2024 में साइकिल पर फिर सवार होने को तैयार कई दल

Many teams ready to ride cycle again in 2024

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 
लोकसभा और विधानसभा उपचुनाव के नतीजों से सपा के लिए उम्मीदों के साथ ही दोस्ती के भी दरवाजे खुल रहे हैं। चाचा शिवपाल यादव की पार्टी में वापसी के बाद अब विधानसभा चुनाव के पहले व बाद में छूटे साथियों के भी साइकल पर सवार होने के कयास तेज हो गए हैं। रामपुर और खतौली उपचुनाव में आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद की सक्रियता को भी नए रिश्ते का ही संकेत माना जा रहा है। सबसे पहले बात करें आज़ाद समाज पार्टी की इस पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद है। चंद्रशेखर आजाद  उस वक्त चर्चा में आए जब उन्होंने योगी सरकार ने सहारानपुर में दलितों और सवर्णों के बीच हुए एक विवाद के जेल भेज दिया था। जिसके बाद चंद्रशेखर आजाद ने 15 मार्च 2020 को आजाद समाज पार्टी कांशीराम की स्थापना की ये पार्टी मुस्लिन और दलित दोनों की हमदर्द इस पार्टी का वोट बैंक प्रदेश में काफी मजबूत है। और यही वजह है की अखिलेश यादव एक बार फिर इनको पार्टी गठबंधन में जगह दे सकते है। बसपा दलितों की कही जाने पार्टी में 22 प्रतिशत दलित वोट बैंक था लेकिन 2022 में ये गटकर 13 प्रतिशत ही रह गया था। इसकी वजह चंद्रशेखर आजाद की पार्टी ही है दरअसल अब यूथ चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के साथ जाना चाहते है। यानी चंद्रशेखर आजाद की पार्टी को 2024 में अच्छा खासा फायदा मिल सकता है। और अगर समाजवादी पार्टी के साथ चंद्रशेखर आजाद की पार्टी के गठबंधन पर बात बन जाती है तो इसका सीधा फायदा अखिलेश यादव की पार्टी को मिलेगा।

 

 

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