कंगना ने कराई मोदी की फजीहत! सामना ने लगा दी BJP की लंका

मुंबई। लोकसभा चुनावों के आगाज में अब सिर्फ 10-11 दिनों का समय बाकी रह गया है। आगामी 19 अप्रैल को देश के अंदर लोकसभा चुनावों के पहले चरण का मतदान होना है। ऐसे में देश के अंदर सियासी पारा पूरी तरह से हाई है। और राजनीतिक दलों के द्वारा सियासी बयानवाजी व एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी लगातार चल रहा है। यही वजह है कि देश के अंदर सियासी सरगर्मी काफी बढ़ गई है। इस बीच 48 लोकसभा सीटों वाले महाराष्ट्र में भी सियासी तापमान आसमान छू रहा है। यहां आए दिन सियासी घटनाक्रम बदल रहे हैं और प्रदेश की राजनीति एक नया करवट ले रही है। महाराष्ट्र में नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाने का खेल भी लगातार जारी ही है। शायद ही कोई दिन ऐसा जाए जब नेताओं का पाला बदलने का खेल न चले। ऐसे में प्रदेश के अंदर लगातार सत्ता पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर हमलावर हो रहे हैं। अब जितना-जितना चुनाव करीब आ रहा है सियासी हमले बढ़ते जा रहे हैं।

इस बीच शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामना ने अब भाजपा पर व हिमाचल प्रदेश के मंडी से बीजेपी प्रत्याशी बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पर निशाना साधा है और उन पर तंज कसा है। बता दें कि जबसे भाजपा ने कंगना को अपना प्रत्याशी बनाया है तबसे लगातार ही कंगना की आलोचना हो रही है और वो चर्चा में बनी हुई हैं। तो वहीं अपने कुछ हालिया बयानों को लेकर कंगना रनौत और भी ट्रोलर्स के निशाने पर आ गई हैं। एक इंटरव्यू में पहले कंगना रनौत ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजाद भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया था। तो वहीं अपने एक अन्य बयान में कंगना ने कहा था कि सरदार वल्लभ भाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री इसलिए नहीं बन पाए क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। अब अपने इन्हीं बयानों को लेकर कंगना लगातार विरोधियों व लोगों के निशाने पर बनी हुई हैं। और उन्हें ट्रोल भी किया जा रहा है। इसी बीच सामना ने भी कंगना रनौत पर तंज कसते हुए निशाना साधा है।

शिवसेना यूबीटी के मुखपत्र सामने के संपादकीय में लिखा गया कि कंगना ने सवाल पूछा है कि सुभाष चंद्र बोस को प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनाया गया? जिन्होंने देश की आजादी का ऐलान किया, उन्हें क्यों गायब किया गया? उन्हें भारत आने से किसने रोका? मूलत: कंगना का भारतीय इतिहास से कोई संबंध नहीं रहा है। शिवसेना (यूबीटी) की ओर से तंज कसते हुए कहा गया कि कंगना के मुताबिक, देश आजाद हुआ मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद। यानी 2014 में। इससे पहले यह देश गुलामी में था और उस लिहाज से कंगना जैसे लोग ही असली स्वतंत्रता सेनानी हैं। दरअसल, पिछले दिनों कंगना रनौत ने एक इंटरव्यू में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को आजाद भारत का प्रथम प्रधानमंत्री बताया था। और बाद में इस पर उन्होंने अपनी सफाई भी दी थी। सामना में आगे लिखा गया कि कंगना रनौत ने नेताजी बोस के बारे में जो सवाल पूछा है, उसका जवाब एक स्कूली बच्चा भी देगा। 18 अगस्त 1945 को बोस की एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई। सितंबर 1945 को उनकी अस्थियां जापान पहुंचीं। जब बोस की मृत्यु हुई तब गांधी-नेहरू, सरदार पटेल के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम अपने चरम पर था।

लेकिन इसी दौरान नेताजी बोस की मृत्यु हो गई थी। इसलिए बोस कहां थे? यह प्रश्न निरर्थक है। वहीं कंगना रनौत के सरदार पटेल को लेकर दिए गए बयान पर भी शिवसेना (यूबीटी) की ओर से अपने मुखपत्र सामना में वार किया गया। सामना में लिखा कि एक इंटरव्यू में कंगना ने एक और अक्ल भरी बात कही। कंगना ने कहा कि सरदार पटेल केवल इसलिए प्रधानमंत्री पद पर नहीं बैठ सके क्योंकि उन्हें अंग्रेजी नहीं आती थी। सामना ने इस बयान पर वार करते हुए कहा कि सच तो यह है कि सरदार पटेल उच्च शिक्षित थे। वह अंग्रेजी में पारंगत थे। सरदार पटेल ने 1913 में इंग्लैंड के इन्स ऑफ कोर्ट से कानून की डिग्री प्राप्त की। 1950 में सरदार पटेल की मृत्यु हो गई। भारत में पहला लोकसभा चुनाव 1951-52 में हुआ था। इसलिए भाजपाई कंगना अपना अपार ज्ञान लुटाकर इतिहास खत्म न करें। सामना ने आगे लिखा कि बेशक, मुंबई पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर है खुलेआम ऐसा कहने वाली कंगना से आप ज्ञान की क्या उम्मीद कर सकते हैं?

