मोनू मानेसर को अदालत से नहीं मिली राहत, जमानत याचिका पर दलीलें सुन कोर्ट ने होल्ड किया ऑर्डर
नूंह/मेवात। राजस्थान के डीग जिला के घाटमिका गांव के रहने वाले नासिर-जुनैद हत्याकांड के आरोपित मोनू मानेसर की जमानत याचिका पर बहस पूरी हो गई। मोनू मानेसर की जमानत याचिका पर कामां की अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश अदालत में करीब 15 मिनट तक बहस चली।
अदालत में पेश हुए पुलिस के अधिवक्ता की ओर से मोनू पर हत्या के षड्यंत्र रचने की साजिश में शामिल होने का गंभीर आरोप लगाया है। साथ ही इस मामले में पुलिस एफआईआर में आईपीसी की धारा 120बी को भी जोड़ा है। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि आरोपी को जमानत में से वह जांच को प्रभावित कर सकता है। इस वजह से आरोपी को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। वहीं, मोनू मानेसर की ओर से पेश हुए अधिवक्ता एलएन पराशर तथा कुलभूषण भारद्वाज ने अदालत को बताया कि मोनू का इस वारदात से कोई लेना देना नहीं है। जिस मोबाइल से मामले के दूसरे आरोपित रिंकू सैनी से चेटिंग किए जाने की बात पुलिस की ओर से कही जा रही है वह मोबाइल भी मोनू का नहीं है।
अधिवक्ता ने आगे कहा कि घटना वाले दिन मोनू गुरुग्राम एक होटल में आयोजित कार्यक्रम में शामिल था। साथ ही उन्होंने कहा कि किसी वारदात को अंजाम से पहले साजिश पहले रची जाती है कि घटना क्या होना।
वहीं, अदालत ने दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद ऑर्डर फिलहाल होल्ड कर दिया है। गुरुग्राम के मानेसर के रहने वाले मोनू को नूंह में दूसरी बार निकलने वाली जलाभिषेक यात्रा से दो दिन पहले फेसबुक पर भडक़ाऊ पोस्ट डालने के आरोप में नूंह पुलिस ने गिरफ्तार किया था। नूंह अदालत से डीग पुलिस लेकर आई थी। इन दिनों मोनू न्यायिक हिरासत में अजमेर की जेल में रखा गया है।