ममता की चेतावनी, कहा- अमित शाह ही बनेंगे तुम्हारे मीर जाफर, मोदी सावधान रहो!
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए... गृह मंत्री अमित शाह को लेकर...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमला बोला है.. उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को ‘कार्यवाहक प्रधानमंत्री’ बताते हुए.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सावधान रहने की सलाह दी है.. ममता ने शाह को ऐतिहासिक गद्दार ‘मीर जाफर’ से तुलना करते हुए कहा कि.. एक दिन वे मोदी के लिए वही साबित हो सकते हैं.. यह बयान उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान आया.. यह हमला चुनाव आयोग की ओर से वोटर लिस्ट में विशेष गहन संशोधन को लेकर केंद्र पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच आया है.. ममता का यह तंज न केवल राजनीतिक तापमान बढ़ा रहा है.. बल्कि 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले सियासी मैदान को और गरमा रहा है..
ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच तनाव लंबे समय से चला आ रहा है.. लेकिन इस बार का हमला इतिहास के एक कुख्यात अध्याय को छूते हुए आया है.. जो बंगाल की राजनीति में गहरी जड़ें जमा चुका है.. 8 अक्टूबर 2025 को उत्तर बंगाल के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद ममता बनर्जी कोलकाता लौटीं.. हवाई अड्डे पर पत्रकारों ने उनसे बाढ़ राहत.. वोटर लिस्ट संशोधन और केंद्र सरकार के रवैये पर सवाल किए.. ममता ने सीधे अमित शाह पर निशाना साधा.. और उन्होंने कहा कि यह सब अमित शाह का खेल है.. वे देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार कर रहे हैं.. प्रधानमंत्री सब कुछ जानते हैं.. लेकिन मुझे कहना पड़ेगा.. अमित शाह पर इतना भरोसा न करें.. एक दिन वे आपके मीर जाफर बन जाएंगे.. सुबह दिन दिखाती है, इसलिए अभी समय है, सावधान रहें..
ममता ने आगे जोड़ा कि चुनाव आयोग जो कुछ भी कर रहा है.. वह शाह के इशारे पर हो रहा है.. क्या चुनाव आयोग भाजपा के इशारे पर काम करेगा या लोकतांत्रिक.. और नागरिक अधिकारों की रक्षा करेगा.. उन्होंने SIR अभियान को बंगाल सहित चुनावी राज्यों में वोटरों के नाम काटने की साजिश बताया.. ममता के अनुसार यह प्रक्रिया बाढ़ और त्योहारों के बीच में चल रही है, जो असंभव है.. 15 दिनों में SIR कैसे होगा.. बारिश हो रही है, बाढ़ आ गई है.. त्योहार चल रहे हैं.. यह भाजपा का षड्यंत्र है..
आपको बता दें कि ममता का ‘मीर जाफर’ जिक्र बंगाल के इतिहास से लिया गया है.. 1757 में प्लासी का युद्ध हुआ था.. जो भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने वाला साबित हुआ.. बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ लड़े.. कंपनी का कमांडर रॉबर्ट क्लाइव था.. नवाब की सेना का प्रमुख मीर जाफर था.. मीर जाफर ने क्लाइव के साथ गुप्त सौदा कर लिया.. युद्ध के दिन उन्होंने अपनी सेना को लड़ने नहीं दिया.. नतीजतन नवाब हार गए.. मीर जाफर को नवाब बना दिया गया.. और ब्रिटिशों ने बंगाल पर कब्जा जमा लिया.. मीर जाफर को आज भी ‘गद्दार’ कहा जाता है.. इतिहासकारों के अनुसार, यह धोखा ब्रिटिशों को भारत में मजबूत करने का पहला कदम था..
बंगाल की राजनीति में ‘मीर जाफर’ शब्द का इस्तेमाल आम है.. 2021 के विधानसभा चुनावों में भी ममता ने भाजपा उम्मीदवार सुवेंदु अधिकारी को ‘मीर जाफर’ कहा था.. अब अमित शाह पर यह तंज लगाना ममता की रणनीति का हिस्सा लगता है.. भाजपा को कमजोर दिखाना और बंगाली अस्मिता को जगाना.. ममता का मुख्य मकसद है..
चुनाव आयोग ने हाल ही में पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में SIR की घोषणा की.. यह प्रक्रिया वोटर लिस्ट को साफ-सुथरा बनाने के लिए है.. इसमें फर्जी वोटरों के नाम हटाए जाते हैं और नए नाम जोड़े जाते हैं.. आयोग के अनुसार, यह हर पांच साल में होती है.. लेकिन ममता इसे भाजपा की चाल बताती हैं.. और उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बंगाल आते हैं और कहते हैं.. कि एक लाख नाम काट देंगे.. यह वोट बैंक तोड़ने की साजिश है.. अगस्त 2025 में अमित शाह ने कोलकाता का दौरा किया था.. जहां उन्होंने भाजपा सांसदों से SIR पर चर्चा की.. भाजपा का दावा है कि टीएमसी के फर्जी वोटरों का पर्दाफाश होगा..
