मोदी सरकार को फिर लगा झटका, शराब नीति मामले में के.कविता को मिली जमानत

मोदी सरकार को लगातार एक के बाद बड़ा झटका लग रहा है... कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मोदी सरकार को लगातार एक के बाद बड़ा झटका लग रहा है… लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद से मोदी सरकार का समय ठीक नहीं चल रहा है… और लगातार बीजेपी की परेशानी बढ़ती जा रही है… संसद में दो बिल पास नहीं हो पाए और अभी हाल ही में आबकारी नीति घोटाले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए… जो मोदी सरकार के मुंह पर एक तमाचा है… वहीं अब कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है… और शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है…. बता दें कि कोर्ट ने मामले में की जा रही जांच को लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की खिंचाई भी की… आपको बता दें कि के कविता तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर की बेटी हैं… और वह 15 मार्च से हिरासत में हैं….

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में गवाही हो चुकी है…. और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है…. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई-ईडी की ओर से पेश हुए वकील एएसजी एसवी राजू से कहा कि हम केंद्रीय एजेंसी के कंडक्ट के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं…. कविता के खिलाफ हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी उचित नहीं है…. इसको लेकर एएसजी ने कहा कि अगर आपको यह आभास हुआ तो मुझे खेद है…. मैंने कुछ भी अप्रासंगिक नहीं पढ़ा है…. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी भी आरोपी के मामले में पिक एंड चूज कर नहीं सकते…. अगर हम अनुमोदकों के बयान लें तो उनकी भूमिका भी कविता जितनी ही है…. अभियोजन निष्पक्ष होना चाहिए…. आप किसी को चुन नहीं सकते…. यह निष्पक्षता क्या है…. कोई है जो साक्षी रहते हुए स्वयं को दोषी ठहराता है….

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आप और अधिक टिप्पणियां चाहते हैं… तो हम आपको चेतावनी दे रहे हैं…. इस न्यायालय ने बार-बार कहा है कि जमानत पर विस्तृत बहस से बचना चाहिए… जांच पूरी हो गई है…. आरोप पत्र और ईडी में शिकायत दायर की गई है…. सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है… और फिर ये एक महिला का मामला है…. बीआरएस नेता की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने दलील रखी…. रोहतगी ने कहा कि वह कहीं भागकर नहीं जाएंगी…. वह एक पार्टी की नेता हैं… इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है…. वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मांगी है…. उनके पिता मुख्यमंत्री थे…. उनके पास राजनीतिक विरासत है…. सह आरोपी मनीष सिसोदिया को जमानत आपने दी है…. मेरे मामले में सीबीआई-ईडी के दोनों मामलों में जांच पूरी हो गई है… दोनों मामलों में कुल मिलाकर 493 गवाह, 50,000 पन्नों के दस्तावेज… और 57 अभियुक्त हैं…. वह मौजूदा एमएलसी हैं…. ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागेंगी…. हाई कोर्ट ने कहा है कि उन्हें राहत नहीं मिलेगी क्योंकि वह एक प्रभावशाली महिला नहीं हैं….

आपको बता दें कि जस्टिस गवई ने हल्के-फुल्के अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि आप एमएलए-एमएलसी हैं…. इसलिए आप जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है…. असुरक्षित नहीं है…. रोहतगी ने कहा कि साउथ ग्रुप में पैसा ले जाने के मामले में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं हुई…. आरोप है कि मैंने गवाह को धमकाया… लेकिन कोई मामला नहीं है…. बेंच ने सीबीआई-ईडी के लिए पेश हुए एएसजी एसवी राजू से पूछा कि कविता के लिए लाभकारी प्रावधान क्यों लागू नहीं होगा…. एएसजी ने जवाब दिया कि कविता ने फोन को नष्ट कर दिया और फॉर्मेट कर दिया…. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस हद तक हाई कोर्ट जज सही हैं कि वह पढ़ी-लिखी हैं…. इसमें कहा गया है कि उन्होंने राजनीति और राज्य में बेहतरीन तथा प्रभावशाली योगदान दिया है…. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ के लिए आपको (और) समग्री चाहिए…. यहां यह केवल फॉर्मेटिंग दिखाता है…. एएसजी ने कहा कि हमारे पास अन्य आरोपियों के साथ उसका संबंध दिखाने के लिए सीडीआर है….

 

 

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