Modi के गुजरात में घोटालों की बाढ़, भूतिया कर्मचारियों पर जागी सरकार, 8 नियुक्ति रद

मोदी शासन में घोटालों की बाढ़! AMC के भूतों को लेकर जागी सरकार... आठ नियुक्तियां रद्द, किसकी सह पर हुआ घोटाला!

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के अहमदाबाद नगर निगम में हाल ही में एक बड़ा भर्ती घोटाला सामने आया है…. इस घोटाले में उम्मीदवारों के परीक्षा अंकों में छेड़छाड़ करके उन्हें नौकरी दी गई……. दिसंबर 2024 में इस घोटाले का पहला खुलासा हुआ था……. जब तीन उम्मीदवारों के मार्क्स बढ़ाकर उन्हें असिस्टेंट टेक्निकल सुपरवाइजर की पोस्ट पर नियुक्त किया गया….. वहीं अब जांच में और ज्यादा गड़बड़ियां सामने आई हैं…… जिसके चलते 8 और कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं…… इनमें असिस्टेंट सर्वेयर, सब-इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सैनिटरी सब-इंस्पेक्टर, फार्मासिस्ट और फीमेल हेल्थ वर्कर जैसी पोस्ट्स शामिल हैं…… नगर निगम ने इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने की तैयारी कर ली है….. बता दें कि यह घोटाला मोदी सरकार के शासनकाल में गुजरात जैसे राज्य में हुआ है……. जहां पारदर्शिता और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन का दावा किया जाता है…… लेकिन तथ्यों से पता चलता है कि ऐसे घोटाले सरकारी नौकरियों में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें दिखाते हैं……

जानकारी के मुताबिक यह घोटाला सबसे पहले दिसंबर 2024 में सामने आया….. एएमसी के इंजीनियरिंग विभाग में असिस्टेंट टेक्निकल सुपरवाइजर की 93 पोस्ट्स के लिए भर्ती प्रक्रिया चल रही थी……. अप्रैल 2024 में आवेदन शुरू हुए थे…… और कुल 12,377 आवेदन आए…… इनमें से 5,955 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी…… जो गुजरात यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित की गई थी…… परीक्षा के बाद आंसर की जारी हुई….. लेकिन कुछ उम्मीदवारों ने आपत्तियां दर्ज कीं…… गुजरात हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आंसर की को संशोधित किया गया…..

बता दें कि 5 अक्टूबर 2024 को मेरिट लिस्ट जारी हुई…… और 93 उम्मीदवारों को प्रोबेशन पर नियुक्त किया गया…… लेकिन एक शिकायतकर्ता ने नगर निगम आयुक्त एम. थेनारासन को बताया कि कुछ उम्मीदवारों के मार्क्स में हेरफेर किया गया है…… जांच में पता चला कि तीन उम्मीदवारों जय अशोक पटेल, मोनल लिंबाचिया और तमन्नाकुमारी पटेल  के मार्क्स बढ़ाए गए थे…… उदाहरण के लिए मोना लिंबाचिया के असली मार्क्स 18.25 थे…… लेकिन उन्हें 85 दिखाए गए….. इसी तरह, तमन्ना पटेल के 18.50 को 77 और जय पटेल के 19.25 को 85 कर दिया गया…..

वहीं इस हेरफेर के पीछे एएमसी के सेंट्रल ऑफिस में तैनात हेड क्लर्क पुलकित सथवारा का नाम सामने आया…….. वह डीटीपी ऑपरेटर भी था और रिजल्ट शीट को वेबसाइट पर अपलोड करने का जिम्मेदार था……. जांच में पता चला कि पुलकित ने मार्क्स शीट में बदलाव करके इन उम्मीदवारों को मेरिट में जगह दी…… 27 दिसंबर 2024 को इन तीनों की नियुक्तियां रद्द कर दी गईं……. और पुलकित को सस्पेंड कर दिया गया…… एएमसी ने उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई…..

वहीं यह मामला सिर्फ तीन उम्मीदवारों तक सीमित नहीं था……. एएमसी के अधिकारियों को शक हुआ कि यह बड़े स्तर का घोटाला हो सकता है……. इसलिए, मेयर प्रतिभा जैन और नगर निगम आयुक्त ने एक स्पेशल जांच कमिटी बनाई……. इस कमिटी में लेबर ऑफिसर, विजिलेंस डायरेक्टर, एस्टेब्लिशमेंट ऑफिसर और दो डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर शामिल थे…… कमिटी को 1 जनवरी 2021 से अब तक की सभी भर्तियों की जांच करने का आदेश दिया गया…….

कमिटी ने मई 2023 से अक्टूबर 2024 तक की 37 से ज्यादा भर्ती प्रक्रियाओं की जांच की…… इनमें कुल 2,786 उम्मीदवार सिलेक्ट हुए थे…… और 1,316 वेटिंग लिस्ट में थे…… परीक्षाएं गुजरात यूनिवर्सिटी, आईआईटी गांधीनगर…… और आईआईएम अहमदाबाद जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा आयोजित की गई थीं…… जांच में एजेंसियों द्वारा दिए गए मूल रिजल्ट और एएमसी की मेरिट लिस्ट की तुलना की गई…… नतीजे चौंकाने वाले थे….. 8 और उम्मीदवारों के मार्क्स में हेरफेर पाया गया….. इसमें असिस्टेंट सर्वेयर, सब-इंस्पेक्टर (एस्टेट और टीडीओ), असिस्टेंट सैनिटरी सब-इंस्पेक्टर, फार्मासिस्ट, फीमेल हेल्थ वर्कर शामिल थे…..

