सरकारी स्कूलों के 5 हजार से अधिक शिक्षकों का एक साथ तबादला, सचिव ने नहीं माना मंत्री आतिशी का आदेश
नई दिल्ली। सरकारी स्कूलों के पांच हजार से अधिक शिक्षकों का एक ही दिन में ट्रांसफर कर दिया गया है। यह ऐसे शिक्षक हैं जो कि एक स्कूल में दस वर्ष या उससे अधिक समय से पढ़ा रहे थे।
सोमवार को शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षा सचिव को पत्र जारी कर इस फैसले को वापस लेने को कहा था। बावजूद इसके मंगलवार आधी रात के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी कर दिए गए। इससे शिक्षकों में रोष है। इस मामले को लेकर शिक्षकों ने बुधवार को शिक्षा निदेशक से भी मुलाकात की। मामले में शिक्षक बृहस्पतिवार उप राज्यपाल से मुलाकात करेंगे।
दरअसल हाल ही में एक ही स्कूल में 10 साल से अधिक समय तक सेवा करने वाले सभी शिक्षकों को अनिवार्य रूप से ट्रांसफर के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया गया था। ऐसा न करने पर उन्हें शिक्षा निदेशालय द्वारा किसी भी स्कूल में स्थानांतरित करने की बात कही गई थी। निदेशालय के इस फैसले से शिक्षकों में हडक़ंप मचा हुआ था। उनकी समस्याओं को देखते हुए शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली के शिक्षा सचिव को पत्र जारी कर कहा था कि वह शिक्षकों के हित में इस फैसले को वापस लें। उन्होंने मामले में सात दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट भी तलब की थी।
शिक्षा मंत्री के पत्र जारी किए जाने के एक दिन बाद ही रातों रात पांच हजार छह शिक्षकों का ट्रांसफर कर दिया गया। इनमें 1009 विविध शिक्षक, 847 पीजीटी व 3150 टीजीटी शिक्षक शामिल हैं। लोकतांत्रिक अध्यापक मंच के अध्यक्ष कृष्ण फोगाट ने बताया बुधवार को इस मामले को लेकर शिक्षा निदेशक से मुलाकात की। ऐसी उम्मीद है कि करीब 1000 से 1500 शिक्षक के ट्रांसफर ऑर्डर रद्द हो जाएं। बृहस्पतिवार को इस मामले को उपराज्यपाल के पास ले जाने की तैयारी कर रहे हैं।
आप का आरोप है कि भाजपा ने उपराज्यपाल के जरिये दिल्ली के शिक्षा मॉडल को कमजोर करने की साजिश रची है। इसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
आप विधायक दिलीप पांडेय ने प्रेस के सामने दावा किया कि शिक्षक संघों के जरिए जब यह मामला शिक्षा मंत्री आतिशी के संज्ञान में आया तो उन्होंने तबादले रद्द करने का निर्देश दिया था।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने शिक्षकों के तबादले रोकने के उनके आदेश की अवहेलना करने पर शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशालय को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्होंने एक जुलाई को लिखित आदेश में निर्देश दिया था कि किसी भी शिक्षक का तबादला इसलिए न किया जाए क्योंकि उसने किसी एक स्कूल में 10 साल से ज्यादा का कार्यकाल पूरा कर लिया है।
उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 239ए का हवाला देते उल्लेख किया कि दिल्ली की निर्वाचित सरकार राज्य सूची और समवर्ती सूची में सूचीबद्ध मामलों के संबंध में कार्यकारी शक्तियों का इस्तेमाल करती है।