मनोज जरांगे ने तोड़ा आमरण अनशन, सरकार को दिया अल्टीमेट

मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे ने घोषणा की कि वह अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कर रहे हैं…. देखिए वीडियो...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है… और नई सरकार का गठन हो गया है… इस बीच सियासत जोरों पर है… मराठा आरक्षण आंदोलन के अगुवा मनोज जरांगे ने घोषणा की कि वह अपना अनिश्चितकालीन अनशन खत्म कर रहे हैं…. बता दें कि को महाराष्ट्र सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल ने जरांगे से मुलाकात की… इसमें संदीपान भूमरे और संभुराजे देसाई शामिल थे…. जरांगे ने कहा कि उन्होंने सरकार को एक महीने का वक्त दिया है… अगर सरकार ने एक महीने में काम नहीं किया तो वो सीधे विधानसभा के चुनाव में उतरेंगे…. आपको बता दें कि मनोज जरांग ने अनशन खत्म करने का ऐलान करते हुए कहा कि सरकार के पास तेरह जुलाई तक का वक्त है… उनसे मुलाकात के बाद मंत्री संभुराजे देसाई ने कहा कि जरांगे के संघर्ष की वजह से मराठाओं को दस फीसदी आरक्षण मिला है…

बता दें कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को मनोज जरांगे से अनशन खत्म करने की अपील की थी…. और उन्होंने कहा था कि सरकार ने अंदोलन के दौरान मराठा समुदाय पर दर्ज कुछ आपराधिक मामलों को हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है…. जरांगे मराठा समुदाय को ओबीसी श्रेणी के तहत आरक्षण दिए जाने की मांग करते हुए अनशन शुरू किया था…. वहीं फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि सरकार उनके अनशन को गंभीरता से ले रही है…. और केस वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है. राज्य सरकार ने अधिसूचना पहले ही जारी कर दी है.. और हम इस पर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं…. फडणवीस ने कहा कि एनसीपी नेता और मंत्री छगन भुजबल समेत ओबीसी नेता मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण का लाभ दिए जाने का विरोध कर रहे हैं…. ऐसे में मैं भुजबल से बात करूंगा…. जिन लोगों के पास आवश्यक दस्तावेज हैं… उनके लिए ओबीसी या कुनबी सर्टिफिकेट पाने की प्रक्रिया स्पष्ट करूंगा….

बता दें कि जरांगे पाटिल आठ जून से अनशन पर बैठे थे… आज उनके अनशन का छठवां दिन था…. वहीं जरांगे के तेवर पहले से ज्यादा तल्ख नजर आ रहे हैं…. और उन्होंने ये साफ शब्दों में कह दिया है कि ये आरक्षण सिर्फ और सिर्फ मराठा समाज के लिए है…. सरकार पर आरोप लगाते हुए जरांगे ने कहा कि सरकार आंदोलन को तोड़ने की कोशिश कर रही है…. अगर सरकार अध्यादेश नही लागू करती है… तो वो आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य के सभी 288 सीटों पर सभी जाति- धर्म के उम्मीदवारों को चुनाव लड़वाएंगे… और चुनाव में किसे हराना है उसका सीधा नाम लेंगे….

बता दें मराठा आरक्षण और मनोज जरांगे पाटिल का अनशन राज्य सरकार के लिए सिर दर्द बन गया है…. पिछले साल से लोकसभा चुनाव से पहले तक पाटिल तीन बार आंदोलन कर चुके हैं…. एक बार उन्होंने जालना से मुंबई के लिए कूच भी किया था…. लेकिन सरकार ने अध्यादेश जारी कर उनके आंदोलन खत्म करवाया था… लेकिन अध्यादेश लागू नहीं होता देख उन्होंने एक बार फिर आंदोलन छेड़ दिया है…. आपको बता दें कि मराठा आंदोलन का नुकसान महायुति को लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिला…. वहीं खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी इस बात को माना है मराठा आंदोलन की वजह से महायुति को मराठवाड़ा रीजन में सिर्फ एक ही सीट पर जीत मिली है… मराठाओं का प्रभाव वाला क्षेत्र मराठवाड़ा रीजन में कुल आठ लोकसभा की सीट हैं…. जिसमें संभाजीनगर की सीट को छोड़ दें तो महायुति को सात सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा है…. बीजेपी से राव साहेब दानवे और पंकजा मुंडे जैसे दिग्गज नेताओं को मराठा आरक्षण के मुद्दे के चलते हार का सामना करना पड़ा….

आपको बता दें कि महाराष्ट्र की जालना लोकसभा सीट मराठा आरक्षण आंदोलन का केंद्र रहा है… इस सीट पर दशकों से बीजेपी काबिज रही है…. लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर बड़ा उलटफेर कर दिया है…. यहां कांग्रेस प्रत्याशी कल्याण वैजिनाथराव काले ने एक लाख नौ हजार नौ सौ अट्ठावन वोटों के बड़े अंतर से मोदी 2.0 में केंद्रीय मंत्री रहे राव साहेब दानवे को हरा दिया…. वहीं दूसरी ओर बीड़ जिले से बीजेपी उम्मीदवार पंकजा मुंडे को भी मराठा आरक्षण के चलते हार का सामना करना पड़ा…. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान पंकजा को लगातार मराठा समाज के रोष का सामना करना पड़ता था… शरद पवार ने यहां मराठा समुदाय से आने वाले बजरंग सोनावणे को उम्मीदवार बनाकर बीड जिले की लड़ाई मराठा बनाम ओबीसी कर दिया…

