लालू के परिवार और जाति का ज्ञान देने लगे मांझी, लालू ने पुराने अंदाज में गर्दा उड़ा दिया!
बिहार में एक बार फिर से जाति को लेकर सियासी संग्राम छिड़ गया है…. जीतन राम मांझी ने लालू यादव और तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए तेजस्वी की डिग्री और लालू की जाति को लेकर सवाल उठाए.... लालू यादव ने भी पलटवार किया... और मांझी की जाति पर प्रतिक्रिया दे दी....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव दो हजार चौदह में केंद्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद से देश में जाति की राजनीति चरम पर है… एनडीए के नेता मंत्री और विधायक सभी दो हजार चौदह से जाति और धर्म की राजनीति करते चले आ रहें है… देश में कभी जाति तो कभी धर्म के मुद्दे पर अक्सर विवाद दिखाई और सुनाई पड़ता है… कभी हिजाब तो कभी भगवा रंग को लेकर विवाद देखने को मिल रहा है… बीजेपी और मोदी के सहयोगी कभी भी जनका के मुद्दे पर बात नहीं करते हैं… सभी नेता देश को तोड़ने वाली राजनीति करने में व्यस्त है… वहीं जब देश के मुखिया मोदी ही तमाम मंचों से जाति और धर्म पर प्रवचन देते चले आएं हो तो उनके सहयोगियों से विकास की बातों की कल्पना कैसे की जा सकती है… आपको बता दें कि एनडीए का कोई भी नेता कभी भी किसी भी मंच से देश में व्याप्त महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार समेत तमाम बुनियादी मुद्दों पर बात नहीं करता है… सभी नेता कभी जाति तो कभी हिंदू-मुसलमान तो कभी हिजाब की बात करते है… और देश में दंगा भड़काने की कोशिश की जाती है… देश की जनता बेरोजगारी, महंगाई से परेशान है… आम जनता की महंगाई ने कमर तोड़ दी है… लेकिन मोदी सहित उनके सहयोगी नेता इन मुद्दों पर बात नहीं कर रहें है… क्योंकि उनको जनता की परेशानी दिखाई ही नहीं दे रही है… बस मोदी को सत्ता में बने रहने की पड़ी है… और इनकी फूट डालो राज करो की नीति आज चरम पर है…
आपको बता दें कि बिहार में एक बार फिर से जाति की राजनीति चरम पर पहुंच गई है…. अब दो दिगग्ज नेता आपस में भिड़ गए हैं…. और दोनों एक दूसरे की जाति को उकटने में लग गए हैं….. दरअसल, जीतन राम मांझी ने मीडिया को संबोधित करते हुए लालू यादव और उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोला था…. मांझी तेजस्वी की डिग्री से लेकर लालू की जाति पर सवाल खड़ा कर दिया….. इतना ही नहीं, उन्होंने साथ में अपने बेटे की डिग्री गिनवानी शुरू कर दी…. फिर शुरू हो गई गड़ेरिया बनाम यादव की लड़ाई…. बता दें कि इन दिनों लालू यादव और जीतनराम मांझी के बीच चल रही जुबानी जंग की चर्चा खूब है….. दोनों एक-दूसरे की जाति और डिग्री को लेकर सवाल उठा रहे हैं…. दोनों के बीच चल रही इस तल्खी पर अब अन्य पार्टियों के नेताओं के भी बयान सामने आ रहे हैं…. दरअसल, केंद्रीय मंत्री और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जाति को लेकर सवाल उठाया था…. मांझी ने कहा था, लालू, यादव नहीं हैं….. इस पर लालू यादव ने पलटवार किया था और पूछा था, मांझी मुसहर हैं क्या….
आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मांझी पर निशाना साधा और कहा कि जीतनराम मांझी और उनका बेटा आरएसएस स्कूल से पढ़ा लिखा है….. जो आरएसएस कहता है वही बोलता है…. सच नहीं जानना चाहते हैं कुछ…. वो तो केंद्रीय मंत्री हैं तो सीएम से जाकर मिलें…. कार्रवाई करें…. जिसने आग लगाई है उसको जेल में डालो…. लेकिन बिना तथ्यों के कुछ भी नहीं बोलना चाहिए…. वहीं, आरजेडी सांसद मीसा भारती ने कहा कि अब लगता है कि पूरे बिहार को प्रमाण पत्र मांझी से ही लेना पड़ेगा….. वो इतने सीनियर नेता हैं…. ‘दलित विरोधी हैं लालू’ हम पार्टी के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण ने कहा कि हिम्मत है तो लालू परिवार अपनी तीन पीढ़ी की वंशावली जारी करें…. लालू प्रसाद की जाति को लेकर सबकुछ साफ हो जाएगा…. हकीकत ये है कि लालू प्रसाद दलित विरोधी मानसिकता के व्यक्ति हैं…. और उन्होंने दलितों को हमेशा पैरों से दबाकर रखा….
