अनुच्छेद 370 पर सुनवाई- सिब्बल की दलील को जज ने किया खारिज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को खत्म करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दूसरे दिन की सुनवार्इा शुरू की। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ सोमवार और शुक्रवार को छोडक़र दैनिक आधार पर याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।
वकील काबिल सिब्बल ने अपनी दलील रखते हुए कहा कि धारा 370 को छुआ नहीं जा सकता। अन्य सभी चीजें हो सकती हैं। जिसके जवाब में जस्टिस खन्ना ने कहा कि यह नहीं कहते कि अनुच्छेद 370 को छुआ नहीं जा सकता! वास्तव में, इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि इसे छुआ जा सकता है। सिब्बल ने कहा कि 370(1)(सी) या अनुच्छेद 3, नहीं कर सकते! एक सीमांत नोट यह नहीं कह सकता कि यह अस्थायी है इसलिए मैंने इसे इस तरह पढ़ा। ऐसा नहीं किया जा सकता। अब आपको भारत के संविधान के प्रावधानों को लागू करना है। और वे सभी क्रम में सम्मिलित हैं। तो 356 वहां आता है, भाग तीन, प्रस्तावना, डीपीएसपी- वहां आते हैं लेकिन यह सब सहमति के साथ है।
सिब्बल ने कहा कि यह 370 क्या है इसकी वास्तविक समझ का सवाल है। जवाब में न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि यहां अपवाद यह है कि संपूर्ण संविधान को अपनाया गया है, जो कि किए गए संशोधनों के अधीन है। सिब्बल ने कहा कि हां, अनुच्छेद 1 और 3 के अलावा हम जिस तरह से व्याख्या कर सकते हैं, कर सकते हैं। मैं दिखा सकता हूं कि अनुच्छेद 370 कैसे स्थायी है।

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