जोशीमठ प्रदर्शनकारियों को महेंद्र भट्ट ने कहा वामपंथी
देहरादून। जोशीमठ में जहां लोग भूधंसाव की त्रासदी से जूझ रहे हैं। वहीं, अब राहत कार्यों और आंदोलन को लेकर राजनीति भी हावी होने लगी है। बीते रोज ही जोशीमठ में संघर्ष कर रहे लोगों को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने माओवादी कह दिया था, जिससे जोशीमठ में बवाल मचा हुआ है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष इतने पर ही नहीं रुके और एक बार फिर उनके बोल बिगड़ गए। मंगलवार को यहां जारी एक बयान में महेंद्र भट्ट ने कहा है कि जोशीमठ में एजेंडे के तहत वामपंथी काम कर रहे हैं और लोगों को उनसे सतर्क रहने की जरूरत है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान पर प्रदेश का मुख्य विपक्षी दल भी भुनाने के लिए तैयार बैठा है। महेंद्र भट्ट ने अब जोशीमठ की जनता की बजाय आंदोलन का नेतृत्व कर रहे नेताओं को निशाना बनाया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि आपदाग्रस्त जोशीमठ क्षेत्र में नकारात्मक सोच के साथ सक्रिय वामपंथी संगठनों से सतर्क रहने की जरूरत है। स्थानीय लोगों को भी इससे सचेत रहने की जरूरत है। अब तक की यह ऐसी पहली सरकार है, जो विस्थापन के सर्वश्रेष्ठ विकल्पों के अमल में प्रभावित पक्षों से सुझाव ले रही है, लेकिन हिंदी-चीनी भाई-भाई के नारे लगाने वाले लोग स्थानीय लोगों को भडक़ाकर राहत, पुनर्वास के कामों में बाधा डाल रहे हैं। एक ओर चीन भारत के आखिरी गांव तक अपने ढांचागत विकास को मजबूत कर रहा है और आसपास पॉवर स्टेशन, सडक़ें व सामरिक तैयारियां कर रहा है तो वहीं भारत भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। उत्तराखंड के इस क्षेत्र की सामरिक लिहाज से बड़ी भूमिका रही है। जिस तरह से वामपंथी इस तरह के कुत्सित प्रयास से ऐसा वातावरण बना रहे हैं, जिसे किसी भी तरह से राष्ट्र विरोधी ही माना जाएगा।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड ऐसा राज्य है, जिसका बलिदानों का इतिहास रहा है और देश हित में किसी भी सकारात्मक पहल का हिस्सा बनने के साथ ही वह देश के विरोध में किसी भी मुहिम का कड़ा प्रतिरोध करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भट्ट ने आंदोलन की आड़ में जोशीमठ आपदा के समाधान में बाधा डालने और विलम्ब करवाने के लिए वामपंथी संगठनों को निशाने पर लिया है। भट्ट ने उन आरोपों को बेबुनियाद बताया, जिसमें कहा गया कि उनके द्वारा किसी स्थानीय निवासी को आंदोलन करने से रोका जा रहा है। ऐसे किसी को रोकने का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन वे लोगों को उन वामपंथी विचारधारा वाले संगठनों से सचेत करना चाहते हैं, जिनकी अभिरुचि राहत और पीडि़तों के पुनर्वास में कम और अपना एजेंडा साधना अधिक है।
भट्ट का कहना है कि राज्य के बाहर दिल्ली, मुम्बई, जेएनयू से कम्युनिस्ट संगठनों के लोग जोशीमठ आए हैं। इनका एकमात्र लक्ष्य स्थानीय लोगों को बरगलाकर आंदोलनों के माध्यम से आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास नीति व अन्य राहत के कार्यों को बाधित करना है। तमाम ताकतें नहीं चाहती कि सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास के काम हो और हमारी सामरिक ताकत मजबूत हो, लेकिन देवभूमि की राष्ट्रवादी जनता इनके छलावे में नहीं आने वाली है।
महेंद्र भट्ट ने धामी सरकार का आपदा प्रभावितों के पुनर्वास के लिए तीन विकल्प दिए जाने के निर्णय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पीडि़त पक्षों से सुझाव एकत्र कर पुनर्वास की प्रक्रिया में तीव्र गति से सरकार आगे बढ़ रही है। स्थानीय लोगों के व्यवसाय और रोजगार को बचाने के लिए पर्यटन गतिविधियों, वर्तमान शीतकालीन एवं आगामी चारधाम यात्रा को इस संकट से बचाते हुए सुचारु रखना प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा कि प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में पूरी तरह से जुटा हुआ है। केंद्रीय विशेषज्ञ एजेंसियां रिपोर्ट तैयार कर रही है और स्वयं प्रधानमंत्री मोदी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।