राजस्थान में किरोड़ीलाल मीणा ने कर दी बगावत, उपचुनाव से पहले हो गया बड़ा खेल!

राजस्थान सरकार में मंत्री रहे किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे... जहां उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की... हालांकि, इस मुलाकात के बाद भी वह इस्तीफे की बात पर कायम हैं... देखिए खास रिपोर्ट...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राजस्थान में बीजेपी में महासंग्राम जारी है… जिसका बड़ा असर राज्य में होने वाले उपचुनाव में देखने को मिलेगा… बता दें मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया… जिसके बाद से सियासी भूचाल मचा हुआ है… आपको बता दें कि राजस्थान सरकार में मंत्री रहे किरोड़ी लाल मीणा इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे… जहां उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की… हालांकि, इस मुलाकात के बाद भी वह इस्तीफे की बात पर कायम हैं… जानकारी के अनुसार दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मैं ने अपना इस्तीफा बहुत पहले ही दे दिया था… लेकिन, सार्वजनिक रूप से इसकी जानकारी बीते दिन गुरुवार को दी थी….

आपको बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा से जेपी नड्डा से हुई चर्चा को लेकर बताया कि उन्होंने मुझसे इस्तीफा देने का कारण पूछा…. जिस पर मैंने कहा कि 40-45 साल से जिस क्षेत्र में सेवाएं दे रहा हूं… न दिन देखा न रात, न गर्मी न सर्दी….वहीं लोग मेरे से विमुख हो गए, यह मैं बर्दाश्त नहीं कर सकता… नैतिकता के नाते मंत्री पर छोड़ दिया… क्योंकि लोकसभा चुनाव में ऐसा करने की घोषणा की थी… लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपने विधानसभा… और संसदीय क्षेत्र में जीत नहीं दिला सका, इस्तीफा देने का सिर्फ यही कारण है… किसी से भी कोई नाराजगी नहीं है…. हालांकि, इस्तीफा वापस लेने की बात पर मीणा ने कोई साफ जवाब नहीं दिया…. और उन्होंने कहा कि यह अलग बात है…. फिर बताऊंगा तब बताऊंगा….

बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा 6 बार के विधायक हैं… और दूसरी बार मंत्री बने थे… इसके अलावा वे 2 बार सांसद और एक बार के राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं…. किरोडीलाल मीणा भजनलाल सरकार में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति… आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग और…  श्रम नियोजन जैसे बड़े विभाग संभाल रहे थे…. बता दें कि लगातार चालीस से पैंतालीस साल से राजनीति में रहने के बाद से लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में राजस्थान में बीजेपी की ग्यारह सीटों पर सिमट कर रह गई है… वहीं मंत्री मीणा ने दावा किया था कि अगर दौसा सीट पर बीजेपी की हार होती है… तो हम अपने मंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे… जिसके बाद से सियासत तेज हो गई थी… जिसके बाद उन्होंने पोस्ट करके कहा कि प्राण जाए पर बचन न जाई….

आपको बता दें कि राजस्थान भारतीय जनता पार्टी के नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा के बाद राजनीतिक बाजार गर्म है….वहीं इस्तीफे के पीछे ये वजह बताई जा रही है कि… लोकसभा चुनाव में उन्होंने यह कहा था कि बीजेपी दौसा सीट नहीं जीत पाई तो वह इस्तीफा दे देंगे… और इस बात का उन्होंने संकल्प लिया था… जिसे उन्होंने पूरा भी कर दिया…. बस इसके बाद राजस्थान में सियासी हलचल तेज हो गई है… कहा जा रहा था कि सरकार बनने के बाद भाजपा के इस सीनियर नेता को विधानसभा चुनाव के बाद उप मुख्यमंत्री या फिर किसी बड़े विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है….. लेकिन ऐसा नहीं हुआ….

वहीं राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और किरोड़ी लाल मीणा के बीच खींचतान को भी उनके इस इस्तीफे से जोड़कर देखा जा रहा है…. लेकिन इन सब के बीच डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा दे दिया है…. क्योंकि उपचुनाव नजदीक है… और इसलिए उनके इस्तीफा को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है…. बता दें कि राजस्थान के दौसा, झुंझुनू, देवली-उमरिया, खींवसर और चौरासी के विधायकों ने लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, जिसके बाद उनकी विधानसभा सीट खाली हो गई है…. वहीं अब इन सीटों पर उपचुनाव होने हैं… बता दें कि पिछले साल 2023 के दिसंबर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए थे…. जहां पर पांच सीटों पर बीजेपी को हार मिली थी….

