नोटों पर वोट की शक्ति को मिलेगी मजबूती: मल्लिकार्जुन

सुप्रीमकोर्ट के फैसले का कांग्रेस ने किया स्वागत

बोले- बीजेपी का खजाना भरने के लिए आई थी चुनावी बांड योजना

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने चुनावी बांड योजना को रद्द करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह नोटों पर वोट की शक्ति को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा, लंबे समय से प्रतीक्षित फैसला बेहद स्वागत योग्य है और यह नोटों पर वोट की ताकत को मजबूत करेगा।
पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि चुनावी बॉन्ड योजना की लॉन्चिंग के दिन कांग्रेस पार्टी ने इसे अपारदर्शी और अलोकतांत्रिक बताया था।
इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने अपने 2019 के घोषणापत्र में मोदी सरकार की संदिग्ध योजना को खत्म करने का वादा किया।

रिश्वत और कमीशन का माध्यम : राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ-साथ अन्य नेताओं ने गुरुवार (15 फरवरी) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि ये योजना रिश्वत और कमीशन का माध्यम थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने चुनावी बॉन्ड स्कीम को लेकर सोशल मीडिया मंच एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के जरिए कहा, नरेंद्र मोदी की भ्रष्ट नीतियों का एक और सबूत आपके सामने है। बीजेपी ने इलेक्टोरल बॉन्ड को रिश्वत और कमीशन लेने का माध्यम बना दिया था। आज इस बात पर मुहर लग गई है।

95 प्रतिशत फंडिंग बीजेपी को मिली

खरगे ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि इस योजना के तहत 95 प्रतिशत फंडिंग बीजेपी को मिली। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि मोदी सरकार भविष्य में ऐसे शरारती विचारों का सहारा लेना बंद कर देगी और सुप्रीम कोर्ट की बात सुनेगी, ताकि लोकतंत्र, पारदर्शिता और समान अवसर कायम रहे। जयराम रमेश ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार की काफ़ी प्रचारित-प्रसारित चुनावी बॉन्ड योजना को संसद द्वारा पारित कानूनों के साथ-साथ भारत के संविधान का भी उल्लंघन माना है।

तानाशाही राज्य बन गया है उत्तराखंड : शशि थरूर

नई दिल्ली। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और नियमन को लेकर उत्तराखंड सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति को अगर तानाशाही वाले राज्य को देखना है, तो वह उत्तराखंड जाए। लेकिन अगर वह आजादी को अहमियत देता है, तो उसे वोट देकर भाजपा को (सत्ता से) बाहर करना चाहिए। थरूर की ओर से यह टिप्पणी तब सामने आई है, जब कुछ दिन पहले उत्तराखंड विधानसभा ने यूसीसी विधेयक को पारित किया है। यह अन्य भाजपा शासित राज्यों के लिए इसी तरह का कानून बनाने के लिए एक उदाहरण के रूप में काम कर सकता है। इस विधेयक में लिव-इन रिलेशनशिप के पंजीकरण को अनिवार्य किया गया है। इसके मुताबिक, लिव-इन-रिलेशनशिप से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जाएगा। इसके अलावा, लिव-इन-रिलेशन टूटने पर भी सरकार को इसकी जानकारी देनी होगी।

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