सुप्रीम कोर्ट में जातिगत जनगणना का मामला: जस्टिस संजय करोल ने सुनवाई से खुद को अलग किया

नई दिल्ली। जातीय जन-गणना पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने वाली है। सुनवाई होने से पहले जस्टिस संजय करोल ने इस मामले से खुद को अलग कर लिया। कोर्ट में जो सुनवाई होगी उसमें जस्टिस करोल शामिल नहीं होंगे। संजय करोल सुप्रीम कोर्ट के जज बनने से पहले पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। खुद को सुनवाई से अलग करके के पीछे उन्होंने कोई वजह नहीं बताई। बता दें कि वर्ष 1983 में वकालत शुरू करने वाले संजय करोल हिमाचल हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस, त्रिपुरा के चीफ जस्टिस और पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके हैं।
इधर, पटना हाईकोर्ट ने 04 मई को अंतरिम फैसले में बिहार सरकार के तर्क को अस्वीकार किया था कि वह जाति आधारित गणना थी। पटना हाईकोर्ट ने 03 जुलाई को अगली तारीख देते हुए बिहार में जाति आधारित जनगणना पर अंतरिम रोक लगाई थी तो सरकार ने जल्द तारीख देने की अपील की। वह अपील भी बेकार गई तो हाईकोर्ट के अंतरिम फैसले में अंतिम फैसले का लक्षण मानते हुए बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। बुधवार को सुप्रीम अदालत में इसकी सुनवाई होने वाली है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पास तीसरी बार यह केस पहुंच रहा है। पहले, दो बार बिहार में जातीय जनगणना को असंवैधानिक करार देने के लिए याचिकाकर्ताओं ने अपील की थी। दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट ने इसे हाईकोर्ट का मसला करार दिया। दोनों बार बिहार सरकार को राहत मिली, लेकिन जब पटना हाईकोर्ट ने राज्य की नीतीश कुमार सरकार के निर्णय के खिलाफ अंतरिम फैसला सुनाते हुए जुलाई की तारीख दे दी तो अब तीसरी बार यह केस सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा है। बुधवार को छह नंबर कोर्ट में 47वें नंबर पर इसकी सुनवाई होगी।

Related Articles

Back to top button