अपने ही खेल में बुरी तरह फंस गई भाजपा, मोदी-शाह के छूटे पसीने!

मोदी सरकार को लगातार एक के बाद बड़ा झटका लग रहा है... कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है... और शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है....

4पीएम न्यूज नेटवर्कः मोदी सरकार को लगातार एक के बाद बड़ा झटका लग रहा है… लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद से मोदी सरकार का समय ठीक नहीं चल रहा है… और लगातार बीजेपी की परेशानी बढ़ती जा रही है… संसद में दो बिल पास नहीं हो पाए और अभी हाल ही में आबकारी नीति घोटाले में जेल में बंद मनीष सिसोदिया को जमानत मिल गई और वो जेल से बाहर आ गए… जो मोदी सरकार के मुंह पर एक तमाचा है… वहीं अब कथित दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत राष्ट्र समिति की नेता के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है… और शीर्ष अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है…. बता दें कि कोर्ट ने मामले में की जा रही जांच को लेकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय की खिंचाई भी की… आपको बता दें कि के कविता तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर की बेटी हैं… और वह 15 मार्च से हिरासत थी… बता दें कि लोकसभा चुनाव में मिली बड़ी हार के बाद से मोदी को लगातार मुंह की खानी पड़ रही है… मोदी का क्रेज लोकसभा चुनाव दो हजार चौबीसे के बाद से पूरी तरह से खत्म हो चुका है… और जनता से साथ-साथ उनके सहयोगी भी उनको आंख दिखाने लगे है… दो हजार चौदह के लोकसभा चुनाव में देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी बीजेपी का वर्चस्व धीरे-धीरे खत्म होता दिखाई दे रहा है… वहीं आने वाले समय में जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने वाले है… जहां बीजेपी की बड़ी हार होती दिखाई दे रही है… लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी हार और झूठे आरोपों में बड़े-बड़े विपक्ष के नेताओं को जेल में रखने वाले मोदी की टेंशन की लगातार बढ़ती नजर आ रही है… क्योंकि एक के बाद एक नेता जेल से बाहर आ रहें है… जिससे मोदी का तेज खत्म हो रहा है…. जिससे मोदी के साथ-साथ पार्टी आलाकमान परेशानी बढ़ गई है….

आपको बता दें कि के कविता से पहले संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी… संजय सिंह को भी मोदी सरकार ने सरकारी तंत्रों का दुरूपयोग करते हुए झूठे मामले में जेल भोजने का काम किया था… उसके बाद दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को शराब घोटाले के मामले में जेल में डालने का काम किया था… वही लंबी जांच का सामना करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सत्रह मनीने बाद जमानत दे दी थी… जिसके बाद जेल से बाहर आए सिसोदिया ने दिल्ली की जनता को बीजेपी के झूठ से पर्दा हटाने के लिए पद यात्रा की थी… और जनता के बीच जाकर मोदी की नीति और उनके मजबूत पार्टियों को तोड़ने के सभी हथकंडो के बारे में उनकी मानसिकता को उजागर करने का काम किया था… उसके बाद मार्च से जेल में बंद बीआरएस की नेता के.कविता को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है… जो बीजेपी और मोदी के मुंह पर तमाचा है… और इससे साफ जाहिर होता है कि मोदी ने किस तरह से पार्टियों को तोड़ने के लिए सरकारी तंत्रों का दुरूपयोग किया था… बता दें कि के. किवता को जमानत देते हुए शीर्श कोर्ट ने ईडी और सीबीआई को जमकर फटकार भी लगाई है….

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने के. कविता को जमानत देते हुए कहा कि इस मामले में गवाही हो चुकी है…. और आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है…. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई-ईडी की ओर से पेश हुए वकील एएसजी एसवी राजू से कहा कि हम केंद्रीय एजेंसी के कंडक्ट के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं…. कविता के खिलाफ हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी उचित नहीं है…. इसको लेकर एएसजी ने कहा कि अगर आपको यह आभास हुआ तो मुझे खेद है…. मैंने कुछ भी अप्रासंगिक नहीं पढ़ा है…. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप किसी भी आरोपी के मामले में पिक एंड चूज कर नहीं सकते…. अगर हम अनुमोदकों के बयान लें तो उनकी भूमिका भी कविता जितनी ही है…. अभियोजन निष्पक्ष होना चाहिए…. आप किसी को चुन नहीं सकते…. यह निष्पक्षता क्या है…. कोई है जो साक्षी रहते हुए स्वयं को दोषी ठहराता है….

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आप और अधिक टिप्पणियां चाहते हैं… तो हम आपको चेतावनी दे रहे हैं…. इस न्यायालय ने बार-बार कहा है कि जमानत पर विस्तृत बहस से बचना चाहिए… जांच पूरी हो गई है…. आरोप पत्र और ईडी में शिकायत दायर की गई है…. सुनवाई जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है… और फिर ये एक महिला का मामला है…. बीआरएस नेता की ओर से वकील मुकुल रोहतगी ने दलील रखी…. रोहतगी ने कहा कि वह कहीं भागकर नहीं जाएंगी…. वह एक पार्टी की नेता हैं… इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच कर रही है…. वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि मेरी मुवक्किल ने ईडी और सीबीआई दोनों मामलों में जमानत मांगी है…. उनके पिता मुख्यमंत्री थे…. उनके पास राजनीतिक विरासत है…. सह आरोपी मनीष सिसोदिया को जमानत आपने दी है…. मेरे मामले में सीबीआई-ईडी के दोनों मामलों में जांच पूरी हो गई है… दोनों मामलों में कुल मिलाकर 493 गवाह, 50,000 पन्नों के दस्तावेज… और 57 अभियुक्त हैं…. वह मौजूदा एमएलसी हैं…. ऐसी कोई संभावना नहीं है कि वह न्याय से भागेंगी…. हाई कोर्ट ने कहा है कि उन्हें राहत नहीं मिलेगी क्योंकि वह एक प्रभावशाली महिला नहीं हैं….

