वोट चोरी के खिलाफ हल्ला-बोल, मोदी-शाह-ज्ञानेश की हिली कुर्सी!

क्या लोग दिल्ली की सड़कों पर उतर कर खुल कर प्रदर्शन करने लगे हैं? क्या यूपीए 2 की तरह मोदी सरकार का भी हाल होने वाला है? क्या कांग्रेस वोट चोरी के खिलाफ पूरे देश भर में महा आंदोलन करने जा रही है? क्या ज्ञानेश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है?

4पीएम न्यूज नेटवर्क: क्या लोग दिल्ली की सड़कों पर उतर कर खुल कर प्रदर्शन करने लगे हैं? क्या यूपीए 2 की तरह मोदी सरकार का भी हाल होने वाला है? क्या कांग्रेस वोट चोरी के खिलाफ पूरे देश भर में महा आंदोलन करने जा रही है? क्या ज्ञानेश कुमार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है?

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कल जिस तरीके से दिल्ली से तस्वीरें सामने आईं हैं उसने मोदी शाह को हिला कर रख दिया है। क्योंकि जब सारे मीडिया का ध्यान जब बिहार चुनाव में अटका हुआ था उसी वक्त दिल्ली में भयंकर तरीके से ऐसा प्रदर्शन हुआ कि बात ज्ञानेश कुमार के दफ्तर की दीवारों पर पोस्टर चिपकाने तक पहुँच गई। जिसके अमित शाह की पुलिस हरकत में आई जबरन औरतो बच्चों और बुजुर्गों को गिरफ्तार करके ले गई। इसी सब को लेकर अब राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने ऐसा बवाल काटा है की ज्ञानेश कुमार से लेकर मोदी शाह और दिल्ली की सीएम तक की कुर्सी हिल गई है। तो कल क्या कुछ हुआ है दिल्ली में सब बताएंगें आपको इस वीडियो में।

राहुल गाँधी ने जब से हाइड्रोजन बम फोड़ा है ज्ञानेश कुमार और मोदी शाह बुरी तरह फंस गए हैं। क्योंकि राहुल गांधी ने इस बार सिर्फ प्रेस कांफ्रेंस करके धमाका नहीं किया है बल्कि इस बार अपने बब्बर शेरों को वोट चोरी का मैसेज जनता तक पहुंचाने के लिए मैदान में उतार दिया है। और राहुल की युवा ब्रिगेड भी कम नहीं है, वो सीधा पहुंच गई ज्ञानेश कुमार के दफ्तर। जी हां भारतीय युवा कांग्रेस ने रविवार दिन में चुनाव आयोग कार्यालय की दीवारों पर मतदाता सूची में हेर-फेर का आरोप लगाते हुए पोस्टर लगाए।

इन पोस्टरों में उस ब्राजीलियन मॉडस की तस्वीर भी थी फोटो का इस्तेमाल करके हरियाणा चुनाव में बड़ी धांधली की गई थी। इस मौके पर भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय भानु चिब ने कहा कि यह संगठन के देशव्यापी अभियान की शुरुआत है। लोकतंत्र की नीलामी अब नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पोस्टर को लगाने के पीछे मुख्य मकसद चुनाव आयोग से यह पूछना है कि ब्राजील की एक महिला ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में 22 वोट कैसे डाले। इसका मतलब साफ है कि हमारे देश का चुनाव आयोग इस धांधली के समय सो रहा था।

अब देखिए, यूथ कांग्रेस जो पोस्टर चुनाव आयोग की दिवारों समेत पूरे दिल्ली भर में लगा रही है उसका संदेश बस इतना है कि चुनाव आयोग पूरी तरह से भाजपा का एजेंट बनकर काम कर रहा है। इस पोस्टर के जरिये सवाल किया जा रहा है कि आखिर क्या चुनाव आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मदद के लिए इस धांधली में शामिल है? औ अगर नहीं है तो यह ब्राजीलियन महिला कैसे हरियाणा चुनाव में 22 बार वोट डाल सकती है? इसका सीधा मतलब है कि चुनाव आयोग वोट चोरी करके भाजपा सरकारें क्यों बनवा रहा है।

आपको बता दें कि यूथ कांग्रेस सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि पूरे देशभर में पोस्टर और होर्डिंग्स के जरिए बार-बार यही सवाल पूछ रही है। कार्यकर्ताओं ने दिल्ली के अलावा देश के कई शहरों में भी यह पोस्टर अभियान शुरू कर दिया है. न सिर्फ पोस्टर चिपका कर कांग्रेस की यूथ ब्रिगेड जनता तक वोट चोरी का मैसेज पहुंचा रही है बल्कि बसों, ट्रेनों और मेट्रो में भी यूथ कांग्रेस ज्ञानेश कुमार की पोल पट्टी खोल रही है।

तो देखा आपने कैसे युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता चुनाव आयोग और भाजपा की मिली भगत का सबूत लोकल ट्रेनों मेट्रो और सड़कों पर बांट रहे हैं। इससे पता चलता है कि राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के खिलाफ एक महा आंदोलन की शुरुआत कर दी है। भारतीय युवा कांग्रेस चीफ उदय भानु चिब ने साफ चेतावनी दी है कि हिसाब मांगा जाएगा और चुनाव आयोग को जवाब देना ही पड़ेगा. यह प्रदर्शन ऐसे वक्त में हो रहा जब हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं.

