मोदी सरकार ने किया लोकतंत्र का चीरहरण, सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला !
लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर देश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है, जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही, वैसे ही उमीदवार सीट....
4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर देश में सियासी सरगर्मी बढ़ गई है, जैसे जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आती जा रही, वैसे ही उमीदवार सीट को लेकर उठा-पटक सी मची हुई है। लोकसभा चुनाव में तमाम दल अपने दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक दलों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी जारी है। सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे जयपुर पहुंचे हैं, यहां कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने बीजेपी पर जमकर तंज कसा है और कहा कि, हमारा देश पिछले 10 साल से एक ऐसी सरकार के हवाले है जिसने महंगाई और बेरोजारी के अलावा कुछ नहीं दिया है, इस सरकार ने आम लोगों पर अत्याचार किया है।
सोनिया गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलै है। उन्होंने कहा कि, यह देश सिर्फ चंद लोगों की जागीर नहीं है, ये देश हम सबका है। हमारे महान पूर्वजों ने कठिन संघर्ष के बदौलत स्वाधीनता दिलाई है। अन्याय के खिलाफ हम लोग लड़ते रहेंगे। इसके आगे सोनिया गांधी ने कहा कि, चारों तरफ अन्याय का अंधकार बढ़ा है, हम इसके खिलाफ लड़ेंगे और न्याय की रोशनी खोजेंगे। दुर्भाग्य से आज हमारे देश में ऐसे नेता सत्ता में विराजमान हैं, जो लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं।
चारों तरफ अन्याय का अंधकार-सोनिया
आज लोकतंत्र खतरे में हैं। साथ में लोकतांत्रिक संस्थाओं का भी चीरहरण हो रहा है। यही नहीं हमारे संविधान को बदलने की कोशिश की जा रही है। ये सब तानाशाही है और हम सब इसका जवाब जरूर देंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि, आज रोज की कमाई से खाने-पीने का सामना इकट्ठा कर पाना मुश्किल है, रसोई की बढ़ती कीमत हमारी माताओं-बहनों के सामने मुश्किल खड़ी कर रही है। कितने लोग भूखे प्यासे सो जा रहे हैं। मोदी सरकार ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया। इस बार जनता परिवर्तन चाहती है। जो हो कर रहेगा।
इस दौरान सचिन पायलट ने कहा कि, राज्य विधानसभा चुनावों में हम भले ही सरकार नहीं बना पाए, लेकिन 2004 की तरह 2024 में बदलाव होगा और INDIA गठबंधन जीतेगा।
ऐसे में प्रियंका गांधी का कहना है कि, यह संघर्ष की आवाज है, बेरोजगारी सीमा चरम पर है, दस साल से बीजेपी की सरकार ने इस समस्या के लिए कुछ नहीं किया है। हमारे घोषणा पत्र को हमने न्याय पत्र का नाम दिया है ताकि ये स्पष्ट हो सके कि, ये सिर्फ घोषणाओं की एक सूची नहीं है, जिन्हें हम चुनाव के बाद भूल जाएंगे। ये एक संघर्ष की आवाज है, इस देश की आवाज है जो आज न्याय मांग रही है।