आपको बता दें कि राजस्थान भाजपा के सीनियर नेता डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने लोकसभा चुनाव में राजस्थान की कई सीटों पर धमाकेदार प्रचार किया था… और उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी का प्रत्याशी दौसा सीट को जीतने में असफल रहता है… तो वह अपना मंत्री पद छोड़ देंगे…. हालांकि, बाद में उन्होंने इस बात की भी घोषणा की कि पीएम मोदी ने उन्हें 7 सीटों की जिम्मेदारियां भी दी है…. इन सीटों पर भी अगर बीजेपी हारी तो वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे…. खास बात यह है कि चुनाव में भाजपा ने न सिर्फ दोसा सीट बल्कि करौली धौलपुर, टोंक सवाई, माधोपुर और भरतपुर सीट भी हार गई है….

आपको बता दें कि किरोड़ी लाल मीणा राजस्थान बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं… और मीणा समुदाय का चेहरा हैं… सूबे में सीएम भजनलाल शर्मा और दोनों डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमचंद्र बैरवा के बाद किरोड़ी लाल मीणा सबसे पावरफुल मंत्री थे…. तीन बार के सांसद और छठी बार विधायक मीणा का अपना सियासी कद है…. जिन्हें राजस्थान सरकार में चार मंत्री पद दिए गए थे… इससे ही उनके सियासी कद का अंदाजा लगाया जा सकता है… और गहलोत सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा मोर्चा खोलने वाले बीजेपी नेताओं में उनका नाम आता है…. किरोड़ी लाल मीणा के सियासी तेवर के चलते ही उन्हें विद्रोही नेता कहा जाता रहा है… भजनलाल सरकार बने अभी छह महीने ही हुए हैं… लेकिन किरोड़ी लाल मीणा के अपने ही कई नेताओं के साथ सियासी टकराव हो चुके हैं…. मीणा लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर सवाल खड़े कर चुके हैं… और अब नतीजे के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा देकर अपने विद्रोही रुख से भी अवगत करा दिया है…. वहीं अगर उनकी भजनलाल से नाराजगी नहीं है… तो विधानसभा सत्र के बीच में इस्तीफा दे कर मुख्यमंत्री के लिए टेंशन क्यों खड़ी कर दी है…. लोकसभा चुनाव नतीजे के बाद से कांग्रेस वैसे ही भजनलाल सरकार पर हमलावर थी और अब मीणा के इस्तीफे से उसे मौका मिल गया है….

लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों के सांसद चुने जाने के चलते राजस्थान की पांच विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं… जिस पर उपचुनाव होने है…. भजनलाल कैबिनेट से किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफा देने के चलते उपचुनाव में बीजेपी का सियासी समीकरण गड़बड़ा सकता है…. उपचुनाव वाली पांच में से तीन चौरासी, देवली और दौसा सीट आदिवासी प्रभाव वाली सीटें हैं…. टोंक सवाई माधोपुर सीट से कांग्रेस के हरीश मीणा चुनाव जीते जबकि यहीं से किरोड़ी लाल मीणा विधायक हैं…. पांच सीटों पर विधानसभा के उपचुनाव के बीच मीणा का इस्तीफा क्या बीजेपी को मुश्किल में डालने वाला नहीं है…. बीजेपी के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि किरोणी लाल मीणा घर बैठने वाले नेताओं में से नहीं हैं… और न ही चुप रहने वाले हैं. अब जब मंत्री पद का प्रोटोकॉल भी नहीं है.. तो मुखर होकर आवाज उठाने… और धरना-प्रदर्शन करने के लिए भी पूरी तरह आज़ाद हैं.. जैसा कि वो गहलोत सरकार के समय किया करते थे… हालांकि, यह कोशिश बीजेपी में हो रही है कि किरोड़ी लाल मीणा को समझाए और उन्हें मंत्री पद पर बनाए रखा जाए… इसी के मद्देनजर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा है कि कृषि मंत्री किरोड़ी लाल से सरकार में अपने अनुभव का लाभ देते रहने का अनुग्रह किया गया है… मुख्यमंत्री से भी बात हुई है. हमारी कोशिश है कि वे मंत्री बने रहें….

वहीं विधानसभा की पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के चलते मीणा के इस्तीफे का मंजूर होना मुश्किल है… इसके पीछे सियासी गणित यह है कि मीणा समाज से सबसे बड़े नेता किरोड़ी लाल मीणा हैं …और उपचुनाव में मीणा वोट की भूमिका अहम है…. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी उपचुनाव में किसी तरह का कोई राजनीतिक रिस्क नहीं लेना चाहेगी… इसीलिए बीजेपी उन्हें साधकर अपने साथ फिलहाल रखना चाहती है… जिसके चलते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अभी तक उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है… और उनको दिल्ली दरबार में भी बुला लिया गया है…

 

 

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