निकाय चुनाव के आरक्षण में की गई गड़बड़ी: सपा
- आरोप- कई जिलों में जनजाति व पिछड़े वर्ग को नहीं मिली सीट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने निकाय चुनाव के लिए आरक्षण निर्धारण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का आरोप लगाया है। पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पूरे मामले में की रिपोर्ट सौंपी। मांग की कि अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ों के आरक्षण निर्धारण में की गई गड़बड़ी दूर कराया जाए।
सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल के निर्देश पर पार्टी के वरिष्ठ नेता केके श्रीवास्तव के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने निदेशक स्थानीय निकाय को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया कि नगर पंचायत अध्यक्ष पद के कुल 544 पद में जिला बलरामपुर, कानपुर नगर, ललितपुर में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। इसी तरह अमेठी, अमरोहा, बलरामपुर, बिजनौर, चंदौली, गाजियाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, रामपुर, श्रावस्ती, वाराणसी में अनुसूचित जाति के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई है। जिला बलरामपुर, चित्रकूट, इटावा, हापुड, कानपुर नगर, ललितपुर में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए एक भी सीट आरक्षित नहीं दी गई है। 544 के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 84 सीटें आरक्षित है, जिनमें अनुसूचित जाति की महिलाओं का आरक्षण नियमावली के विपरीत अधिक 61 पद आरक्षित कर 75 फीसदी भागीदारी दी गई है जबकि अनुसूचित जाति पुरूष के लिए 23 पद आरक्षित कर मात्र 27 फीसदी ही दिया गया है।
अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं
नगर पालिका परिषद अध्यक्ष पद के कुल 199 पद में अनुसूचित जनजाति को एक भी सीट आरक्षित नहीं की गई। नगर निगम के महापौर पद के लिए कुल 17 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति के लिए 21 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 3.57 सीटें आरक्षित होनी चाहिए, जबकि घोषित आरक्षण में केवल दो अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 फीसदी अनुमन्य आरक्षण के अनुसार 4.59 सीटें मिलनी चाहिए, लेकिन सिर्फ चार सीटे ही दी गईं। इस तरह अन्य पिछड़ा वर्ग को 23 फीसदी ही आरक्षण दिया गया है। 199 पदों के सापेक्ष अनुसूचित जाति को 24 सीटें आरक्षित है जिसमें अनुसूचित जाति महिलओं को 16 पद आरक्षित कर 66 फीसदी भागीदारी दी है, जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होनी चाहिए। अन्य पिछड़ा वर्ग को 53 सीटें आरक्षित की गई है जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं को आरक्षण नियमावली के विपरीत 23 पद आरक्षित कर 56 फीसदी भागीदारी दी गयी जबकि आरक्षण की परिधि में 33 फीसदी होना चाहिए। प्रतिनिधि मंडल में सर्वेश अम्बेडकर, डॉ. हरिश्चन्द्र सिंह, राधेश्याम सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।