युवा कांग्रेस ने ऐलान किया कि यह अभियान तब तक जारी रहेगा, जब तक स्वतंत्र और पारदर्शी जांच नहीं हो जाती है। अब देखिए कांग्रेस द्वारा वोट चोरी का मुद्दा पूरे देश में फैलाने की कोशिश की जा रही है। और इस अभियान के निशाने पर सिर्फ मोदी शाह और ज्ञानेश ही नहीं हैं। बल्कि आयोग में बैठा हर वो अधिकारी है जो वोट चोरी के खेल में शामिल है। कांग्रेस चुनाव आयोग में बैठे उन दोनों उच्च अधिकारियों को भी आड़े हाथों ले रही है जो ज्ञानेश कुमार का साथ दे रहे हैं। अभी 2 दिन पहले ही बिहार की एक रैली के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी तीनों अधिकारियों के खिलाफ हल्ला बोलते हुए क्या कुछ कहा था सुनिए।

इससे साफ हो गया है कि कांग्रेस ने पूरे चुनाव आयोग के खिलाफ अभियान छेड़ दिया और वो तब तक चुप नहीं बैठने वाली है जब तक चुनाव आयोग सत्ता की दलाली छोड़कर अपना काम निष्पक्ष तरीके से नहीं करता है। अब आपको हमने कांग्रेस यूथ द्वारा चुनाव आयोग की दिवारों पर वोट चोरी के पोस्टर चिपकाने वाली तस्वीरें दिखाई और अब हम आपको उसी दिल्ली में कल हुए एक आंदोलन की तस्वीरें भी दिखाते हैं। ये तस्वीरें हैं दिल्ली के इंडिया गेट के पास की जहां दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ सैकड़ों लोग कल सड़कों पर प्रदर्शन करने उतरे थे।

इस भीड़ में जेन जी के साथ साथ महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों ने भी भारी मात्रा में हिस्सा लिया था लेकिन अमित शाह की पुलिस ने आधी रात को सबको गिरफ्तार कर लिया। उसने मासूम बच्चों की भी परवाह नहीं की और रातों रात सड़क को खाली करवा दिया। कहा गया ये लोग सड़के जाम करके व्यवधान डाल रहे हैं। हैरानी की बात है कि पुलिस उन बाबाओं के लिए सड़के बंद कर रही है जो इसी दिल्ली के पास धर्म के नाम पर पध यात्रा कर रहे हैं और उन लोगों को सड़कों से उठा कर जेलों में डाल रही है जो सांस लेने के लिए बस साफ हवा की डिमांड कर रहे हैं।

इसके खिलाफ नेताप्रतिपक्ष राहुल गाँधी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि- स्वच्छ हवा का अधिकार एक बुनियादी मानवाधिकार है। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार हमारे संविधान द्वारा सुनिश्चित किया गया है। शांतिपूर्ण ढंग से स्वच्छ हवा की मांग करने वाले नागरिकों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? वायु प्रदूषण करोड़ों भारतीयों को प्रभावित कर रहा है, हमारे बच्चों और हमारे देश के भविष्य को नुकसान पहुँचा रहा है। लेकिन वोट चोरी के ज़रिए सत्ता में आई सरकार को इसकी कोई परवाह नहीं है, न ही वह इस संकट को हल करने का प्रयास कर रही है। हमें स्वच्छ हवा की मांग कर रहे नागरिकों पर हमला करने के बजाय, अभी वायु प्रदूषण पर निर्णायक कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

अब देखिए जिस तरीके से दिल्ली और पूरे देशभर में मोदी सरकार के खिलाफ लोगों का आक्रोश फैल रहा है वो यूपीए 2 की याद दिला रहा है। आपको बता दें कि उस दौर में भी जनता का आक्रोश किसी एक मुद्दे पर आधारित नहीं था। उस वक्त भी लोग अलग अलग कारणों के चलते सड़कों पर उतर रहे थे जैसे आज वोट चोरी और पर्यावरण के सवाल पर सरकार के खिलाफ हल्ला-बोल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जनता मोदी-शाह का भी वही हाल करेगी जो उस समय की यूपीए सरकार का किया था या मोदी शाह इन मुद्दों से बचने का कोई तरीका निकाल लेंगे।

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