बता दें कि बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू मानने को तैयार नहीं है क्या किया जाए….. मांझी ने तो लालू को ब्रह्म ज्ञान दे दिया है…. मांझी तो बोल रहे हैं कि वो मूसहर के बेटे हैं…. लेकिन लालू क्यों नहीं कह रहे हैं कि वो किनके बेटे हैं….. बिहार बीजेपी चीफ दिलीप जायसवाल ने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता को बोलने में परहेज रखना चाहिए…. उनके पिता के उम्र के है जीतन राम मांझी…. अगर जीतन राम मांझी एससी एसटी कोर्ट में जाते हैं तो तेजस्वी ने जिस तरह से उनकी जाति को ठेस पहुंचाई है…. उनको बेल भी नहीं होगा….. वहीं चिराग पासवान ने कहा कि मैं जाति, धर्म, मजहब की राजनीति पर विश्वास नही करता हूं… जब आप एक दूसरे पर जाति को लेकर टिप्पणी करते है…. इसका समर्थन मैं कतई नही करता हूं…. आप जिन बड़े नेताओं की बात कर रहे हैं…. (लालू प्रसाद यादव और जीतन राम मांझी) वो मुझसे उम्र… और तजुर्बे में काफी बड़े है… एक दूसरे को अपनी बातें समझाने में दोनों सक्षम है…. इन दोनों के बीच मे बोलना मेरा उचित नहीं है….
वहीं इन सभी नेताओं के बयानों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि सत्ता पक्ष के नेताओं का मोदी के मार्गदर्शन में कितना अच्छा ज्ञान दिया जा रहा है… किसी भी नेता को जनता के हित की नहीं पड़ी है… सभी नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने में जुटे हुए है…. देश में लगातार अपराध बढ़ता जा रहा है… महिला सुरक्षा की दावा करने वाली मोदी सरकार के सभी दावे फेल है… देश में प्रतिदिन महिलाओं के उत्पीड़न से जुड़े मामले आ रहे है…. लेकिन मोदी किसी भी मुद्दे पर एक शब्द नहीं बोल रहें है… और महिला सुरक्षा और राम राज्य का झूठा दावा करते हुए चले आ रहे है… वहीं दब देश का मुखिया ही जाति धर्म से आगे नहीं बढ़ पा रहा है… तो फिर उनके नीचे काम करने वाले नेताओं की मानसिकता कैसे बदल सकती है… धर्म के नाम पर अपनी राजनीति की रोटी सेंकने वाले नेता यह नहीं समझ रहें हैं कि जनता अब जागरूक हो गई है… और आने वाले चुनावों में इन सभी ध्रुवीकरण की राजनीति का मुहतोड़ जवाब देगी….
आपको बता दें कि जीतन राम मांझी ने कहा था कि अगर तेजस्वी हमें शर्मा कहते हैं…. तो पहले वो अपने पिताजी (जाति) का बताएं…. उसके पिताजी किसके जन्मे हुए हैं…. वो तो गड़ेरिया के जन्मे हुए हैं… तो लालू यादव गड़ेरिया हैं…. यादव नहीं हैं…. वहीं, आरजेडी चीफ लालू यादव ने मांझी के तंज पर सिर्फ एक लाइन में जवाब दिया और पूछा, वो मुसहर हैं? वो मुसहर हैं क्या…. दरअसल, यह पूरा विवाद तब सामने आया…. जब 19 सितंबर को मांझी ने एक्स पर पोस्ट किया… और लिखा. कि विपक्षी दलों के गुंडे हमारे घर, दरवाजों को तोड़ सकते पर हमारे लोगों का हौसला नहीं तोड़ सकते….. घर जलाने वाले लोगों के संरक्षक लालू पाल (गरेड़ी) जी आप राजनीति के लिए अपनी जाति छुपा सकते हैं पर हम नहीं…. हम गर्व से कहते हैं कि “हम मुसहर हैं”…. लालू जी में हिम्मत है तो वह भी कहकर दिखाएं कि हम गरेड़ी हैं…. लालू जी! पूरे बिहार में दलितों के जमीन पर…. और मुसलमानों के क़ब्रिस्तानों पर किस पार्टी के समर्थकों का क़ब्जा रहा है यह सबको पता है…. आपने और आपके लोगों ने बहुत दबा लिया हम लोगों को…. अब करारा जवाब मिलेगा…..
वहीं इसकी बानगी लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीस में मोदी को मिल चुकी है… और जनता ने तीन सौ तीन से लाकर दो सौ चालीस पर खड़ा कर दिया है… बावजूद इसके मोदी और उनके सहयोगियों की कारस्तानी में कोई कमी नहीं आई है… जनता से लुभावने वादे करने वाले लोग भूल चुके हैं… कि आने वाले समय में भी जनता की जरूरत पड़ेगी… वहीं अगर समय रहते मोदी नहीं चेते तो इसका आने वाले दिनों में जनता पर बहुत बड़ा असर होगा… और देश से मोदी और बीजेपी का पूरी तरह से सफाया हो जाएगा… और पहले की तरह ही बीजेपी का लोग नाम भूल जाएंगे…