कांग्रेस की सुनामी से बीजेपी में हड़कंप, गुजरात में तख्तापलट होगा!
गुजरात की सियासत में बड़ा उलटफेर! कांग्रेस की सुनामी से बीजेपी खेमे में मचा हड़कंप, जनता के गुस्से और विपक्ष की ताकत से क्या वाकई तख्ता पलट होगा...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात भारतीय जनता पार्टी का मजबूत गढ़ रहा है……. अब राजनीतिक उथल-पुथल का केंद्र बनता दिख रहा है…… हाल के महीनों में कांग्रेस पार्टी ने गुजरात में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए अनोखे प्रयास शुरू किए हैं…… कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संसद में दावा किया था कि उनकी पार्टी गुजरात में बीजेपी को हराएगी…….. और इस दावे को अब जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा हकीकत में बदलने की कोशिश की जा रही है……. शैलेश परमार और शहजाद पठान जैसे नेताओं ने इस आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया है……. जिसे कांग्रेस की सुनामी के रूप में देखा जा रहा हैं…..
गुजरात में कांग्रेस का इतिहास गौरवशाली रहा है…… यह वही राज्य है जहां से स्वतंत्रता संग्राम के दौरान महात्मा गांधी और सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे नेताओं ने कांग्रेस को मजबूत किया था…… 1960 और 1970 के दशक में कांग्रेस गुजरात में एक प्रभावशाली राजनीतिक ताकत थी……. लेकिन पिछले तीन दशकों से बीजेपी ने यहां अपनी पकड़ मजबूत की है……. 1995 के बाद से बीजेपी लगातार सत्ता में है……. और वर्तमान में नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे दिग्गज नेताओं का गृह राज्य होने के कारण बीजेपी की स्थिति और मजबूत मानी जाती है……
हालांकि, हाल के वर्षों में कांग्रेस ने गुजरात में वापसी की कोशिशें तेज की हैं……. 2017 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने बीजेपी को कड़ी टक्कर दी थी…… हालांकि वह सत्ता हासिल नहीं कर पाई……. 2022 के चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा…….. लेकिन अब पार्टी 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर अपनी रणनीति को नया रूप दे रही है……. राहुल गांधी ने 2024 में संसद में कहा था कि हम गुजरात में बीजेपी को हराएंगे…… और इस बयान ने पार्टी कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा भरी है…….
कांग्रेस ने गुजरात में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए संगठन सृजन अभियान शुरू किया है……. इस अभियान का उद्देश्य पार्टी की जमीनी स्तर की इकाइयों, जैसे बूथ और जिला इकाइयों को मजबूत करना है…… राहुल गांधी ने अप्रैल महीने में अरवल्ली जिले के मोडासा में इस अभियान की शुरुआत की थी……. और उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुजरात कांग्रेस के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है…… हम भले ही हतोत्साहित दिख रहे हों……. लेकिन केवल हमारी पार्टी ही बीजेपी और आरएसएस को हरा सकती है……
बता दें कि इस अभियान के तहत कांग्रेस ने नवनियुक्त जिला और ब्लॉक अध्यक्षों के लिए प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए हैं…… इन शिविरों में कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक कौशल, मतदाता जागरूकता….. और जनता से जुड़ने की रणनीतियों के बारे में प्रशिक्षित किया जा रहा है……. राहुल गांधी ने जुलाई महीने में आणंद में एक ऐसे ही प्रशिक्षण शिविर को संबोधित किया….. जहां उन्होंने दूध उत्पादकों से भी मुलाकात की…. और उनकी समस्याओं को सुनकर कांग्रेस के समर्थन का वादा किया……
कांग्रेस की इस नई लहर में शैलेश परमार और शहजाद पठान जैसे नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है…… शैलेश परमार दानिलिमडा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं…. उन्होंने अपनी जमीनी पकड़ और संगठनात्मक क्षमताओं के लिए पहचान बनाई है…… वह गुजरात में दलित और पिछड़े वर्गों के बीच कांग्रेस की पैठ बढ़ाने में सक्रिय रहे हैं……. दूसरी ओर, शहजाद पठान वांकानेर से विधायक हैं….. उन्होंने युवा और अल्पसंख्यक समुदायों को पार्टी से जोड़ने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है…… दोनों नेताओं ने हाल के महीनों में गुजरात के विभिन्न हिस्सों में यात्राएं आयोजित की हैं……. जिनमें कार्यकर्ताओं और आम जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित किया गया है……
वहीं इन यात्राओं का उद्देश्य न केवल कांग्रेस की नीतियों को जनता तक पहुंचाना है……. बल्कि बीजेपी की कथित कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों को उजागर करना भी है……. शैलेश परमार ने हाल ही में एक सभा में कहा कि गुजरात की जनता बदलाव चाहती है……. बीजेपी की नीतियां केवल बड़े उद्योगपतियों के लिए हैं…….. जबकि आम किसान, मजदूर, और छोटे व्यापारी उपेक्षित हैं…… शहजाद पठान ने भी बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि गुजरात के युवाओं को रोजगार चाहिए……. लेकिन बीजेपी केवल वादे करती है….. इन नेताओं की सक्रियता ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाया है….. और पार्टी को एक नया चेहरा दिया है……
राहुल गांधी ने गुजरात को बीजेपी के खिलाफ अपनी रणनीति का केंद्र बनाया है…… उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि गुजरात में कांग्रेस की जीत पूरे देश में विपक्ष को मजबूत करेगी……. मार्च महीने में अपने गुजरात दौरे के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी में गुटबाजी पर सख्त रुख अपनाया और कहा कि पार्टी के आधे नेता बीजेपी से मिले हुए हैं…… अगर जरूरत पड़ी, तो 10-30 लोगों को निकाल देना चाहिए…..
