लाइफस्टाइल और खानपान से जुड़ी है कूल्हों की हड्डियों की कमजोरी,जनिए विस्तार सें
कूल्हों की हड्डियों की कमजोरी अब एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिसका सीधा असर संबंध हमारी जीवनशैली और खानपान से है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कूल्हों की हड्डियों की कमजोरी अब एक आम स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है, जिसका सीधा असर संबंध हमारी जीवनशैली और खानपान से है।
यदि समय रहते सावधानी बरती जाए और दिनचर्या में छोटे-छोटे सकारात्मक बदलाव किए जाएं, तो इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है। गलत खानपान, शारीरिक गतिविधियों की कमी और पोषण की अनदेखी हड्डियों को कमजोर बना सकती हैं। इसलिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और धूप में पर्याप्त समय बिताना हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जा रहा है।
कूल्हों की हड्डियों के कमजोर होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें बढ़ती उम्र, शरीर में कैल्शियम की कमी और विटामिन-डी की कमी, लंबे समय तक शारीरिक गतिविधियों से दूरी, मोटापा, हार्मोनल बदलाव और खान-पान की बिगड़ती आदतें शामिल हैं. लंबे समय तक बैठकर काम करने के साथ पौष्टिक खाने की जगह जंक खाने से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं क्योंकि जंक खाने से शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता. इसके अलावा धूप की कमी, कोई पुरानी चोट या ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी भी कूल्हों को कमजोर करती हैं.
आजकल ऐसे मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिनमें लोगों को कम उम्र में ही कूल्हों की हड्डियों के कमजोर होने और दर्द की शिकायत रहती है. पहले ये समस्या बुजुर्ग लोगों में देखने को मिलती थी कि उनको चलने-फिरने और कूल्हों के दर्द की शिकायत है, लेकिन अब ये परेशानी कम उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ रही है. आखिर इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं उनको समझने की कोशिश करेंगे.
शरीर में कम उम्र में ही हड्डियों की कमजोरी हो रही है तो इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है जीवनशैली में बदलाव. लंबे समय तक बैठकर काम करना, शारीरिक गतिविधियों की कमी, धूप न लेना, हड्डियों को कमजोर कर देता है. खासकर डेस्क जॉब करने वाले लोग इस समस्या का शिकार अधिक होते हैं.
गलत खानपान और पोषण की कमी
कारण हैं- लंबे समय तक बैठकर काम करते रहना. साथ ही जंक फूड खाने का आदत का बढ़ जाना, क्योंकि जिस तेजी से इंस्टेंट फूड डिलीवरी का मार्केट बढ़ा है, लोगों की आदतें भी बदल रही हैं. पहले किसी खाने के लिए मार्केट तक चल के जाना पड़ता था, लेकिन अब तुरंत होम डिलीवरी के कारण चलने की आदत भी खत्म हो रही है. न ही लोग धूप ले रहे हैं. फिजिकल एक्टिविटी कम कर रहे हैं. जितना अधिक जंक खाएंगे, शरीर को उतना ही पोषण कम मिलेगा. हड्डियां कमजोर होंगी, क्योंकि कैल्शियम और विटामिन-डी हड्डियों को मजबूत करता है.
मोटापा और ज्यादा वजन
शरीर में वजन का बढ़ जाना सिर्फ पेट निकलने तक की दिक्कत भर नहीं हैं, इसका सीधा असर कूल्हों और घुटनों पर पड़ता है और धीरे-धीरे मजबूती घटने लगती है. यही वजह है कि कम उम्र में मोटापे से जूझ रहे लोगों में कूल्हे और घुटनों की समस्या आम हो गई है.
कई बार कोई एक्सीडेंट, खेलों के दौरान लगी कोई चोट या पुरानी बीमारी जैसे ऑस्टियोपोरोसिस और गठिया भी कूल्हों और हड्डियों को कमजोर बना देती है.
कैसे करें बचाव?
आपको बता दें,कि व्यायाम जरूर करें, इसके बिना शरीर हेल्दी नहीं रह पाएगा. वॉक करें, योग करें, स्ट्रेचिंग करें.
कैल्शियम, विटामिन-डी और प्रोटीन से भरपूर खाना खाएं. रोजाना कोशिश करें की 15 से 20 मिनट धूप में बैठें. वजन कंट्रोल में रखें. पोस्चर को सही रखें लंबे समय तक बैठे या लेटे न रहें. कूल्हों पर अतिरिक्त बोझ न डालें.
दर्द अधिक है तो जांच करा लें.


