अमित शाह की मौजूदगी में संपन्न होगी विधायक दल की बैठक, तय होगा हरियाणा का सीएम

नई दिल्ली। हरियाणा में बीजेपी अपने दम पर सरकार बनाने जा रही है. तीसरी बार लगातार राज्य में भगवा लहराएगा. शपथ ग्रहण की तैयारी हो रही है. आज गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में बीजेपी विधायक दल की बैठक होने जा रही है, जिसमें नेता चुना जाएगा. अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को इस बैठक के लिए बतौर केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. पंचकूला के बीजेपी ऑफिस में बैठक होगी.
विधायक दल की बैठक के बाद ही तय होगा कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा. बीजेपी की जीत के बाद से अनिल विज और राव इंद्रजीत सिंह ने भी सीएम पद पर दावेदारी ठोकी है. मुख्यमंत्री पद के लिए तीन दावेदारी के बाद ही अमित शाह खुद पर्यवेक्षक की भूमिका में हैं ताकि कोई गड़बड़ी न हो.
चुनाव के दौरान पंचकूला में खुद अमित शाह कह चुके हैं कि नायब सिंह ही मुख्यमंत्री रहेंगे. एक तरफ विधायक दल की मीटिंग की तैयारी है, तो दूसरी तरफ 17 अक्टूबर की सीएम पद की शपथ की तैयारी भी हो रही है. अमित शाह ज्यादातर चुनावी राज्यों में संगठन से रणनीति तक पार्टी के पेंच दुरुस्त करने का दायित्व निभाते आए हैं. पार्टी में चाणक्य’ की भूमिका निभाते आए हैं, लेकिन इस बार अमित शाह जैसे दिग्गज नेता को पर्यवेक्षक बनाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म है. क्या पार्टी फिर से कोई सरप्राइजिंग फेस लाने की तैयारी में तो नहीं है?
इधर, झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही बीजेपी एक्टिव हो गई है. दिल्ली में उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाने के लिए बीजेपी चुनाव समिति की बैठक हुई. पार्टी मुख्यालय में सीईसी की करीब दो घंटे तक चली बैठक में झारखंड में चुनावी रणनीति पर चर्चा हुई. इस बैठक में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा और राष्ट्रीय महासचिव बी एल संतोष शामिल थे.
इस बैठक में राज्य के चुनाव प्रभारी और झारखंड कोर टीम के सदस्यों के साथ उम्मीदवारों की संभावित नामों पर चर्चा की. बीजेपी चुनाव समिति की बैठक में झारखंड की लगभग सभी सीटों पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, 52 से 53 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर फाइनल चर्चा हुई. करीब 12-13 सीटों पर नाम तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष को दी गई है. बताया जा रहा है अगले दो दिनों में पार्टी झारखंड के लिए पहली सूची जारी कर सकती है. पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे के बाद उम्मीदवारों की सूची जारी कर सकती है. पहली सूची में करीब 35 से ज्यादा उम्मीदवारों के नाम हो सकते हैं.

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