जनता अब बहकावे में नहीं आएगी: कमलनाथ
- बोले- जिसे जनता स्वीकार करेगी, वही कांग्रेस का होगा मुख्यमंत्री
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। कमलनाथ ने कहा कि भाजपा और शिवराज सिंह चौहान जनता को कितना भी गुमराह करने का प्रयास करें, प्रदेश की जनता अब इनके बहकावे में आने वाली नहीं है। अभी हाल ही में महाकाल लोक में घोटाला हुआ। सप्तर्षियों की मूर्तियां किस प्रकार हवा के झोंके से गिर गईं, कोई भूकंप नहीं आया कोई टक्कर नहीं लगी सिर्फ तेज हवा चलने मात्र से मूर्तियां गिर गईं।
कई मूर्तियों में दरारें आ चुकी है। नंदी द्वार का कलश टूट कर गिर गया। भारतीय जनता पार्टी ने भ्रष्टाचार करने में महाकाल से भी परहेज नहीं किया। कांग्रेस के मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कमलनाथ ने कहा कि हमारे नेताओं ने जो भी बातें कही हैं, वह आपने भी सुनी हैं और मैंने भी सुनी हैं।
इसमें कोई बेचैनी वाली बात नहीं। अंत में वही चेहरा होगा जिसे जनता स्वीकार करेगी। मैं मई मैं प्रदेश अध्यक्ष बना था। नवंबर में चुनाव थे, मध्यप्रदेश में काफी लोग मुझे पहचानते नहीं थे। मेरी कार्यशैली से वाकिफ नहीं थे, परंतु आज ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश का हर वर्ग कमलनाथ को और कमलनाथ की कार्यशैली को जानता और पहचानता है।
2016 के गोलीकांड के दोषियों को बचा रही शिवराज सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ बुधवार को मंदसौर के पिपलिया मंडी में मप्र के सीएम शिवराज पर 2016 के गोलीकांड में मारे गए किसानों के दोषियों को बचाने को आरोप लगाय। वहीं, उन्होंने कांग्रेस के सीएम प्रत्याशी को लेकर साफ कहा कि जनता जिसे चाहेगी, वही होगा कांग्रेस का मुख्यमंत्री होगा। कमलनाथ ने मंदसौर में मीडिया से बातचीत करते हुए शिवराज सरकार पर मंदसौर गोलीकांड के दोषियों को बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन 2016 में मंदसौर की पिपलिया मंडी में शिवराज सरकार की गोलियों से छह किसान शहीद हो गए थे। शिवराज सरकार ने आज तक इस गोलीकांड की जांच रिपोर्ट विधानसभा के पटल पर नहीं रखी। इससे साफ है कि शिवराज सरकार दोषियों को बचा रही है। ऐसी सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंकना हम सबकी जिम्मेदारी है। कमलनाथ ने कहा कि जिस दिन हमारे मंदसौर में गोली कांड हुआ था, किसान क्या मांग रहे थे? न्याय मांग रहे थे। फसलों का सही मूल्य मांग रहे थे और मिला क्या? पुलिस की गोलियां।
महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने पर कांग्रेस के वीडियो पर बवाल
उज्जैन। उज्जैन के महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने से जड़े एक वीडियो ने साधु-संतों को नाराज कर दिया है। इस वीडियो में भगवान शिव और नारद मुनि के कैरेक्टर के बीच महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने के मामले में बातचीत दिखाई गई है। इसके अंत में शिव यह कहते दिख रहे हैं कि अब कमलनाथ को लाना ही होगा। 46 सेकेंड के इस वीडियो पर संत समाज ने कहा है कि कांग्रेस को धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।
परमहंस अवधेश पुरी ने कहा, भगवान शिव और नारद मुनि का इस तरह दुरुपयोग करना सनातन धर्म और संस्कृति के खिलाफ है। कांग्रेस को ऐसी नौटंकी कर धर्म का मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। यह हम सहन नहीं करेंगे। यह नहीं रुका, तो हम कोर्ट तक जाएंगे। रही बात भ्रष्टाचार की, तो इसकी जांच चल ही रही है। वहीं, महामंडलेश्वर शैलेशानंद ने कहा, राजनीति में गिरती हुई भाषा का प्रयोग हम देख रहे हैं। हमारे आराध्य देवों को भी राजनीति में खींचा जा रहा है, ये उचित नहीं है। इस प्रकार के कृत्य से दूर रहना चाहिए।
कांग्रेस पर कोई भरोसा नहीं करेगा : पारस
पूर्व मंत्री और विधायक पारस जैन ने कहा कि वीडियो में मैंने भी देखा है। कांग्रेस की मति मारी गई है। भगवान शिव का नाम लेकर कह रहे हैं कि कांग्रेस को, कमलनाथ को लाना पड़ेगा। इस तरह के वीडियो से न तो जनता गुमराह होगी और न ही कांग्रेस पर कोई भरोसा करेगा। मैं समझता हूं कि महाकाल का नाम लेकर इस तरह का प्रचार नहीं करना चाहिए।