इन सभी को फिक्स्ड सैलरी पर प्रोबेशन पर रखा गया था….. जांच में पता चला कि उनके मूल मार्क्स मेरिट के लिए पर्याप्त नहीं थे…… लेकिन किसी ने रिजल्ट शीट में बदलाव करके उन्हें सिलेक्ट कर लिया…. 11 अगस्त 2025 को नगर निगम आयुक्त ने इन 8 की नियुक्तियां रद्द करने का आदेश जारी किया…….. साथ ही, इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई…… पुलकित सथवारा पर फिर से आरोप लगे कि उन्होंने इन मामलों में भी हेरफेर किया…… हालांकि, जांच में अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ कि कौन-कौन से अन्य अधिकारी शामिल थे…… एएमसी के डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर अर्जव शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि घोटाला सामने आने के बाद वेटिंग लिस्ट से नए उम्मीदवारों को नियुक्त किया गया है……

आपको बता दें कि घोटाले में एएमसी के भूतों का जिक्र है….. जो घोस्ट एम्प्लॉयी (फर्जी कर्मचारी) को इंगित करता है…… हालांकि, मुख्य जांच मार्क्स टैम्परिंग पर केंद्रित है…… लेकिन कुछ पुराने मामलों और सोशल मीडिया पोस्ट्स से पता चलता है कि एएमसी में घोस्ट एम्प्लॉयी का मुद्दा भी रहा है…… 2017 में दिल्ली एमसीडी में सीएजी रिपोर्ट ने घोस्ट एम्प्लॉयी का खुलासा किया था…… जहां 2.5 लाख फर्जी सफाई कर्मचारियों को कैश पेमेंट दी जा रही थी…… इसी तरह, मध्य प्रदेश में 2025 में 50 हजार घोस्ट वर्कर्स का 230 करोड़ का घोटाला सामने आया……

एएमसी के इस घोटाले में सीधे घोस्ट एम्प्लॉयी नहीं मिले…… लेकिन फर्जी मार्क्स से नियुक्त कर्मचारी असल में ‘भूत’ जैसे ही हैं…… क्योंकि वे योग्य नहीं थे….. जांच कमिटी ने सभी रिकॉर्ड्स की जांच की……. लेकिन अगर घोस्ट का कोण सामने आता तो घोटाला और बड़ा हो सकता था……. सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में एएमसी में घोस्ट एम्प्लॉयी का जिक्र है…….

आपको बता दें कि मुख्य आरोपी पुलकित सथवारा है….. जो एएमसी का हेड क्लर्क था….. वह रिजल्ट अपलोड करने का जिम्मेदार था…. और कंप्यूटर से परिचित था…… जांच में पता चला कि उसने उम्मीदवारों से पैसे लेकर मार्क्स बढ़ाए…… तीन उम्मीदवारों ने उसे 8 लाख रुपये दिए थे……. पुलकित को जनवरी 2025 में गिरफ्तार किया गया…… और अब नए मामलों में उसकी भूमिका की जांच हो रही है…..

अन्य आरोपी वे 8 कर्मचारी हैं जिनकी नियुक्तियां रद्द हुईं…… जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या उन्होंने पैसे दिए या किसी की सिफारिश से काम हुआ…… एएमसी ने कहा कि जांच पूरी होने तक नाम सार्वजनिक नहीं किए जाएंगे…… पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 465 (फर्जी दस्तावेज) और अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है……

वहीं यह घोटाला सिर्फ एएमसी तक सीमित नहीं है…… गुजरात जैसे राज्य में जहां बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है……. ऐसे घोटाले योग्य उम्मीदवारों का हक छीनते हैं…… हजारों युवा परीक्षा देते हैं……. लेकिन भ्रष्टाचार से गलत लोग नौकरी पा जाते हैं….. एएमसी की भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं……. क्योंकि परीक्षाएं प्रतिष्ठित संस्थाओं द्वारा हुईं….. लेकिन रिजल्ट में हेरफेर हुआ…..

गुजरात सरकार ने इस पर सख्ती दिखाई है….. मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने जांच के आदेश दिए……. और एएमसी ने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियम बनाए….. लेकिन विपक्ष ने इसे मोदी शासन में घोटालों की बाढ़ बताया है…… हालांकि, तथ्य यह है कि ऐसे घोटाले पहले भी होते रहे हैं, जैसे 2023 में बैंक ऑफ बड़ौदा ऐप स्कैम या वीएफएस वीजा फ्रॉड…..

भारत में भर्ती घोटाले आम हैं….. मध्य प्रदेश में 230 करोड़ का सैलरी स्कैम…… जहां 50 हजार घोस्ट स्टाफ थे……. नोएडा में फेक कॉल सेंटर से अमेरिकियों को ठगा गया…… गुजरात में ही एएमसी फायर ऑफिसर्स का स्पॉन्सरशिप सर्टिफिकेट फ्रॉड…… ये मामले दिखाते हैं कि भ्रष्टाचार सिस्टम में गहराई तक है…..

 

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