केरल हाईकोर्ट ने अधिकारियों व सरकार को फटकारा
नई दिल्ली। तनूर नौका दुर्घटना पर केरल उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू कर दी है। केरल हाई कोर्ट ने तनूर नाव दुर्घटना के बारे में राज्य सरकार से सवाल किया है कि हादसे के समय अधिकारी कहां थे? वे क्या कर रहे थे? बता दें कि 8 मई को केरल के मलप्पुरम जिले के तनूर के पास नौका पलटने से 22 लोगों की मौत हो गई थी।ने स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू कर दी है। केरल हाई कोर्ट ने तनूर नाव दुर्घटना के बारे में राज्य सरकार से सवाल किया है कि हादसे के समय अधिकारी कहां थे? वे क्या कर रहे थे? बता दें कि 8 मई को केरल के मलप्पुरम जिले के तनूर के पास नौका पलटने से 22 लोगों की मौत हो गई थी।
बताया जा रहा है कि नाव में करीब 40 लोग सवार थे। हालांकि, राज्य के राजस्व मंत्री के. राजन ने नाव में सवार लोगों की सही आंकड़े का अब तक उल्लेख नहीं किया है। राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पीडि़तों से मिलने पहुंचे। उन्होंने यहां तालुक अस्पातल में मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात की।
क्षेत्रीय अग्निशमन अधिकारी शिजू केके ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि अब तक 22 लाशें बरामद की गई हैं। नाव में कितने लोग सवार थे इसकी अब तक कोई जानकारी नहीं मिल सकी है। हम यह पता लगाने में हैं कि क्या और भी पीडि़त कीचड़ में फंसे हैं या नहीं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नाव पलटने की घटना पर दुख जताया। उन्होंने शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए सहायता राशि की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों के 2-2 लाख रुपये प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मुहैया कराई जाएगी।
पीएम मोदी के अलावा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने भी दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि नाव पलटने की घटना में जानमाल के नुकसान से गहरा दुख हुआ है और वह शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं।