राहुल की भारत जोड़ो यात्रा से घबराए मोदी!

  • समर्थक बोले ये मोदी का तरीका
  • विपक्ष ने कहा चुनावी है सब

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से घबरा गए हैं मोदी! ऐसा सियासी गलियारे में आजकल चर्चा हो रही है। ये चर्चा दिल्ली में पीएम मोदी के रोड शो करने के बाद हो रही है। लोग ये कह रहे कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले महज आधा किलोमीटर का रोड शो करने का क्या औचित्य। उनके इस छोटे से शो को विरोधियों ने उनकी घबराहट करार दिया है। विपक्ष कह रहा अन्य दलों के नेताओं की सडक़ यात्रा में जुट रही भीड़ से मोदी घबरा गए हैं और इसलिए वह इस तरह के आयोजन कर रहे हैं।
विश्लेषक मानते हैं राहुल गांधी की यात्रा को मिल रहे जन समर्थन से कहीं न कहीं परेशान हैं इसलिये उन्होंने मीडिया का ध्यान भटकाने के लिए रोड शो करने का शिगूफा छोड़ा है। हालांकि समर्थक कह रहे हैं ऐसा कुछ नहीं है मोदी का तरीका है। वहीं विपक्ष ने आरोप लगया कि वह हमेशा चुनाव को नजर में रखकर ही अपने सारे कार्यक्रम तैयार करते हैं। अटलजी देश की सत्ता पर छह साल तक रहे और उनके समय में भी बीजीपी की राष्ट्रीय  कार्यकारिणी की बैठक हुई लेकिन उन्होंने उसमें हिस्सा लेने के लिए कभी रोड शो नहीं किया क्योंकि वे सार्वजनिक जीवन में रहते हुए इसे बेहद बचकाना और ओछी हरकरत माना करते थे। बात चाहे जो हो पर दबी जुबान से ही सही संघ या भाजपा के बहुत से नेता ये कहते हैं कि 2014 से लेकर 23 तक पार्टी में बहुत बदलाव आ गया है। अब कोई भी नेता कुछ भी कहने से बचता है। अब तो सारे फैसले एक जगह से केंद्रीत हो रहे हैं।
दिल्ली में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक की शुरुआत हुई जहां कई तरह के प्रस्ताव पास करने के साथ ही बहुत दावे भी किये गए। इसमें कोई शक नहीं कि जो पार्टी केन्द्र की सत्ता में होती है उसे अपने दावों को हकीकत में बदलने में बहुत ज्यादा देर नहीं लगती है, लिहाजा, सियासी तौर पर ये मानकर चलना होगा कि बीजेपी ने अपनी इस बैठक के जरिये एक बड़ा संदेश ये देने की कोशिश की है कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से उसे न तो कोई फर्क पड़ा है और न ही वो इससे डरी हुई है बल्कि वो जमीनी स्तर पर खुद को और ज्यादा मजबूत करने के लिए सवा साल पहले ही जुट गई है, यानी मिशन 2024 ही उसका एकमात्र लक्ष्य है जिसके लिए वो हैट्रिक लगाने की तैयारी में है। इसी तरह के आयोजनों से इस वर्ष होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल करना चाहती है। दरअसल, बीजेपी इस बार चुनावी -जीत की हैट्रिक लगाने के लिये अपना सारा फोकस जीती हुई सीटों को दोबारा अपनी झोली में लाने के साथ ही खासकर उन सीटों पर दे रही है जहां पार्टी पिछले चुनाव में दूसरे या तीसरे नंबर पर रही थी। पहले पार्टी ने लोकसभा की ऐसी 144 सीटों का आकलन लगाया था जिसे बढ़ाकर अब 160 कर दिया गया है। इसीलिये पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 72 हजार बूथों को मजबूत करने का आव्हान किया है। ये सभी वही बूथ हैं जहां बीजेपी को मामूली अंतर से हार का सामना करते हुए दूसरे या फिर तीसरे नंबर पर आना पड़ा था। सूत्रों की मानें, तो अगले सवा साल में देश की इन 160 सीटों पर पीएम मोदी की मेगा रैली कराने की योजना बनाई गई है। वैसे बीजेपी ने पहले जिन 144 सीटों के लिए अपना मास्टर प्लान तैयार किया था उनमें ज्यादातर सीटें पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, तमिलनाडु जैसे राज्यों की हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा सीटें पश्चिम बंगाल की हैं। बंगाल के बाद फिर ज्यादातर सीटें दक्षिण भारतीय राज्यों की है।

 

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