केदारनाथ पैदल मार्ग पर बड़ा हादसा, 3 लोगों की हुई मौत 

उत्तराखंड में रविवार (21 जुलाई) की सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। उत्तराखंड में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश का असर अब पहाड़ों पर दिखने लगा है...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: उत्तराखंड में रविवार (21 जुलाई) की सुबह एक बड़ा हादसा हुआ। उत्तराखंड में बीते कुछ समय से हो रही भारी बारिश का असर अब पहाड़ों पर दिखने लगा है। जहां पहाड़ी से गिरे मलबे के नीचे दबने से 3 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है। यह घटना केदारनाथ पैदल मार्ग की है। जहां यह दर्दनाक हादसा हुआ है। बता दें कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर चिरबासा के पास पहाड़ी से मलबा गिरने के बाद ये हादसा हुआ है. जिसमे तीन तीर्थ यात्रियों की दर्दनाक मौत हुई है। जानकारी के अनुसार घटना सुबह साढ़े 7 बजे की बताई जा रही है। इस घटना को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख जताया है और मरने वालो के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।

दरअसल, भारी बारिश के कारण उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में लगातार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की जा रही है। गौरीकुंड- केदारनाथ पैदल मार्ग के बाद भारी बारिश के कारण गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग-34 पर पहाड़ दरक कर गिरने लगे जिसके चलते गंगोत्री हाईवे बंद करना पड़ा और रास्ते में वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यह आज यानी 21 जुलाई को भूस्खलन की दूसरी घटना है।

आपको बता दें कि इस घटना की सूचना मिलते ही NDRF और SDRF की टीमें मौके के लिए रवाना हो गई थी। मौके पर पहुंच कर राहत बचाव कार्य शुरू किया गया। घायलों को सुरक्षित निकाला गया और उनको इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल तक पहुंचाया गया है। वहीं पहाड़ी से गिर रहे मलबे के कारण यात्रियों को कुछ देर के लिए रोका भी गया। मलबे से कुल 5 लोगो को निकाला गया जिसमें 3 लोगों की मौके पर ही मौत हो चुकी थी जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे है उन्हें इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल भेजा गया है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रविवार सुबह बड़ा हादसा हुआ है।
  • चिरबासा के पास पहाड़ी से अचानक भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर गए।
  • इस दौरान यात्रा पर जा रहे तीन तीर्थयात्री की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि पांच घायल हो गए है।
  • एनडीआरएफ एसडीआरएफ की टीमें अभी भी सड़क से मलबा हटाने में लगी हुई है।
  • कई यात्रियों के अभी मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है, मौके पर राहत बचाव कार्य चल रहा है।

 

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