इलेक्टोरल बॉण्ड के सहारे विपक्ष के निशाने पर आई मोदी सरकार

  • कांग्रेस का प्रहार- किस बात से डरे हुए हैं प्रधानमंत्री
  • एसबीआई ने सूची चुनाव आयोग को सौंपी
  • सीजेआई के आदेश को रोकने की मांग

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। एसबीआई ने इलेक्टोल बॉण्ड पर अपनी सूची निर्वाचन आयोग को सौंप दी है। साथ ही उसने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा भी दे दिया है कि उसने पासवर्ड के साथ पूरी सूची को पेन ड्राइव में चुनाव अयोग को दे दिया है। इन सबके बीच सियासी हंगामा भी मच गया है। कांग्रेस ने इस बाबत केंद्र  की मोदी सरकार व बीजेपी को घेर लिया। वहीं मुख्य न्यायाधीश के आदेश को रोकने की मांग राष्टï्रपति से की गई है। गौरतलब हो  फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को अवैध करार देते हुए उस पर रोक लगा दी थी। साथ ही एसबीआई को कहा था कि एसबीआई को अब तक खरीदे गए बॉन्ड की जानकारी चुनाव आयोग को दी जाए।

राष्ट्रपति के दफ्तर में पहुंची चिट्ठी

ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदिश सी अग्रवाल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि वे चुनावी बांड योजना मामले में फैसले का राष्ट्रपति संदर्भ लें और इसे प्रभावी न करें। अग्रवाल ने राष्ट्रपति को लिखे अपने पत्र में कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों को योगदान देने वाले कॉरपोरेट्स के नामों का खुलासा करने से गंभीर असर पड़ सकता है। इसमें प्रेसिडेंसिशियल रेफरेंस का जिक्र कर रोक की मांग की गई है।

एसबीआई के माध्यम से अड़ंगा लगा रही सरकार  : जयराम

कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि सरकार भारतीय स्टेट बैंक(एसबीआई) के माध्यम से लगातार इस बात को सामने आने से रोकने या देरी करने की कोशिश कर रही है कि किसने, किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल भी किया कि आखिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किस बात से डरे हुए हैं? रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, ”15 फऱवरी 2024 को चुनावी बॉण्ड को असंवैधानिक घोषित करने वाले उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद से मोदी सरकार एसबीआई के माध्यम से लगातार इस बात को सामने आने से रोकने या देरी करने की कोशिश कर रही है कि किसने, किस राजनीतिक दल को कितना चंदा दिया। उन्होंने सवाल किया, ”प्रधानमंत्री किस बात से इतने डरे हुए हैं? चुनावी बॉण्ड के आंकड़ों से कौन सा नया घोटाला सामने आएगा? रमेश ने दावा किया कि 20 फऱवरी 2024 को पता चला था कि ईडी, सीबीआई या आयकर विभाग के छापे या जांच के तुरंत बाद 30 कंपनियों से भाजपा को 335 करोड़ रुपए तक का चंदा मिला है।

बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने खुद को किया अलग

 

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की कार्यकारी समिति ने एससीबीए प्रमुख आदीश सी अग्रवाल द्वारा लिखे गए पत्र से खुद को अलग कर लिया, जिसमें चुनावी बांड योजना मामले में शीर्ष अदालत के फैसले के राष्टï्रपति के संदर्भ की मांग की गई थी। बार एसोसिएशन ने भी पत्र की सामग्री की निंदा की, इसे सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को खत्म करने और कमजोर करने का प्रयास बताया।

15 मार्च तक चुनावी बांड का विवरण प्रकाशित करने के भी आदेश

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के एक दिन बाद एसबीआई ने चुनाव आयोग को चुनावी बांड का डेटा सौंपा। सुप्रीम कोर्ट ने पोल पैनल को 15 मार्च को शाम 5 बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर चुनावी बांड का विवरण प्रकाशित करने का भी निर्देश दिया है।

सीईसी-ईसी की नियुक्तिमामले में सुनवाई पर सुप्रीम कोर्ट सहमत

  • 15 मार्च को होगी बहस कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दाखिल की थी याचिका

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में 15 मार्च को सुनवाई करेगा।बता दें कि कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ती के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। उन्होंने अपनी याचिका में सीईसी अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी थी। याचिका में उन्होंने सीईसी अधिनियम, 2023 की धारा 7 और 8 के तहत मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की है।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार नियुक्ति की मांग

इसके साथ ही कांग्रेस नेता जया ठाकुर की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार चुनाव आयोग के सदस्यों की नियुक्ति का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। जिसमें सीईसी-ईसी  की नियुक्ति के लिए सीजेआई, प्रधानमंत्री और लोकसभा में विपक्ष के नेता की एक समिति के गठन का निर्देश दिया गया था।

भाजपा कर रही ‘वोट बैंक की गंदी राजनीति’: केजरीवाल

  • पड़ोसी देशों को रुपये बांटना चाहती है सरकार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को लागू करना भाजपा की ”वोट बैंक की गंदी राजनीति है। उन्होंने कहा कि लोग चाहते हैं कि इस कानून को निरस्त किया जाए। केजरीवाल ने कहा कि इस कानून के जरिए केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार ने पाकिस्तान और बांग्लादेश से बड़ी संख्या में गरीब अल्पसंख्यकों के भारत आने के द्वार खोल दिए हैं। उधर भाजपा ने इस पर प्रति्िरक्रया देते हुए कहा कि विपक्ष राजनीति कर रही है और माहौल खराब करना चाहता है।
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में 3.5 करोड़ अल्पसंख्यक हैं। भाजपा हमारे लोगों का पैसा पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए गरीब प्रवासियों को यहां नौकरी और घर देकर बसाने में खर्च करना चाहती है। आने वाले चुनावों में भाजपा को फायदा होगा क्योंकि पड़ोसी देशों से भारत में बसने वाले गरीब अल्पसंख्यक उसके वोट बैंक बन जाएंगे। लोकसभा चुनाव से पहले सीएए लागू करना भाजपा की वोट बैंक की गंदी राजनीति है। देश सीएए को निरस्त करने की मांग करता है। अगर कानून रद्द नहीं किया गया तो वे भाजपा के खिलाफ वोट करें।

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