यूपी सरकार ने खोला विकास के लिए खजाना, 4 नए एक्सप्रेस-वे, एआई सिटी, छात्राओं को स्कूटी
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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना साल 2025-26 के लिए राज्य का बजट पेश कर रहे हैं. यह योगी सरकार का नौवां बजट है और यह 8 लाख करोड़ का बजट है. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करने से पहले कहा, अधूरी ख्वाहिशें जीने का मजा देती है, सब मांगें पूरी हो जाएंगी तो तमन्ना किसकी करोगे. यहां जानिए बजट की सारी डिटेल्स
सरकार ने बजट में 4 नए एक्सप्रेस-वे, एआई सिटी, छात्राओं को स्कूटी, आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी की स्थापना करना, हर जिले में श्रमिक अड्डे बनाने का बड़ा ऐलान किया है. इसी के साथ एयरपोर्ट का भी विस्तार करने की घोषणा की गई है. वाराणसी, अलीगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार होगा. गोरखपुर एयरपोर्ट पर नए टर्मिनल भवन का विकास होगा.
वित्त मंत्री ने क्या-क्या घोषणा की
इस साल परम पावन तीर्थनगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 का भव्य आयोजन हो रहा है. हम सभी जानते हैं कि महाकुंभ 144 वर्षों में आता है.
महाकुंभ में देश-विदेश से आये लगभग 53 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने प्रतिभाग किया.
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और हमारे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने पिछले लगभग आठ वर्षों में प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है.
हमने स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विकास किया है. प्रत्येक क्षेत्र में आधुनिक तकनीक के प्रयोग और नवाचार को विशेष रूप से बढ़ावा दिया गया है.
मुख्यमंत्री ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को वन ट्रिलियन डॉलर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है.
इस के चलते राज्य सरकार ने 10 सेक्टर यथा-कृषि एवं संवर्गीय सेवाएं, अवस्थापना, उद्योग, आई0टी0 एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, शिक्षा, पर्यटन, नगर विकास, वित्तीय सेवायें, ऊर्जा, पूंजी निवेश समेत सेक्टरवार प्लान तैयार किया है.
सुचारू नीति कार्यान्वयन, व्यापार को आसान बनाने, ईज ऑफ यूइंग बिजनेस और निवेश आकर्षित करने के लिये सत्त विकास के कार्य के लिए काम किया गया है.
हाल के वर्षों में उत्तर प्रदेश में निवेश आकर्षण, औद्योगिक एवं अवस्थापना विकास में उल्लेखनीय प्रगति हुई है और प्रदेश भारत में सबसे पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है.
विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में उत्तर प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति की है.
राज्य में विकसित हो रही वायु, जल, सडक़ एवं रेल नेटवर्क की कनेक्टिविटी से राज्य के उद्योगों एवं मैन्युफैक्चरिंग इकाईयों को अपना माल भारत एवं विदेशों के बाजारों में भेजने के लिये परिवहन के विभिन्न साधनों के बीच निर्बाध रूप से स्विच करने की सुविधा प्रदान करेगा.
कानून व्यवस्था तथा विद्युत आपूर्ति में अभूतपूर्व सुधार, सक्रिय नीतिगत निरूपण एवं इन्वेस्ट यू0पी0 में निवेश सारथी, निवेश मित्र और ऑनलाइन प्रोत्साहन लाभ प्रबंधन प्रणाली जैसी डिजिटल सुविधाओं से निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित हुई है, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा है तथा राज्य में व्यापार करने के लिये अनुकूल वातावरण बना है.
प्रति व्यक्ति आय में हुई बढ़ोतरी
वित्त मंत्री ने बताया, नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2014-2015 से 2022-2023 तक की अवधि के लिये राज्यों की राजकोषीय स्थिति के संबंध में रिपोर्ट प्रकाशित की गयी है, जिसमें उत्तर प्रदेश को अग्रणी (फंट रनर) राज्य की श्रेणी में रखा गया है.
समेकित फिस्कल हेल्थ इन्डेक्स जो वर्ष 2014 से 2019 की अवधि में 37.0 था, 2022-2023 में बढक़र 45.9 हो गया है.
रिपोर्ट के अनुसार व्यय की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है. वर्ष 2018 से 2023 की अवधि में पूंजीगत व्यय, कुल व्यय के 14.8 प्रतिशत से 19.3 प्रतिशत के मध्य रहा.
प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के अधीन रहा है.
वर्ष 2017-2018 में जब प्रदेश वासियों की सेवा का अवसर हमें प्राप्त हुआ तो प्रदेश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह बदहाल थी तथा जी.एस.डी.पी. मात्र 12.89 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर था. हमारी सरकार के कार्यकाल में हमने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दो गुना कर दिया है.वर्ष 2024-2025 में प्रदेश की जी.एस.डी.पी. 27.51 लाख करोड़ रहने का अनुमान है.
