दिल्ली में रेखा गुप्ता के साथ प्रवेश-कपिल ने भी ली शपथ, दिल्ली के 6 नए मंत्रियों की तैयार हुई कैबिनेट
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नई दिल्ली। दिल्ली की सत्ता में भारतीय जनता पार्टी की 27 साल बाद वापसी हुई है. रेखा गुप्ता ने गुरुवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. उनके साथ छह मंत्री भी शपथ लिए. शपथ ग्रहण समारोह ऐतिहासिक रामलीला मैदान में आयोजित हुआ. बीजेपी ने मंत्रिमंडल के चयन में हर वर्ग और समुदाय को प्रतिनिधित्व देने की रणनीति अपनाई है.
मुख्यमंत्री के साथ प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, कपिल मिश्रा, रविंद्र इंद्रराज और पंकज सिंह ने मंत्री पद की शपथ ली. रेखा गुप्ता के साथ कुल छह मंत्री रामलीला मैदान में शपथ लिए.
कौन हैं प्रवेश वर्मा?
प्रवेश वर्मा का सियासत से पुराना नाता है. वो दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री रहे साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं. प्रवेश आरके पुरम में स्थिति दिल्ली पब्लिक स्कूल उन्होंने स्कूलिंग की है. इसके बाद किरोड़ीमल कॉलेज से आर्ट में ग्रेजुएट भी हैं. हायर एजुकेशन की बात करें तो प्रवेश वर्मा ने 1999 में स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, कुतुब इंस्टीट्यूशनल एरिया से इंटरनेशनल बिजनेस सब्जेक्ट में एमबीए किया हुआ है.
प्रवेश वर्मा के सियासी करियर की बात करें तो उन्होंने साल 2013 में मुख्यधारा की राजनीति में कदम रखा. उस समय उन्होंने दिल्ली की महरौली विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा था और कांग्रेस के सीनियर नेता रहे योगानंद शास्त्री को हराया था.2014 और 2019 में वे पश्चिमी दिल्ली सीट से सांसद चुने गए. वर्मा ने 4 हजार से ज्यादा वोटों से दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल को चुनाव हराया था.
शिरोमणि अकाली दल छोडक़र बीजेपी में आए थे मनजिंदर सिंह सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा को भारतीय जनता पार्टी ने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था. 52 वर्षीय मनजिंदर सिंह ने इसी सीट पर 55.8त्न वोट लेकर 18,190 वोट से जीत हासिल की थी. बीजेपी में आने से पहले सिरसा शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जुड़े रहे हैं.
उन्होंने 2013 से 2015 और 2017 से 2020 तक दिल्ली विधानसभा के सदस्य के रूप में भी काम किया है.दिसंबर 2021 में मनजिंदर सिंह ने शिअद को छोडक़र भाजपा का दामन थामा था. उन्हें दिल्ली की बीजेपी सरकार में मंत्री गया.
हिंदूवादी चेहरा हैं कपिल मिश्रा
आम आदमी पार्टी छोडक़र भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कपिल मिश्रा करावल नगर सीट से चुनकर आए हैं. बीजेपी ने इस सीट पर सिटिंग विधायक का टिकट काटकर मिश्रा को मैदान में उतारा था. कपिल मिश्रा का नाम उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आया जब दिल्ली दंगे हुए थे. हिंदूवादी नेता के तौर पर पहचाने जाने वाले कपिल मिश्रा दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंबेडकर कॉलेज से बीए और फिर सोशल वर्क में एमए की पढ़ाई की है.
मई 2017 में कपिल मिश्रा के तेवरों ने अरविंद केजरीवाल समेत पूरी आम आदमी पार्टी के नेताओं की नींद उड़ा दी थी. उन्होंने केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के वे आरोप सिद्ध कभी नहीं हो पाए. इसके बाद पहले कपिल को मंत्री पद से हटाया गया फिर बाद में पार्टी से भी बाहर कर दिया गया. 17 अगस्त 2019 को उन्होंने आखिरकार बीजेपी ज्वाइन ही कर ली.
पहली बार विधायक बने और अब बने मंत्री
जनकपुरी से चुनकर आए आशीष सूद भी आज मंत्री पद की शपथ ली. वे दिल्ली में पंजाबी वर्ग का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. पहली बार विधायक बनकर आए सूद मंत्री बनने जा रहे हैं.आशीष ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से की थी. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भी करीबी माने जाते हैं. युवा मोर्चा में भी अहम पदों पर रहे. पार्टी के लिए जम्मू कश्मीर, गोवा जैसे राज्यों में काम कर चुके हैं.
बीजेपी ने रविंद्र इंद्रराज के जरिए दलित समुदाय को साधा
बीजेपी ने सभी जातिगत समीकरण साधते हुए दलित नेता रविंद्र इंद्रराज सिंह को मंत्री बनाया है. रविंद्र इंद्रराज सिंह ने बवाना विधानसभा सीट से बड़ी जीत हासिल की है. उन्होंने आम आदमी पार्टी के जय भगवान उपकार को 31,475 वोटों के अंतर से हराया है. बवाना सुरक्षित सीट से पहली बार विधायक बने हैं. इंद्रराज दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं.
विकासपुरी में पंकज सिंह ने पहली बार खिलाया कमल
विकासपुरी सीट से चुनकर आए पंकज सिंह ने न सिर्फ अपना खाता खोला बल्कि बीजेपी को भी यहां से पहली जीत दिलाई. पंकज कुमार सिंह ने 12876 वोटों के अंतर से आप के महेंद्र यादव को हराकर जीत दर्ज की है. पंकज सिंह (पूर्वांचली ठाकुर) हैं, उनके जरिए ही पूर्वांचली समुदाय को साधने की कोशिश बीजेपी ने की है.