भाई ने ही की थी भाभी व भाई की हत्या
आगरा। एटा कोतवाली देहात इलाके के गांव श्रीकरा में हुए दोहरे हत्याकांड का खुलासा पुलिस ने 24 घंटे के अंदर ही कर दिया। पुलिस के मुताबिक भाई ने ही जितेंद्र व उसकी पत्नी प्रीति की हत्या मांस काटने वाले छुरे और हथौड़े से की थी। संपत्ति के लिए वह कातिल बन गया। मांस विक्रेता को पांच लाख रुपये का लालच देकर साथ मिलाया था। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।
एसएसपी उदय शंकर सिंह ने बताया कि 30 जनवरी की सुबह गांव श्रीकरा निवासी जितेंद्र उर्फ टीटू और उसकी पत्नी प्रीति की गला रेतकर हत्या की गई थी। हत्या करने वाला जितेंद्र का भाई पंकज ही निकला है। उसने अपने दोस्त मांस विक्रेता प्रवेंद्र निवासी नगला डूडा को पांच लाख की सुपारी देकर साथ किया था।
दोनों ने मिलकर मांस काटने वाले छुरे से प्रहार और गले को रेतकर हत्या की थी। तीन साल के पुत्र तनिष्क की भी हत्या करने का प्रयास किया गया। उसका उपचार आगरा में चल रहा है। सोमवार की सुबह 6.30 बजे जितेंद्र शौच के लिए पास में ही बाग में गया था।
प्रीति छत पर थी, तभी दोनों पहुंचे और उसे नीचे खींचकर लाए। छुरे से ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद जितेंद्र आया तो उसकी भी हत्या कर दी। दोनों शव को बाहर निकालकर बरामदे में डाल दिया। इसके बाद वहां से चले गए। बेरहम भाई ने खून से सने हाथ तालाब में जाकर धोए। यहां पर खून में सराबोर कपड़ों को फेंका और दोस्त को लेकर अमांपुर चला गया।
सुबह 11 बजे पंकज फिर वहां पहुंचा और शोर कर गांव वालों को बुला लिया। देर शाम उसने ही प्रीति के पिता, भाई और साथियों के खिलाफ शक जाहिर कर मुकदमा दर्ज करा दिया। पंकज और प्रवेंद्र को अलीगंज रोड से मंगलवार की सुबह सात बजे गिरफ्तार किया गया है।
संपत्ति के लिए ऐसी दर्दनाक मौत दी कि सुनने वालों तक की रूह कांप जाए। महिला के सिर में आठ वार किए, सांसें रुकने तक हमले करते रहे। जबकि पति के पीछे से छह वार और पेट में छुरा घोंपा गया। इसके बाद गला रेतकर मौत के घाट उतार दिया। यह चोटें पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दर्शाई गई हैं।
थाना प्रभारी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि प्राप्त हुई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार दंपती पर तब तक वार किए गए, जब तक कि दोनों की सांसें थम नहीं गईं। जितेंद्र के शरीर पर आठ चोटों के निशान आए हैं। इनमें पेट, सिर में पीछे, कनपटी के पीछे, गर्दन के पीछे, कंधे के पीछे दो निशान हैं।
जबकि गला रेता गया है। वहीं महिला के शरीर पर आईं चोटों की बात की जाए तो सिर में ऊपर चार, माथे पर, कनपटी, गाल और पीछे टांग में घाव पाए गए। दोनों को ही 8-8 जगहों पर जख्म दिए गए। काफी बेरहमी से दोनों की हत्या की गई है।
कोतवाली देहात क्षेत्र के गांव श्रीकरा में दंपती की हत्या के बाद सोमवार की रात करीब 11 बजे दोनों के शव पोस्टमार्टम के बाद गांव लाए गए। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में ही रात को ही दोनों का अंतिम संस्कार कराया। हत्यारोपी भाई पंकज ने दोनों की चिताओं को मुखाग्नि दी। उस समय तक किसी को नहीं पता था कि पंकज ने ही इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया है।
ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की सुबह जितेंद्र और इसकी पत्नी प्रीति की हत्या की गई थी। इसके बाद दोनों के शव को पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस ले गई। लौटते समय करीब 11 बज चुके थे। काफी संख्या में पुलिस कर्मी दोनों शव के साथ आए थे। पुलिस ने परिजनों ने मंत्रणा की। गांव के लोगों ने एक ही चिता पर दोनों की अंत्येष्टि करने की बात की। इस पर पुलिस ने कोई एतराज नहीं किया और परिजन के सहयोग से रात में ही एक ही चिता पर दोनों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। घर में जितेंद्र और पंकज दो ही सगे भाई थे। पिता की पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में पंकज ने दोनों को मुखाग्नि दी।
मंगलवार को पूरे गांव में चर्चाएं होती रहीं कि दोनों के साथ बहुत बुरा हुआ। सबसे ज्यादा बुरा उस मासूम के साथ हुआ जो ठीक से दुनिया को समझ भी नहीं पाया और उसको अपने ही ताऊ ने अनगिनत जख्म दिए गए। वह आगरा में भर्ती है। अपने माता-पिता का अंतिम बार चेहरा भी नहीं देख पाया।
जितेंद्र और उसकी पत्नी प्रीति की हत्या के बाद तीन वर्षीय मासूम तनिष्क को लेकर गांव में चर्चाएं होती रहीं। लोगों को कहते सुना गया कि माता-पिता दुनिया से चले गए, जबकि हत्यारा ताऊ जेल गया। बाबा दुनिया में नहीं हैं। अब अकेली दादी घर पर है। जबकि नाना-नानी का लगाव पहले से ही नहीं था। ऐसे में बालक का पालनहार कौन होगा?