वित्तीय वर्ष 2016-2017 में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय मात्र 52,671 रुपये थी. मात्र तीन साल में प्रति व्यक्ति आय 2019-2020 में बढक़र 65,660 रुपये के स्तर पर पहुंच गई है.
कोविड महामारी के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को झटका लगा। इसके बाद मात्र तीन वर्ष में 14.9 प्रतिशत अप्रत्याशित वार्षिक वृद्धि दर प्राप्त करते हुए हम प्रति व्यक्ति आय को वर्ष 2023-2024 में 93,514 रुपये के स्तर पर ले आए हैं.
8 लाख करोड़ का बजट
बजट का आकार 08 लाख 08 हजार 736 करोड़ 06 लाख रुपये है जो वर्ष 2024-2025 के बजट से 9.8 प्रतिशत अधिक है. बजट में पूंजीगत परिव्यय कुल बजट का लगभग 20.5 प्रतिशत है.
इस बजट में अवस्थापना विकास के लिए 22 प्रतिशत, शिक्षा के लिए 13 प्रतिशत, कृषि और सम्बद्ध सेवाओं के लिए 11 प्रतिशत, स्वास्थ्य के क्षेत्र में 6 प्रतिशत, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के लिए 4 प्रतिशत एवं संसाधन आवंटित किए गए हैं.
प्रदेश को आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स के क्षेत्र में एक हब के रूप में विकसित करने के लिए आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स सिटी की स्थापना और साईबर सिक्योरिटी में टेक्नोलॉजी रिसर्च ट्रान्सलेशन पार्क की स्थापना की नई योजना बजट में सम्मिलित की गई है.
प्रदेश के प्राथमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में आई0सी0टी0लैब और स्मार्ट क्लासेज की स्थापना पर काम किया जा रहा है.
राजकीय पॉलीटेक्निकों में स्मार्ट क्लासेज और पूर्णतया डिजिटल लाईब्रेरी की स्थापना की योजना प्रस्तावित की गई है. आर्टिफिशियल इन्टेलिजेन्स को बढ़ावा देने के लिए सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना प्रस्तावित की गई है.
नगर निगमों के अलावा प्रदेश के जनपद मुख्यालय के 58 नगर निकायों को आदर्श स्मार्ट नगर निकाय के रूप में विकसित किये जाने के लिए विभिन्न योजनाओं के कनवर्जेन्स के माध्यम से कार्य कराया जाएगा. इस के लिए प्रति नगर निकाय के लिये 2.50 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल 145 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
मैं इस सम्मानित सदन को बताना चाहूंगा कि उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा प्रदेश के जिला मुख्यालयों में कामगार/श्रमिक अड्डे बनवाने की योजना पर कार्य किया जायेगा जिसमें कैन्टीन, पीने के पानी, स्नानागार और शौचालय की व्यवस्था करायी जायेगी.
गांधी जयन्ती के अवसर पर 02 अक्टूबर, 2024 से ‘जीरो पॉवर्टी अभियान’ शुरू किया गया है. इस अभियान के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत से निर्धनतम परिवारों को चिन्हित करते हुए उनकी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के और उनकी वार्षिक आय कम से कम 1,25,000 रुपये के स्तर तक लाए जाने के लिए कार्यवाही की जा रही है.
बजट में किसानों के लिए क्या-क्या
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लगभग 03 करोड़ कृषकों को लगभग 79,500 करोड़ रुपये की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से हस्तांतरित की गई.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-2025 में लगभग 10 लाख बीमित कृषकों को लगभग 496 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति का भुगतान कराया गया.
पी.एम. कुसुम योजना के अन्तर्गत वर्ष 2024 में कृषकों के प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के कुल 22,089 सोलर पम्पों की स्थापना कराई गई.
कृषकों को दुर्घटनावश मृत्यु दिव्यांगता की स्थिति में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना दिनांक 14 सितंबर, 2019 से लागू की गई है.
कृषकों को गन्ना मूल्य भुगतान समय से सुनिश्चित कराने के लिए वर्ष 2017 से एस्क्रो एकाउन्ट मैकेनिज्म प्रारम्भ किया गया है जिसके फलस्वरूप चीनी मिलों में गन्ना मूल्य मद की धनराशि के व्यावर्तन पर पूर्ण अंकुश लगा है.
वर्तमान सरकार द्वारा वर्ष 2017 से अब तक लगभग 46 लाख गन्ना किसानों को लगभग 2.73,000 करोड़ रूपये का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया.