इस बयान ने कांग्रेस के भीतर हलचल मचा दी…….. लेकिन साथ ही यह संदेश भी दिया कि पार्टी अब आंतरिक अनुशासन और विचारधारा के प्रति प्रतिबद्धता को प्राथमिकता दे रही है…… राहुल गांधी ने यह भी कहा कि गुजरात में विपक्ष का वोट शेयर 40फीसदी है…… और केवल 5फीसदी और वोट बढ़ाकर कांग्रेस सत्ता में आ सकती है……. उन्होंने तेलंगाना का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां पार्टी ने 22फीसदी वोट बढ़ाया…… और गुजरात में यह लक्ष्य हासिल करना असंभव नहीं है…..
आपको बता दें कि कांग्रेस ने बीजेपी पर सरकारी कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है…… जिससे नौकरशाही और कमीशनखोरी जैसे मुद्दों को उजागर किया जा रहा है….. गुजरात के आदिवासी और क्षत्रिय समुदायों में बीजेपी के प्रति असंतोष बढ़ रहा है…… कांग्रेस इस असंतोष को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है……. अस्थायी नौकरियों और फिक्स सैलरी जैसे मुद्दों ने गुजरात के युवाओं में निराशा पैदा की है…… कांग्रेस ने इन मुद्दों को अपने अभियान का हिस्सा बनाया है….. वहीं गुजरात में पंचायत चुनाव लंबे समय से लंबित हैं…… कांग्रेस इन चुनावों को अपनी ताकत दिखाने के अवसर के रूप में देख रही है……
गुजरात में बीजेपी की स्थिति मजबूत होने के बावजूद, कई कारण कांग्रेस के लिए अवसर पैदा कर रहे हैं…… बीजेपी का लंबा शासन और एंटी-इनकंबेंसी (सत्ता-विरोधी लहर) एक बड़ा मुद्दा है…… आम आदमी पार्टी की मौजूदगी ने विपक्षी वोटों को बांटने का काम किया है….. लेकिन कांग्रेस इसे अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही है….. नरेंद्र मोदी और अमित शाह जैसे नेताओं का राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान केंद्रित होने के कारण स्थानीय नेतृत्व में कुछ कमजोरियां उजागर हुई हैं…..
वहीं कांग्रेस ने इन कमजोरियों को भुनाने की रणनीति बनाई है…… पार्टी ने स्थानीय मुद्दों, जैसे दूध उत्पादकों की मांग और ओबीसी आरक्षण, को अपने अभियान का हिस्सा बनाया है…… राहुल गांधी ने अयोध्या में बीजेपी की हालिया हार का जिक्र करते हुए कहा कि हम गुजरात में उसी तरह बीजेपी को हराएंगे, जैसे हमने अयोध्या में हराया……. यह बयान न केवल कार्यकर्ताओं में जोश भरता है…… बल्कि बीजेपी को यह संदेश भी देता है कि कांग्रेस अब पहले से कहीं अधिक आक्रामक है……
कांग्रेस के लिए राहत की बात यह है कि उसके पास राहुल गांधी जैसे नेता हैं…… जो बार-बार गुजरात का दौरा कर रहे हैं…… हालांकि, पार्टी के भीतर गुटबाजी एक बड़ी चुनौती बनी हुई है……. मार्च 2025 में राहुल गांधी ने गुजरात कांग्रेस में गुटबाजी पर नाराजगी जताई…… और कहा कि कुछ नेता बीजेपी के साथ मिलकर काम कर रहे हैं…… उन्होंने यह भी कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो 20-30 नेताओं को पार्टी से निकाला जाएगा……
कांग्रेस की रणनीति और नेताओं की सक्रियता को देखते हुए……. यह कहना गलत नहीं होगा कि पार्टी गुजरात में एक नई लहर पैदा करने की कोशिश कर रही है……. हालांकि, कई चुनौतियां अभी भी बाकी हैं…… जिसमें बीजेपी की संगठनात्मक ताकत और नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को कम करना आसान नहीं होगा…… और आप की मौजूदगी कांग्रेस के वोट बैंक को नुकसान पहुंचा सकती है…… पार्टी के भीतर गुटबाजी को पूरी तरह खत्म करना एक लंबी प्रक्रिया होगी…..
फिर भी, कांग्रेस के पास कई अवसर हैं…… गुजरात की जनता में बदलाव की चाहत दिख रही है……. खासकर युवाओं, किसानों, और छोटे व्यापारियों में…… अगर कांग्रेस अपनी रणनीति को सही तरीके से लागू करती है और स्थानीय मुद्दों को प्रभावी ढंग से उठाती है…… तो वह 2027 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को कड़ी चुनौती दे सकती है…..