विपक्षी दलों ने भी SIR पर सवाल उठाए हैं.. ममता ने कहा कि यह लोकतंत्र के खिलाफ है.. चुनाव आयोग स्वतंत्र होना चाहिए, न कि भाजपा के इशारे पर चलाने वाला होना चाहिए.. आयोग ने स्पष्ट किया कि SIR बाढ़ के बावजूद चलेगी.. लेकिन स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाएगा.. फिर भी बंगाल में यह मुद्दा गरमाता जा रहा है.. ममता का बयान बाढ़ के संदर्भ में आया.. सितंबर-अक्टूबर 2025 में उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, कूचबिहार जिलों में भारी बारिश से बाढ़ आई.. हजारों लोग बेघर हो गए, फसलें बर्बाद हुईं.. ममता ने 7-8 अक्टूबर को इन इलाकों का दौरा किया.. और उन्होंने राहत सामग्री बांटी और कहा कि हम राज्य स्तर पर सब कर रहे हैं.. लेकिन केंद्र से कोई मदद नहीं मिली है…
ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र बाढ़ राहत फंड में देरी कर रहा है.. भाजपा नेता बाढ़ के बीच वोटर लिस्ट काटने की बात कर रहे हैं.. राहत की नहीं.. राज्य सरकार के अनुसार बाढ़ से 2 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए.. केंद्र ने 500 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की.. लेकिन ममता कहती हैं कि यह कम है.. भाजपा का कहना है कि राज्य की लापरवाही से बाढ़ बढ़ी.. बाढ़ ने राजनीति को प्रभावित किया है.. ममता ने कहा कि लोग गुस्से में हैं क्योंकि नेता कभी इलाके नहीं आते..
ममता ने त्रिपुरा में टीएमसी कार्यालय पर कथित हमले का भी जिक्र किया.. 7 अक्टूबर 2025 को अगरतला में टीएमसी के राज्य कार्यालय पर तोड़फोड़ हुई.. मंगलवार को पांच सदस्यीय टीएमसी प्रतिनिधिमंडल वहां पहुंचा.. इसमें राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव और एक एससी सांसद व एसटी मंत्री शामिल थे.. ममता ने कहा कि उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने नहीं दिया जा रहा.. पुलिस प्री-पेड टैक्सी भी नहीं लेने दे रही.. मैंने कहा पैदल जाएं.. अगर यह भी न हो, तो मैं खुद जाऊंगी.. जिसको लेकर सुष्मिता देव ने कहा कि यह चौंकाने वाला है.. 2023 चुनावों से पहले हमें कार्यालय खोलने में दो साल लगे..
बता दें कि त्रिपुरा में भाजपा की सरकार है.. मुख्यमंत्री माणिक साहा ने हमले की जांच का आदेश दिया.. लेकिन टीएमसी इसे साजिश बताती है.. ममता ने कहा कि हमारे दल में एससी-एसटी प्रतिनिधि हैं.. फिर भी उन्हें रोका जा रहा है.. यह लोकतंत्र का अपमान है.. हाल ही में जलपाईगुड़ी के नागराकाटा में भाजपा सांसद खगेन मुर्मू और विधायक शंकर घोष पर हमला हुआ.. वे बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे थे.. हमलावरों ने पत्थर मारे और नारेबाजी की.. भाजपा ने टीएमसी पर साजिश का आरोप लगाया..
जिसको लेकर ममता ने कहा कि यह इसलिए हुआ क्योंकि भाजपा नेता कभी अपने क्षेत्र नहीं जाते.. बाढ़ और दंगों के बाद लोग सब खो देते हैं.. गुस्सा आता है.. अब हम आक्रोश देख रहे हैं.. वहीं यह बयान 2026 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से कुछ महीने पहले आया… 2021 में टीएमसी ने भारी जीत हासिल की.. लेकिन भाजपा ने 77 सीटें जीतीं.. अब भाजपा दावा कर रही है कि अगली बार सरकार बनेगी.. SIR को भाजपा अपनी ताकत मान रही है.. जबकि टीएमसी इसे हथियार बता रही है..
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार ममता का तंज बंगाली गौरव को जगाने का प्रयास है.. ‘मीर जाफर’ शब्द बंगाल में संवेदनशील है.. इंडिया टुडे के अनुसार यह जवाब राजनीतिक ओवरटोन से भरा है.. ममता मोदी-शाह की एकता पर सवाल उठा रही हैं.. ममता ने भाजपा पर ‘देश बर्बाद करने’ का आरोप लगाया.. वे सत्ता में हमेशा नहीं रहेंगे.. यह बयान टीएमसी की रैली में दोहराया जा सकता है..



