कानून व्यवस्था की आड़ में हो रही घिनौनी राजनीति: मायावती
- भाजपा सरकार पर जमकर बोला हमला, ईवीएम पर उठाए सवाल
- दलित, पिछड़े, मुसलमान व अन्य अल्पसंख्यक को एकजुट होने की अपील
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। 15 जनवरी को अपने जन्मदिन के अवसर से यूपी की पूर्व सीए मायावती व बसपा प्रमुख ने ईवीएम पर सवाल उठाए उन्होंने कहा कि मतपत्रों से चुनाव कराए जाएं। बसपा नेत्री मायावती ने अपने जन्मदिन के अवसर राज्य मुख्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस में ये बात कही।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने मत पत्रों से चुनाव कराने की मांग की है। मायावती ने मॉल एवेन्यू स्थित बसपा मुख्यालय पर ‘जन कल्याण दिवस’ के रूप में मनाए जा रहे अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर सत्तारूढ़ भाजपा की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है, वह किसी से छिपी नहीं है। बसपा प्रमुख ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त से मत पत्र से चुनाव कराए जाने के लिए पुरजोर मांग करते हुए कहा कि देश में ईवीएम के जरिए चुनाव को लेकर यहां की जनता में किस्म-किस्म की आशंकाएं व्याप्त हैं और उन्हें खत्म करने के लिए बेहतर यही होगा कि अब यहां आगे छोटे-बड़े सभी चुनाव पहले की तरह मत पत्रों से ही कराए जाएं। मायावती ने दलितों, पिछड़ों, मुसलमानों और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों को एकजुट होने की अपील की।
आरक्षण को लेकर सपा, कांग्रेस और भाजपा ईमानदार नहीं
बसपा प्रमुख ने कांग्रेस, भाजपा और समाजवादी पार्टी (सपा) पर सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि अब तक के अनुभव यही बताते हैं कि इन जातिवादी सरकारों के चलते इन वर्गों के लोगों को संविधान में मिले उनके कानूनी अधिकारों का अब तक सही लाभ नहीं मिल सका है। मायावती ने कहा कि खासकर आरक्षण के मामले में तो शुरू से ही यहां कांग्रेस, भाजपा और सपा सहित अन्य विरोधी पार्टियां अपने संवैधानिक उत्तरदायित्व के प्रति कतई ईमानदार नहीं रही हैं। अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण लागू करने के मामले में ही नहीं, बल्कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण को लेकर भी इन दलों का रवैया जातिवादी और क्रूर रहा है।