उपचुनावों के लिए मायावती ने कसी कमर

  • पार्टी पदाधिकारियों को दिए जमीन पर उतरने के निर्देश
  • कहा- जनहित व जनकल्याण के उठाएं मुद्दे
  • कांग्रेस और भाजपा ने एससी -एसटी वर्ग के आरक्षण को बना दिया निष्प्रभावी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए पूरी ताकत से जुटी हैं और लगातार बैठकें कर रही हैं। इसी क्रम में मायावती ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित पार्टी प्रदेश कार्यालय में सभी पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों आदि की एक विशेष बैठक की।
इस बैठक में बसपा चीफ ने 11 अगस्त को हुई अहम बैठक में पार्टी संगठन की मजबूती व पार्टी के जनाधार को सर्वसमाज में हर स्तर पर बढ़ाने के लिए दिए गए जरूरी दिशा-निर्देशों की प्रगति रिपोर्ट ली। आगे की जरूरत के हिसाब से संगठन में भी जरूरी फेरबदल किए। मायावती ने प्रदेश के ताजा राजनीतिक हालात की समीक्षा में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जनहित व जनकल्याण आदि के ज्वलन्त मुद्दों को उठाएं। बसपा चीफ ने कहा कि जातिवादी, साम्प्रदायिक व जाति बिरादरी पर आधारित संकीर्ण राजनीति करते रहने की वजह से बीजेपी के विरुद्ध जन विश्वास के अभाव के फलस्वरूप बसपा को काफी मुस्तैदी से अपनी पैठ जनता में जमाने की जरूरत है ताकि इसका लाभ विधानसभा की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी मिल सके।

ईमानदारी से काम करें कार्यकर्ता

यूपी में होने वाले विधानसभा उपचुनावों में पार्टी के बेहतर रिजल्ट के संबंध में पार्टी की तैयारियों की गहन समीक्षा करते हुए बसपा चीफ ने कहा कि अगर पार्टी के लोगों ने यहीं जमीनी स्तर पर पूरी ईमानदारी, निष्ठा व मिशनरी भावना से अपना कार्य लगातार जारी रखा तो यूपी के ऐसे गंभीर हालात का भरपूर लाभ बीएसपी को यहीं तत्काल प्रभाव से अवश्य मिल सकता है। मायावती अब बसपा को मजबूत बनाने के लिए पार्टी संस्थापक कंाशीराम के नुस्खे का इस्तेमाल करने की तैयारी में जुट गर्ईं है। जिसके तहत बसपा सालों बाद कांशीराम की पुण्यतिथि पर लखनऊ में 9 अक्टूबर को एक बढ़ा कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें हर विधानसभा से लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है।

ओबीसी के प्रति षड्यंत्र रचा जा रहा

इसके अलावा मायावती ने कहा कि सोचने वाली बात यह है कि जिस प्रकार से कांग्रेस व भाजपा द्वारा एससी/एसटी वर्ग के आरक्षण को धीरे-धीरे निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया गया है व सरकार में उनके आरक्षित पदों को नहीं भरा जाता है, उसी प्रकार का षड्यंत्र ओबीसी वर्गों के प्रति भी अपनाया जा रहा है, जिसको रोकने के प्रति संगठित प्रयास जरूरी है। 2027 को ध्यान में रखते हुए बसपा सुप्रीमो 2007 वाले अपने पुराने फॉर्मूले पर वापस लौटने का विचार कर रहीं है। जिसके लिए वह बसपा संगठन में बामसेफ का पुर्नगठन करने पर विचार कर रही है। जिसमें आकाश आनंद की भूमिका बेहद अहम बानी जा रही है। हर जिले में अब पहले की तरह मुस्लिम और ब्राह्मण भाई चारा कमेटियां बनाई जाएंगी। पार्टी सतीश मिश्रा और मुनकाद अली की भूमिका भी बढ़ाई जाएगी।

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