कर्नाटक सीएम के लिए सिद्धारमैया का नाम फाइनल कल ले सकते हैं मुख्यमंत्री पद की शपथ

नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नीतजों के चार दिन बाद आखिरकार मुख्यमंत्री पद पर कौन काबिज होगा, इसको लेकर तस्वीर लगभग साफ होती दिख रही है. राजनीतिक सूत्रों की मानें तो सिद्धारमैया ही कर्नाटक के अलगे मुख्यमंत्री होंगे. इतना ही नहीं 18 मई को वे प्रदेश के नए सीएम पद की शपथ भी ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि, डीके शिवकुमार को लेकर भी आलाकमान ने बड़ा फैसला लिया है. डीके को डिप्टी सीएम समेत कुछ अहम जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती है. दरअसल नतीजे आने के बाद से ही सीएम पद को लेकर कांग्रेस में घमासान जारी था. यही वजह है कि, बीते कुछ दिनों से दिग्गज नेता दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं.
कर्नाटक कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व सीएम सिद्धारमैया बीते चार दिन से दिल्ली में हैं. इस दौरान वे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े से कई दौर की बातचीत कर चुके हैं. वहीं सूत्रों के मुताबिक वे बुधवार को राहुल गांधी के निवास पर उनसे मिलने जा रहे हैं. बताया जा रहा है कि आलाकमान ने सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी है. सिद्धा को कर्नाटक अगला मुख्यमंत्री बनाना लगभग तय है.
सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगने के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं. जैसे कर्नाटक के कांग्रेस नेताओं में सिद्धारमैया का कद काफी बड़ा है. वे लंबे समय से कांग्रेस के प्रदेश में मजबूत बनाए हुए हैं. उन्होंने अपने पॉलिटिकल करियर में कुल 12 चुनाव लड़े हैं इनमें 9 में जीत हासिल की है. यानी उनकी जीत का रेशो शानदार रहा है. क्रिकेट की भाषा में कहें तो सिद्धारमैया का स्ट्राइक रेट बेहतरीन है. जो किसी भी पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
इसके अलावा सिद्धरमैया पर फिलहाल कोई बड़ा मामला दर्ज नहीं है. वो बेदाग हैं और अनुभवी भी. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान के सामने डीके के मुकाबले उनका पलड़ा काफी भारी था.
सिद्धारमैया पहले ही प्रदेश की कमान बखूबी संभाल चुके हैं. 1994 में उन्होंने जनता दल सरकार में रहकर कर्नाटक के सीएम की भूमिका निभाई. किसी भी सीएम पद के नेता में एक बड़ी क्वालिटी का होना बहुत जरूरी है और वो है भ्रष्टाचार मुक्त छवि. सिद्धारमैया की इमेज कुछ ऐसी ही है. क्योंकि उनके खिलाफ किसी भी तरह के भ्रष्टाचार का कोई मामला नहीं है.
सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगने की बड़ी वजहों में एक कारण यह भी है कि वे गांधी फैमिली के नजदीकी माने जाते हैं. इतना ही नहीं मल्लिकार्जुन खडग़े जो मौजूदा कांग्रेस अध्यक्ष वो पहले से ही सिद्धा के काफी करीबी रहे हैं. सिद्धारमैया को जनता दल से कांग्रेस में शामिल करने के पीछे खडग़े का भी बड़ा रोल रहा है.

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