भारी हंगामें के बीच एमसीडी का बजट पास

- भाजपा और कांग्रेस में तना-तनी जारी
- पार्षदों की धक्का-मुक्की में एक चोटिल
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का बजट हंगामे के बीच पास हो गया। सदन में भाजपा और कांग्रेस के पार्षदों ने जमकर हंगामा और नारेबाजी की। भाजपा व आप पार्षदों के बीच नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। इस दौरान आप पार्षद ऊषा शर्मा के हाथ में चोट भी लग गई। वहीं, भाजपा पार्षदों ने बजट की औपचारिकता पूरी करने से रोकने के लिए पूरा प्रयास किया, लेकिन आप पार्षदों ने उन्हें नेता सदन मुकेश गोयल के पास पहुंचने नहीं दिया। इस तरह गोयल ने पार्टी पार्षदों के घेरे में प्रस्ताव पास किए, लेकिन वे बजट भाषण नहीं पढ़ सके। सदन की बैठक शुरू होते ही कांग्रेस पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया।
इसके बाद भाजपा पार्षद भी हंगामा करने लगे। बजट भाषण व प्रस्तावों की प्रति फाडऩे की आशंका के कारण आप पार्षदों ने मुकेश गोयल को घेरे में ले लिया। इसके बाद भाजपा पार्षदों के हंगामे के कारण गोयल अपनी सीट छोडक़र बेंच लांघते हुए पार्टी पार्षदों की सीटों के बीच जाकर बजट भाषण पढऩे व प्रस्ताव पास करने की औपचारिकता करने लगे। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट भाषण पढ़ा हुआ माना जाए। हालांकि, उन्होंने सभी प्रस्तावों को पास व रद्द करने के संबंध में सदन को अवगत कराया। इधर, मुकेश तक पहुंचने में नाकाम होने के बाद भाजपा पार्षद नारेबाजी करते हुए मेयर महेश खींची के आसन तक पहुंच गए और बजट की प्रतियां फाडक़र हवा में उछालने लगे। इतना ही नहीं, मेयर के माइक को भी तोड़ दिया। इसके बाद भाजपा पार्षद मेयर के आसन पर चढ़ गए। इस पर मेयर ने 10 मिनट तक के लिए बैठक स्थगित कर दी। सदन की बैठ दोबारा शुरू होने के बाद भी भाजपा पार्षदों का विरोध जारी रहा, लेकिन मेयर ने नेता सदन के प्रस्तावों को मंजूरी देते हुए बजट पर अंतिम मुहर लगा दी।
आप-कांग्रेस में सहमति देख भाजपा ने खोला मोर्चा
विधानसभा चुनाव में एक-दूसरे को कोसने वाली आप व कांग्रेस के एमसीडी बजट पर सहमति की भनक मिलने पर भाजपा पार्षदों ने सदन में हंगामा किया, क्योंकि उन्हें अपने प्रस्ताव पास कराने और आप के प्रस्ताव रद्द कराने में हार तय नजर आ रही थी। बताया जा रहा है कि आप और कांग्रेस के बीच विभिन्न प्रस्तावों खासकर कर्मचारियों को नियमित करने और बजट की राशि में बदलाव को लेकर सहमति बन गई थी। एमसीडी में भाजपा के 117, आप के 112, कांग्रेस के 8 और एक निर्दलीय पार्षद हैं। कांग्रेस व निर्दलीय के समर्थन से आप के पाले में 121 पार्षद आए गए थे, जो भाजपा से चार अधिक थे। ऐसे में बजट के विभिन्न प्रस्तावों पर मतदान की बारी आने पर भाजपा की हार तय थी। इस तरह भाजपा पार्षदों ने बजट पास होने के दौरान मतदान की नौबत पैदा करने से बचने के लिए हंगामा किया।
आप के साथ भाजपा के भी प्रस्ताव पास
नेता सदन ने भाजपा के 23 में से 6 और आप के 8 में से 6 प्रस्तावों को मंजूरी दी। इस तरह उन्होंने अपने पार्षदों के दो प्रस्तावों को खारिज कर दिया। नेता प्रतिपक्ष राजा इकबाल सिंह ने आरोप लगाया कि मेयर ने सदन में लोकतांत्रिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया और जबरन बजट पास करवाया। वहीं, आप पार्षदों ने भाजपा पर सदन की कार्यवाही बाधित करने और अलोकतांत्रिक व्यवहार करने का आरोप लगाया।