हरियाणा में कानून व्यवस्था ध्वस्त: मायावती
- बोलीं- सरकार सुरक्षा नहीं दे सकती है तो शोभा यात्र की अनुमति क्यों दी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि देश की राजधानी दिल्ली के नजदीक हरियाणा में सांप्रदायिक दंगा भडक़ना और गुडग़ांव आदि में इसका बिना रोक टोक फैल जाना बेहद दुखद है। लोगों की संपत्तियों की भारी हानि होने से यह साबित होता है कि हरियाणा में मणिपुर की तरह ही कानून व्यवस्था ध्वस्त है। वहां का खुफिया तंत्र निष्क्रिय है। कहा कि केंद्र सरकार इस मामले में हरियाणा की मदद करे। मायावती ने कि जैसा हरियाणा राज्य का दावा है दंगा विहिप आदि की यात्रा पर पथराव को लेकर शुरू हुआ।
हरियाणा सरकार यात्रा को सुरक्षा देने में विफल रही है। कुल मिलाकर इससे वहां की सरकार की नीति, नीयत व कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। जब वहां की सरकार प्रस्तावित यात्रा, जुलूस तक को सुरक्षा नहीं दे सकती है तो ऐसे आयोजन की अनुमति ही क्यों देती है। यह वह सवाल है जिसे हर सरकार को अपने आप से पूछना चाहिए। नूंह की घटना को देखकर लग रहा है कि हरियाणा के पास दंगा व उसे लेकर आगे भडक़ रही हिंसा को रोकने की नीयत का अभाव है जो चिंता जनक है। वैसे भी मणिपुर हो या हरियाणा समेत अन्य राज्यों की शर्मनाक घटनाएं, दंगा एवं हिंसा को राजनीति तथा संकीर्ण स्वार्थ पूर्ति का साधन बनने की अनुमति किसी भी राज्य सरकार को नहीं देनी चाहिए। लोगों की जान माल और मजहब की सुरक्षा राज्य सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी बनती है। बसपा ने चार बार हुकूमत कर प्रदेश में कानून व्यवस्था बेहतरीन बनाई।
अहिंसा-भाईचारे के सिद्धांत से चलता है देश : कमलनाथ
भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ ने भाजपा पर हरियाणा की घटना को लेकर बड़ा हमला बोला है। पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि भाजपा और उसके संगी-साथी सामाजिक सोच को हिंसक बनाने की चाहे जितनी कोशिश कर लें लेकिन देश के हृदय में कांग्रेस का दिया ‘अहिंसा और भाईचारे का सिद्धांत’ हमेशा धडक़ता रहता है। हिंसक लोग कुछ समय के लिए लोगों को भटका तो सकते हैं, लेकिन छल का छलावा, एक-न-एक दिन धुंध की तरह मिट ही जाता है। भाजपा देश को हिंसा में झोंककर नैतिक रूप से पहले ही पराजित हो गयी है। भाजपा याद रखे नैतिक हार आखिरकार राजनीतिक हार की ओर ही ले जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसी विध्वंसकारी ताकतें ‘अमृतकाल’ का नाम इसलिए लेती हैं क्योंकि वो अपने कुकृत्यों की वजह से खुद अमर नहीं हो सकती हैं।