यह गन्ना मूल्य भुगतान इसके पूर्व के 22 वर्षों के सम्मिलित गन्ना मूल्य से 59,143 करोड़ रूपये अधिक है.औसत गन्ना उत्पादकता 72 टन प्रति हेक्टेयर से बढक़र 85 टन प्रति हेक्टेयर बढ़ जाने से किसानों की आय में औसतन 370 रूपये प्रति कुन्तल की दर से 43,364 रूपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई.
महिला एवं बाल विकास
उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में 96 लाख से अधिक परिवारों की महिलाओं को आच्छादित किया गया है.लखपति महिला योजना के तहत 31 लाख से अधिक दीदियों का चिन्हींकन किया गया है और 02 लाख से अधिक महिलाएं लखपति की श्रेणी में आ चुकी हैं.
प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत अब तक लगभग 1.86 करोड़ लाभार्थियों को गैस कनेक्शन वितरित किये जा चुके हैं.
उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही मेधावी को पात्रता के आधार पर स्कूटी प्रदान किये की नई योजना लाई जा रही है.
स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत 49.86 लाख स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किये जा चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2025-2026 में इस योजना के तहत टैबलेट उपलबध कराये जायेंगे.
पी0आर0डी0 स्वयं सेवकों के मानदेय में वृद्धि प्रस्तावित है तथा स्वयं सेवकों को लगभग 20 लाख अतिरिक्त रोजगार दिवस उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की जा रही है.
मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना के अन्तर्गत माह सितम्बर, 2024 तक 6,22.974 लाभार्थी हैं.
वर्तमान में प्रदेश में बैंकों की 20,416 शाखायें, 4,00,932 बैंक मित्र एवं बी0सी0सखी तथा 18,747 ए0टी0एम0 सहित कुल 4,40,095 बैंकिंग केन्द्रों के माध्यम से बैंकिग सुविधायें उपलब्ध करायी जा रही है.
प्रधानमंत्री जनधन योजना के अन्तर्गत प्रदेश 9.57 करोड़ खातों के साथ देश में प्रथम स्थान पर है.
एजुकेशन
वर्तमान में प्रदेश में राजकीय एवं निजी क्षेत्र के मेडिकल कालेजों/चिकित्सा संस्थानों/ विश्वविद्यालयों में एम0बी0बी0एस0 की 11,800 सीटें तथा पी0जी0 की 3971 सीटें उपलब्ध है.
केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2025-2026 में यू0जी0 पी0जी0 के लिए कुल 10,000 सीटें जोड़े जाने की घोषणा की गई है, जिसमें से 1500 सीटें उत्तर प्रदेश को प्राप्त होंगी। इस के लिए लगभग 2066 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वर्ष 2017 में सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी की कुल सीटों की संख्या 120 थी। शैक्षणिक सत्र 2024-2025 में सीटों की संख्या को बढ़ाकर 250 किया गया.
जनपद बलिया तथा बलरामपुर में स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना के लिए 27 करोड़ रुपये तथा 25 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5.13 करोड़ लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाये गए हैं.
चार नए एक्सप्रेस-वेज, विन्ध्य एक्सप्रेस-वे का ऐलान, गंगा एक्सप्रेस-वे का विस्तारीकरण, बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जाएगा.
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से गंगा एक्सप्रेस-वे कौसिया, जनपद हरदोई वाया फर्रुखाबाद तक प्रवेश नियंत्रित ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया जायेगा, जिसके लिये 900 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
आगरा एक्सप्रेस-वे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चन्दौली होते हुये सोनभद्र से जोडऩे के लिये विन्ध्य एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. मेरठ को हरिद्वार से जोडऩे के लिएगंगा एक्सप्रेस-वे विस्तारीकरण एक्सप्रेस-वे का निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है.बुन्देलखण्ड रीवा एक्सप्रेस-वे का निर्माण निर्माण प्रस्तावित है जिसके लिये 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था कराई जा रही है.
बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर परियोजना के लिए लगभग 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है. इसके अन्तर्गत लगभग साढ़े नौ हजार करोड़ रुपये का निवेश अनुमानित है.
लखनऊ में आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स सिटी के विकास के लिए 5 करोड़ रूपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.साईबर सुरक्षा में टेक्नोलॉजी ट्रान्सलेशन रिसर्च पार्क की स्थापना के लिए 3 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है.
वाराणसी, अलीगढ़ और श्रावस्ती एयरपोर्ट का विस्तार किया जाएगा. गोरखपुर एयरपोर्ट पर नये टर्मिनल भवन का विकास, आगरा एयरपोर्ट पर नये सिविल एवं तत्संबंधी सुविधाओं का विकास तथा ललितपुर स्थित हवाई पट्टी को एयरपोर्ट के रूप में विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है