भादो मास की तीज में व्रत करने से पहले जानें जरूरी बातें

कजरी तीज पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती की तरह अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भाद्रपद मास की शुरूआत के साथ ही त्योहारों का मौसम भी आरंभ हो गया है। इस माह में पड़ने वाली तीज को कजरी तीज कहा जाता है,जो कि भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होती है। कजरी तीज विशेष रूप से सुहागिन महिलाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

क्या है कजरी तीज का महत्व?

कजरी तीज पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन माता पार्वती की तरह अखंड सौभाग्य की प्राप्ति हेतु शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है। यह तीज मुख्य रूप से उत्तर भारत के राज्यों उत्तर-प्रदेश,बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान में धूमधाम से मनाई जाती है।

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में तीन बार तीज मनाई जाती है जो हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज है. भाद्रपद माह में आने वाली तीज को कजरी तीज कहते हैं. हिंदू धर्म में कजरी तीज व्रत का विशेष महत्व माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि कजरी तीज व्रत को करने से विवाहित महिलाओं के पति की लंबी उम्र होती है और घर सुख-समृद्धि का वास होता है. वहीं, कुवारी कन्याएं योग्य वर पाने के लिए करती हैं. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की आराधना की जाती है. अगर आप भी यह व्रत करने जा रही हैं, तो आपको कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए.

भादो वाली कजरी तीज कब है?
हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को कजरी तीज का पर्व मनाया जाता है. इस बार यह पर्व 12 अगस्त को मनाया जाएगा. इसी दिन व्रत रखकर भोलेनाथ और पार्वती माता की आराधना की जाएगी.

कजरी तीज में क्या नहीं करना चाहिए?
कजरी तीज के दिन महिलाओं को झूला जरूर झूलना चाहिए. कहते हैं कि झूला झूले बिना व्रत पूरा नहीं होता है. कजरी तीज के दिन सफेद रंग या काले रंग की कोई भी चीज नहीं पहननी चाहिए. इसके अलावा, व्रती को दिन में सोना नहीं चाहिए.

व्रत के दिन गुस्सा न करें और नकारात्मक चीजों से दूर रहना चाहिए. साथ ही, तीज व्रत के दौरान नाखून और बाल काटना अशुभ होता है. कजरी तीज के दिन व्रती को बाल नहीं धोने चाहिए. कहते हैं कि इससे घर में परेशानियां बढ़ने लगती है और कलह-क्लेश बढ़ते हैं.

कजरी तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है यानी उपवास के दौरान अन्न और जल दोनों के सेवन नहीं करना चाहिए. महिलाओं को इस दिन व्रत की कथा सुननी या पढ़नी जरूर चाहिए. मान्यता है कि व्रत कथा का पाठ किए बिना फल नहीं प्राप्त होता है.

कजरी तीज व्रत का पारण करने से पहले दान देना न भूलें और पारण करने के बाद 3 या 5 कन्याओं को भोजन जरूर कराना चाहिए. जो महिलाएं कजरी तीज का व्रत रख रही हैं, वो उपवास के दौरान झाड़ू न लगाएं और न ही झाड़ू को छुएं. कहते हैं कि तीज व्रत में झाड़ू लगाने से आपको धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

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