दिल्ली में बिजली पर संग्राम, एलजी और आप आमने-सामने

नई दिल्ली। दिल्ली के उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी के बीच जारी गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। जस्मीन शाह को डीडीडीसी के बोर्ड से हटाने के निर्देश देने के बाद अब एलजी ने उन्हें बिजली कंपनियों के बोर्ड से हटाने के भी निर्देश दिए हैं।
अब एलजी वीके सक्सेना ने आप प्रवक्ता जस्मीन शाह और नवीन एनडी गुप्ता और अन्य निजी व्यक्तियों को निजी स्वामित्व वाली डिस्कॉम- बीवाईपीएल, बीआरपीएल (अनिल अंबानी) और एनबीपीडीसीएल (टाटा) के बोर्ड में सरकार से नामित के रूप में तत्काल हटाने का आदेश दिया है। इनके स्थान पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों की नियुक्ति होगी।
आप के इन नेताओं पर आरोप है कि इन्होंने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली ष्ठढ्ढस्ष्टह्ररूस् के बोर्डों में निजी प्रतिनिधियों के साथ सहयोग किया और सरकारी खजाने की कीमत पर 8000 करोड़ रुपये का लाभ पहुंचाया।
बताया जा रहा है कि, वित्त सचिव, ऊर्जा सचिव और दिल्ली ट्रांस्को के एमडी अब अनिल अंबानी और टाटा की बिजली कंपनियों में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे। जिस तरह शीला दीक्षित के सीएम कार्यकाल के दौरान चीजें चलती थीं वैसे ही अब चलेंगी।
एलजी के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने बयान जारी करते हुए कहा है कि, जस्मीन शाह और नवीन गुप्ता को ष्ठढ्ढस्ष्टह्ररू के बोर्ड से हटाने का एलजी का आदेश अवैध और असंवैधानिक है। एलजी के पास ऐसे आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। केवल निर्वाचित सरकार के पास बिजली के विषय पर आदेश जारी करने की शक्तियां हैं। एलजी ने सुप्रीम कोर्ट के सभी आदेशों और संविधान का पूरी तरह मजाक उड़ाया है। वह तो खुलेआम कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पालन करने के लिए वह बाध्य नहीं हैं।

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