जाहिर है कि कंगना रनौत लगातार विरोधियों व लोगों के निशाने पर बनी हुई हैं। और वैसे भी कंगना के लिए ये कोई बड़ी बात नहीं है। क्योंकि कंगना रनौत अक्सर ही ऐसे ऊटपटाक बयान देती रहती हैं। कभी बीफ खाने को गलत न मानने वाली कंगना और खुद को बहुंत बड़ा सनातनी और प्राउड हिंदू बता रही हैं। क्योंकि अब वो बीजेपी की प्रत्याशी हैं। वैसे बता दें कि कंगना रनौत पहले ही ये बयान भी दे चुकी हैं कि देश आजाद ही 2014 में हुआ है। यानी कंगना की आजादी ही अभी सिर्फ 10 वर्ष की हो पाई है। अब ऐसे बयान देने वाली कंगना रनौत से और क्या ही उम्मीद की जा सकती है। वहीं ऐसे इंसान को उम्मीदवार बनाना ये दर्शाता है कि भाजपा को हिमाचल प्रदेश में अपनी बड़ी हार का डर सता रहा है। इसलिए वो कंगना रनौत जैसे लोगों को सिर्फ स्टारडम होने के नाते टिकट थमा रही है और अपना प्रत्याशी बना रही है।

वहीं लोकसभा चुनाव करीब आते ही प्रदेश में सियासी बयानवाजी लगातार तेज होती जा रही है। इस बीच शिवसेना यूबीटी के नेता व विधायक आदित्य ठाकरे ने भी सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला है। शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी जरूरत के समय मदद करने वालों के साथ विश्वासघात करती है। मुंबई उत्तर पूर्व लोकसभा सीट से अपनी पार्टी के उम्मीदवार संजय दीना पाटिल के समर्थन में एक रैली को संबोधित करते हुए आदित्य ने कहा कि बीजेपी ने 2014 में विधानसभा चुनाव अकेले लड़कर शिवसेना को धोखा दिया था। जबकि दोनों पार्टियों के बीच कई दशक लंबा गठजोड़ था। आदित्य ने दावा किया कि इसके बावजूद हम बीजेपी के सहयोगी बने रहे। उसने 2019 में हमारे साथ फिर धोखाधड़ी की और हमने कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन स्वीकार कर लिया।

बीजेपी ने इसके बाद हमारी पार्टी तोड़कर 2022 में सरकार बना ली। बीजेपी को जो भी समर्थन देता है, उसे वह धोखा देती है। आदित्य ठाकरे ने इस दौरान भाजपा पर आरोप लगाते हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का भी जिक्र किया। आदित्य ने जोर देकर कहा कि शिवसेना का हिंदुत्व स्पष्ट रूप से परिभाषित है और बीजेपी के संस्करण से अलग है। शिवसेना बीजेपी के हिंदुत्व के दृष्टिकोण से सहमत नहीं है। उन्होंने बीजेपी पर महाराष्ट्र में दंगे भड़काने का भी आरोप लगाया है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है। महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव पांच चरणों में संपन्न कराये जाएंगे। ज्यादा से ज्यादा सीटों पर अपनी जीत का परचम लहराने के लिए तमाम पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

दूसरी ओर एनसीपी शरद पवार गुट की नेता व लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने भाजपा व महायुति गठबंधन पर जमकर निशाना साधा। मुंबई में कार्यकर्ता संवाद सभा को संबोधित करते हुए एनसीपी शरद पवार की नेता सुप्रिया सुले ने महायुति गठबंधन पर हमला बोलते हुए कहा कि हम सभी को एक साथ खड़ा होना होगा और उन्हें सभी 48 सीटों पर कड़ी टक्कर देनी होगी। वे बारामती से शरद पवार को हराने और खत्म करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। सुप्रिया सुले ने आगे कहा कि वे सभी ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह मेरे खिलाफ हैं। लेकिन मैं उनके खिलाफ लड़ रही हूं, जो बारामती में मेरे खिलाफ हैं और हम निश्चित रूप से जीतेंगे। एनसीपी (एससीपी) प्रमुख शरद पवार का गृह क्षेत्र बारामती है।

जहां उनकी बेटी और 3 बार की सांसद सुप्रिया सुले फिर चुनाव मैदान में है। सुप्रिया सुले को टक्कर देने के लिए अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा पवार को चुनाव मैदान में उतारा है। जाहिर है कि इससे पहले भी सांसद सुप्र‍िया सुले बीजेपी पर भी बड़ा आरोप लगा चुकी है। उन्होंने कहा था कि भगवा पार्टी उनके पिता के करियर को खत्म करना चाहती है। बीजेपी वैचारिक प्रतिद्वंद्वियों से नफरत करती है। सुप्र‍िया सुले ने कहा कि बीजेपी देश की लोकतंत्र व्यवस्था को तानाशाही की ओर ले जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने बारामती सीट से चुनाव जीतने का दावा किया था। सुप्रिया सुले ने कहा कि बारामती लोकसभा सीट पर बीजेपी पूरी तरह हताश है। इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए उनके सभी नेता मेरे खिलाफ एकजुट हो गए हैं। लेकिन, बारामती के वोटर्स उनको करारा जवाब देंगे।

साफ है कि लोकसभा चुनाव करीब आते ही महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई हो रखा है। नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर लगातार हमले बोले जा रहे हैं। वहीं विपक्ष जिस तरह से एकजुट होकर बीजेपी को घेर रहा है, उससे साफ है कि महाराष्ट्र में भाजपा की हालत काफी खराब हो रखी है। ऐसे में बीजेपी के सामने एक बड़ी चुनौती है और उसका 400 पार का सपना भी आए दिन टूटता जा रहा है।

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