महाराष्ट्र की सियासत में चाचा-भतीजे के बीच छिड़ी जंग! आदित्य ठाकरे के खिलाफ मैदान में आएगी MNS  

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाली महायुति...

4PM न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी के अगुवाई वाली महायुति और विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाडी ने विधानसभा की तैयारियां शुरू कर दी हैं।  महाराष्ट्र के वर्ली में उद्धव गुट के उम्मीदवार की बढ़त 7,000 से भी कम थी, जिसका राज ठाकरे फायदा उठा सकते हैं। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) आगामी विधानसभा चुनाव में इस सीट से संदीप देशपांडे को मैदान में उतार सकती है। वर्तमान में शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे इस सीट से विधायक हैं।

महाराष्ट्र की सियासत में मचा बवाल

वहीं मुंबई दक्षिण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के वर्ली में भारत के कुछ सबसे धनी लोगों का घर है। यह व्यापारिक गतिविधियों के लिए खासा जाना जाता है। हालांकि यहां बीडीडी चॉल और पुलिस कॉलोनियां पुनर्विकास के इंतजार में हैं। कई झुग्गी पुनर्वास परियोजनाएं ठप पड़ी हुई हैं।

इन सबके बीच, मनसे के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शनिवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस दौरान वर्ली के मुद्दों पर चर्चा की। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, बैठक के बाद शिंदे ने अधिकारियों को वर्ली के मुद्दों को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। वहीं दूसरी ओर मनसे के नेता संदीप देशपांडे वर्ली निवासियों की चिंताओं को दूर करने के लिए सक्रिय रूप से उनके साथ जुड़ रहे हैं। मनसे ने 2019 के विधानसभा चुनावों में वर्ली से अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था, क्योंकि शिवसेना (UBT) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे अपना पहला चुनाव लड़ रहे थे।

बता दें कि आदित्य ठाकरे ने वर्ली से 62,247 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना (यूबीटी) की बढ़त में काफी गिरावट देखी गई। पार्टी उम्मीदवार अरविंद सावंत मात्र 6,715 मतों से आगे रहे, जो मुंबई दक्षिण के अंतर्गत आने वाले छह विधानसभा क्षेत्रों में से उन चार में सबसे कम है, जहां शिवसेना (यूबीटी) नेता अपने प्रतिद्वंद्वी से आगे रहे हैं।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • मनसे को इस क्षेत्र में अब एक संभावित अवसर दिख रहा है।
  • हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि सत्तारूढ़ गठबंधन या मनसे एक साथ चुनाव लड़ेंगे या नहीं!
  • मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और सत्तारूढ़ BJP अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए वर्ली में कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं।

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