वहीं बीड से सोनावणे चुनाव जीत गए… सरकार ने एक बार फिर जरांगे से अनशन तोड़ने की मांग की है… आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में टिके इसके लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है…. बता दें कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य की महायुती सरकार जनता को भ्रमित करना चाहती है… लोकसभा चुनाव के दौरान जनता ने यह बता दिया है कि वो कांग्रेस और महाविकास आघाडी के साथ है… अब बीजेपी को इस बात की चिंता सता रही है कि लोकसभा के बाद अब विधानसभा में भी मराठा फैक्टर उनको नुकसान पहुंचा सकता है…. जिसको लेकर कांग्रेस नेता और प्रवक्ता चरण सिंह ने कहा बीजेपी के नेताओ को ये समझाना पड़ेगा कि अब ना तो मराठा समाज… और ना ही ओबीसी समाज इनकी बातों से भ्रमित होगा…. लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को मराठा फैक्टर से नुकसान होगा…. कांग्रेस और महाविकास अघाड़ी मराठा समाज और ओबीसी समाज के लिए न्याय चाहती है….

इसके अलावा शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल आरक्षण की लड़ाई अपने लिए नहीं लड़ रहे हैं… बल्कि अपने समाज के लिए लड़ रहे हैं. आज उनके अनशन का छठवां दिन है… लेकिन उनसे कोई बात नहीं कर रहा है…. सरकार उदासीन हो गई है… सरकार को लग रहा है कि जरांगे क्या ही कर लेंगे… वहीं जरांगे व्यक्ति नहीं विचार है…. अगर सरकार ने जरांगे की बातें नहीं मानी तो लोकसभा की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को नुकसान को सामना करना पड़ सकता है….

आको बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल के अनशन पर बीजेपी प्रवक्ता अजित चव्हाण ने कहा कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य सरकार संवेदनशील है…. सरकार ने मराठाओं को दस प्रतिशत आरक्षण भी दिया… और उसे लागू भी किया… लेकिन फिर एक बार जरांगे पाटिल अनशन पर बैठे हैं… उनकी मांग है कि सभी सगे संबंधियों को भी आरक्षण दिया जाए… वहीं बीजेपी प्रवक्ता अजित चव्हाण ने कहा कि ये बात सुप्रीम कोर्ट में कैसे टिके उस बात को लेकर हम लोग काम कर रहे है…. हम लोग शुरू से ही उनकी बातें मान रहे हैं. हम सभी को उनकी सेहत की चिंता है…. जरांगे हमसे चर्चा करें. हमें सलाह दें…. चर्चा के जरिए इस समस्या का हल निकल सकता है… जल्दबाजी में कोई निर्णय ना ले…. लोकसभा के बाद विधानसभा में मराठा फैक्टर महायुति के लिए कैसे खतरा बन सकता है….

वहीं राजनीतिक एक्सपर्ट अभय देशपांडे ने कहा कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में एनडीए को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है…. संविधान बदलने की बात से, एनआरसी, सीएए के अलावा अगर किसी मुद्दे से बीजेपी को नुकसान हुआ है.. तो वो मराठा आरक्षण है… विधानसभा में भी महायुति को मराठा आरक्षण के कारण नुकसान हो सकता है… इसका हल बातचीत से निकल सकता है…. वहीं मराठा समुदाय को सगेसोयरे और ओबीसी वर्ग से आरक्षण मिले इस मांग को लेकर… मनोज जरांगे अंतरवाली सराती में भूख हड़ताल पर बैठे हैं… इस बीच मनोज जरांगे पाटिल की तबीयत खराब होने लगी है…. मनोज जरांगे ने आठ जून को अपनी भूख हड़ताल शुरू की थी…. मंगलवार सुबह से ही उनकी हालत बिगड़ गई थी… अंतरवाली सराती में तैनात डॉक्टरों की एक टीम ने उनसे इलाज करने का अनुरोध किया….

हालांकि, मनोज जरांगे पाटिल ने इलाज कराने से इनकार कर दिया है…. वहीं मनोज जरांगे पाटिल की हालत ज्यादा खराब होने पर उनका इलाज किया गया… सबसे पहले जिला सर्जन राजेंद्र पाटिल और डॉक्टरों की एक टीम ने मनोज जरांगे पाटिल को इलाज करवाने के लिए मनाया…. इसके बाद मनोज जरांगे इलाज कराने के लिए तैयार हो गए हैं…. डॉ. ने फिर मनोज जरांगे पाटिल को तीन स्लाइन चढ़ाई…. जरांगे ने हालांकि चेताया है कि अगर सरकार इस मुद्दे को तुरंत हल करने में विफल रहती है तो वह नसों के जरिए तरल पदार्थ लेना बंद कर देंगे…. जालना जिले में अपने पैतृक गांव अंतरवाली सराती में उन्होंने शनिवार को फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू किया था…. उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए औरंगाबाद (छत्रपति संभाजीनगर) से नवनिर्वाचित शिवसेना सांसद संदीपन भूमरे ने अंतरवाली सराती जा कर मंगलवार को जरांगे से मुलाकात की….

बता दें कि जरांगे मसौदा अधिसूचना के कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं… जो कुनबी को मराठा समुदाय के सदस्यों के ‘सेज सोयरे’ (रक्त संबंधी) के रूप में मान्यता देती है…. वे कुनबी समुदाय को मराठा के रूप में पहचान दिलाने के लिए एक कानून की भी मांग कर रहे हैं…. कुनबी एक कृषि समूह है जो अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी में आता है…. जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं…. जिससे वे कोटा के तहत मिलने वाले लाभ के लिए पात्र बन सकें…. वहीं अब देखना होगा की सरकार जरांगे की मांग को लेकर क्या कदम उठाती है… यह तो आने वाला वक्त तय करेगा…

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