कोलकाता केस पर कांग्रेस-टीएमसी में रार, राहुल की पोस्ट से ममता नाराज

नई दिल्ली। कोलकाता रेप केस के बाद पूरे देश में हलचल बढ़ गई है, जहां एक तरफ पूरे देश में इस केस के चलते विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं दूसरी तरफ अब इस केस में सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल गांधी ने कोलकाता रेप-मर्डर केस को लेकर सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया था और कई सवाल खड़े किए थे, उन्होंने कहा था, पीडि़ता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है.
राहुल गांधी के पोस्ट के बाद अब राज्य की सीएम ममता बनर्जी नाराज नजर आ रही है, राहुल गांधी के उठाए गए इन सवालों के चलते ममता ने कांग्रेस के दो बड़े नेताओं को खुद फोन करके कड़ी नाराजगी जताई है.
ममता बनर्जी की नाराजगी के बाद कांग्रेस नेताओं की तरफ से सफाई दी गई है, नेताओं ने कहा, राहुल ने कोई सियासी हमला नहीं बोला, उन्होंने सिर्फ कोलकाता मामले की बात नहीं की, लेकिन ममता कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थीं, वो लगातार नाराजगी जताती रहीं. ये दोनों नेता जिन से ममता बनर्जी ने नाराजगी जताई है वो कांग्रेस और ममता के बीच पुल का काम करते आए हैं.
दरअसल, कोलकाता मामले को लेकर लगातार बीजेपी शुरुआत में राहुल की चुप्पी पर सवाल उठाती रही, जिसके बाद आखिरकार राहुल ने ट्वीट किया था, वैसे तो राहुल ने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर जो पोस्ट किया था उसमें उन्होंने कोलकाता समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में हुए कई रेप केस का जिक्र किया था, लेकिन राहुल गांधी के सवाल ममता को कतई रास नहीं आए. ऐसे में मामले की गंभीरता को देखते हुए कांग्रेस फिलहाल शांत हो गई है.
बंगाल के चुनावी नतीजे और ममता विरोधी अधीर रंजन चौधरी की हार के बाद कांग्रेस पार्टी ने अध्यक्ष पद से अधीर का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. इसके बाद सहमति बनी कि, फिलहाल सीधे ममता से सियासी लड़ाई लडऩे के बजाय राज्य में बीजेपी से लडक़र मुख्य विपक्षी दल की भूमिका पर नजर रखी जाए, इससे मौजूदा सियासी हालात में सडक़ से संसद तक इंडिया गठबंधन की सदस्य ममता को साथ रखा जाए, लेकिन राहुल के इस पोस्ट के बाद दोनों दलों के बीच ही नहीं बल्कि उनके आला नेताओं के बीच रार की नौबत आ गई है.
राहुल गांधी ने 14 अगस्त को कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुए दुष्कर्म पर पोस्ट करते हुए कहा था, कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ हुई रेप और मर्डर की वीभत्स घटना से पूरा देश स्तब्ध है, उसके साथ हुए क्रूर और अमानवीय कृत्य की परत दर परत जिस तरह खुल कर सामने आ रही है, उससे डॉक्टर्स कम्युनिटी और महिलाओं के बीच असुरक्षा का माहौल है. पीडि़ता को न्याय दिलाने की जगह आरोपियों को बचाने की कोशिश अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है. इस घटना ने सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह पर डॉक्टर्स सेफ नहीं हैं तो किस भरोसे अभिभावक अपनी बेटियों को पढऩे बाहर भेजें? निर्भया केस के बाद बने कठोर कानून भी ऐसे अपराधों को रोक पाने में असफल क्यों हैं?
हाथरस से उन्नाव, और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ती घटनाओं पर हर दल, हर वर्ग को मिलकर गंभीर विचार-विमर्श कर ठोस उपाय करने होंगे. मैं इस असहनीय कष्ट में पीडि़ता के परिवार के साथ खड़ा हूं, उन्हें हर हाल में न्याय मिले और दोषियों को ऐसी सजा मिले जो समाज में एक नजीर की तरह प्रस्तुत की जाए.
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त की रात 3 बजे जूनियर डॉक्टर के साथ रेप हुआ और हत्या कर दी गई. डॉक्टर की उम्र 31 साल थी जो की पीजी की स्टूडेंट थी, जिस समय डॉक्टर आराम करने सेमिनार रूम में गई उसी समय लगभग 3 बजे के करीब यह अपराध उसके साथ हुआ, जिसके बाद जैसे ही माता-पिता को इसकी जानकारी हुई वो दौड़े चले आए. फिलहाल न सिर्फ जूनियर डॉक्टर का परिवार बल्कि पूरे देश में जूनियर डॉक्टर के लिए इंसाफ की मांग उठाई जा रही है और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सवाल किया जा रहा है.

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