत्येंद्र जैन कई जेल अफसरों को ले डूबे हैं। दिल्ली जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल ने ऐसे कई जेल अफसरों पर गाज गिराकर उन्हें ठिकाने लगा दिया है, जो सत्येंद्र जैन की सेवादारी करके जेल कोठरी में उनकी ‘तन्हाई’ दूर करने में दिन-रात जुटे हुए थे।
डीजी जेल के इस कदम से दिल्ली की 16 जेलों में हडक़ंप मचा है। सत्येंद्र जैन की बोरियत दूर करने में जुटे मिले तिहाड़ की जेल नंबर-7 के जेल अधीक्षक को फिलहाल दिल्ली जेल महानिदेशालय से ही अटैच कर दिया गया है। जेल महानिदेशालय सूत्र भी ऊपर लिखी तमाम बातों की पुष्टि करते हैं। जानकारी के मुताबिक, डीजी जेल संजय बेनीवाल ने हाल-फिलहाल जिन चार जेलों के अधीक्षकों को हटाकर ठिकाने लगाया है, उन्हीं में एक जेल सुपरिटेंडेंट राजेश चौधरी भी शामिल हैं, जो अभी तक उसी तिहाड़ जेल नंबर-7 के अधीक्षक हुआ करते थे, जिसकी कोठरी में बंद सत्येंद्र जैन के ऊपर हावी हो चुकी बोरियत यानी तन्हाई डस रही थी।
राजेश चौधरी को फिलहाल सत्येंद्र जैन की जेल से हटाकर तत्काल प्रभाव से जेल महानिदेशालय में बैठा दिया गया है। मतलब अब इन्हें हाल-फिलहाल किसी भी जेल का सुपरिटेंडेंट नहीं बनाया गया है, क्योंकि जेल में बंद पूर्व जेल और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की ‘सेवादारी’ के चलते इन्होंने दिल्ली जेल प्रशासन की जमकर फजीहत कराई है।
इसके अलावा राकेश सिंघल और विनोद कुमार यादव और राजकुमार (तीनों जेल सुपरिटेंडेंट) को भी जेल महानिदेशक ने उनके मौजूदा पद से हटा दिया है। तिहाड़ जेल नंबर-7 में बंद सत्येंद्र जैन की सेवादारी करवा रहे राजेश चौधरी की जगह पर अब विनोद कुमार को वहां का नया जेल सुपरिटेंडेंट बनाया गया है। यहां बताना जरूरी है कि कुछ वक्त पहले तिहाड़ जेल नंबर-7 में बंद पड़े पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन ने एक एप्लीकेशन 11 मई 2023 को जेल नंबर-7 के अधीकक्षक (राजेश चौधरी) को लिखा था, जिसमें सतेंद्र जैन ने कहा था कि उन्हें जेल कोठरी का अकेलापन (तन्हाई) बेहद खल रहा है।
इस कदर की बोरियत है कि मन ही नहीं लग रहा है। उसी एप्लीकेशन के बदले में तत्कालीन जेल अधीक्षक और अब निपटाए जा चुके राजेश चौधरी ने, सत्येंद्र जैन की बोरियत दूर करने के लिए कुछ कैदी ले जाकर सतेंद्र जैन की सेवा में लगा दिए थे। यह सेवादारी ही तत्कालीन जेल सुपरिंटेंडेंट को लेकर डूब गई। ऊपर से दिल्ली जेल प्रशासन की जग-हंसाई जमाने में हुई सो अलग।
यहां बताना जरूरी है कि एक साथ चार-चार जेल सुपरिटेंडेंट्स को ठिकाने लगाने से ठीक एक दिन पहले ही दिल्ली जेल महानिदेशक संजय बेनीवाल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिलने पहुंचे थे। उसके बाद ही कहा जा रहा है कि यह जबरदस्त एक्शन अंजाम दिया गया। जेल महानिदेशालय के एक विश्वस्त सूत्र ने बुधवार को टीवी9 से विशेष बातचीत में कहा कि तिहाड़ जेल नंबर-7 में पूर्व जेल मंत्री की तन्हाई और बोरियत दूर करने के लिए जिन जेल अधीक्षक राजेश चौधरी ने एक झटके में फटाफट 2-2 सेवादार कैदी तैनात कर डाले थे।
उन राजेश चौधरी से यह सब करने-धरने की वजह जानने के लिए जेल महानिदेशालय ने नोटिस भी भेजा है कि वे इस बात का जवाब दें कि बिना जेल महानिदेशालय की जानकारी में लाए बिना ही उन्होंने किस कानूनी अधिकार के तहत, जेल मंत्री की जेल में तन्हाई या बोरियत दूर करने के लिए, दो-दो कैदी तैनात कर दिए। हालांकि अभी तक संबंधित और हटाए जा चुके जेल अधीक्षक ने इस नोटिस के बारे में कोई जवाब जेल महानिदेशालय को दाखिल नहीं किया है।