आपको बता दें कि जस्टिस गवई ने हल्के-फुल्के अंदाज में मुस्कुराते हुए कहा कि आप एमएलए-एमएलसी हैं…. इसलिए आप जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है…. असुरक्षित नहीं है…. रोहतगी ने कहा कि साउथ ग्रुप में पैसा ले जाने के मामले में किसी भी तरह की कोई वसूली नहीं हुई…. आरोप है कि मैंने गवाह को धमकाया… लेकिन कोई मामला नहीं है…. बेंच ने सीबीआई-ईडी के लिए पेश हुए एएसजी एसवी राजू से पूछा कि कविता के लिए लाभकारी प्रावधान क्यों लागू नहीं होगा…. एएसजी ने जवाब दिया कि कविता ने फोन को नष्ट कर दिया और फॉर्मेट कर दिया…. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस हद तक हाई कोर्ट जज सही हैं कि वह पढ़ी-लिखी हैं…. इसमें कहा गया है कि उन्होंने राजनीति और राज्य में बेहतरीन तथा प्रभावशाली योगदान दिया है…. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ के लिए आपको (और) समग्री चाहिए…. यहां यह केवल फॉर्मेटिंग दिखाता है…. एएसजी ने कहा कि हमारे पास अन्य आरोपियों के साथ उसका संबंध दिखाने के लिए सीडीआर है….

जिस पर रोहतगी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि मैंने इसे अपने नौकर को दे दिया था…. एएसजी ने कहा कि उनमें से एक आईफोन था….. रोहतगी ने कहा कि हां, तो क्या हुआ…. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रोहतगी, अब हम राजू को सुन रहे हैं…. एएसजी ने कहा कि उनका आचरण सबूतों के साथ छेड़छाड़ और गवाहों को धमकी देने वाला है…. कृपया देखें…. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि मिस्टर राजू फोन बहुत निजी चीज है…. इसमें और भी चीजें होंगी, आदान-प्रदान वाले संदेशों को आंशिक रूप से हटाया जा सकता है…. जैसे मुझे स्कूल और कॉलेज के ग्रुप में मैसेज डिलीट करने की आदत है….. जहां बहुत सारी चीजें डाल दी जाती हैं और गड़बड़ हो जाता है…. एएसजी ने कहा कि आप तब फोन को फॉर्मेट नहीं कर सकते….. उसे पेश करने के लिए कहा गया था…. जस्टिस गवई ने कहा कि इतने सारे वकीलों के पास दो से तीन फोन हैं…. जिसपर एएसजी राजू ने कहा कि हां, मैं भी दो फोन रखता हूं….. मुझे आईफोन पसंद नहीं है….. लेकिन मैं अपने पोते-पोतियों के साथ फेसटाइम के लिए एंड्रॉइड के अलावा एक आईफोन भी रखता हूं…. सुप्रीम कोर्ट ने एएसजी से पूछा कि यह दिखाने के लिए क्या सामग्री है कि वह अपराध में शामिल थीं….. एएसजी ने कहा कि वह इस मामले में महिला के तौर पर राहत की हकदार क्यों हैं…. आखिर योग्यता के आधार पर क्यों नहीं….

आपको बता दें कि सुप्रीम अदालत ने के. कविता को राहत देने के साथ-साथ 10-10 लाख रुपए के दो बेल बॉन्ड भरने के लिए कहा है…. इसके अलावा पासपोर्ट सरेंडर करने का आदेश दिया है…. कोर्ट ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि जमानत के दौरान सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेंगी… और गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी…. के. कविता की ओर से शीर्ष अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी पेश हुए…. जिन्होंने एक-एक कर दलील रखी…. बता दें कि बारह अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने एजेंसियों से दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली बीआरएस नेता की याचिका पर जवाब दाखिल करने को कहा था….. जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार किया गया था…. हाई कोर्ट ने दोनों मामलों में कविता की जमानत याचिका खारिज कर दी थी…. और कहा था कि वह प्रथम दृष्टया आपराधिक साजिश में मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक हैं…. एजेंसियों ने के. कविता पर तथाकथित साउथ ग्रुप का हिस्सा होने का आरोप लगाया….. यह बिजनेसमैन और नेताओं का एक ग्रुप है…. आरोप है कि इस ग्रुप ने पॉलिसी बनाने और लागू करने में उसका पक्ष लेने के बदले में आम आदमी पार्टी को कथित तौर पर सौ करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी….. आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह इसी तरह के आरोपों में जेल में रह चुके हैं….. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इक्कीस मार्च से तिहाड़ जेल में बंद हैं….. और केंद्रीय जांच एजेंसियां केजरीवाल को कथित घोटाले का सरगना बताती हैं…. जो अभी तक स्प्ष्ट नहीं हो पाया है…

 

 

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