मुकेश सहनी ने लॉन्च किया ‘है हक हमारा आरक्षण’ अभियान गीत, कहा- अंतिम सांस तक लड़ूंगा हक की लड़ाई

मुकेश सहनी ने कहा कि विकासशील इंसान पार्टी की स्थापना गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए की गई थी. मैं अपनी आखिरी सांस तक इस लड़ाई को जारी रखूंगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच विकासशील इंसान पार्टी यानी वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने रविवार को पटना में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान ‘है हक हमारा आरक्षण’ नामक एक अभियान गीत लॉन्च किया। इस गीत का उद्देश्य सामाजिक न्याय वचित वर्गों के अधिकार और आरक्षण की लड़ाई को एक नया मंच देना है, विशेष रूप से निषाद समुदाय के मुद्दों को उजागर करना।

थीम सॉन्ग के बारे में क्या बोले सहनी?

पार्टी के थीम सॉन्ग के बारे में सहनी ने कहा, “यह सिर्फ एक गीत नहीं है, बल्कि हमारे संघर्ष का प्रतीक और हमारे आंदोलन का एक दृष्टिकोण है. ‘विकासशील इंसान पार्टी’ की स्थापना गरीबों और हाशिए पर पड़े लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए की गई थी और मैं अपनी आखिरी सांस तक इस लड़ाई को जारी रखूंगा.” इस कार्यक्रम में ‘विकासशील इंसान पार्टी’ को भी काफी बढ़ावा मिला, जब जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता एस.के. सैनी अपने समर्थकों के साथ औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल हुए.

एस.के. सैनी का पार्टी में स्वागत करते हुए मुकेश सहनी ने सैनी को “पिछड़े समाज का कोहिनूर” बताया और कहा कि समाज सेवा में उनका अनुभव पार्टी के जमीनी आंदोलन को मजबूती देगा. सहनी ने कहा, “वीआईपी उनके जैसे व्यक्तियों की तलाश कर रही है, जिन्होंने अपना जीवन सामाजिक कार्यों के लिए समर्पित कर दिया है.”

निषाद समुदाय के लिए आरक्षण की अपनी पुरानी मांग को दोहराते हुए वीआईपी प्रमुख ने कहा, “मैंने मुंबई विधायक या मंत्री बनने के लिए नहीं, बल्कि अपने लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने के लिए छोड़ा था. जाति जनगणना की लड़ाई हमारे पीछे रह गई है; अब हमें 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा की दीवार को गिराना होगा.”

एनडीए गठबंधन को दी चेतावनी

उन्होंने सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन को चेतावनी देते हुए कहा, “या तो हमें हमारा उचित आरक्षण दें या सीट खाली करें. निषाद समुदाय अब जाग चुका है। चुनाव नजदीक हैं- यह समय है जब लोहा गर्म हो, तब वार करने का.” बिहार में राजनीतिक समीकरणों में बदलाव जारी है, ‘वीआईपी’ सबसे पिछड़े समुदायों, खासकर निषादों, मछुआरों और अन्य हाशिए पर पड़े वर्गों के प्रतिनिधित्व और अधिकारों पर जोर देकर अपनी जगह बना रही है. पार्टी के प्रचार गीत की शुरुआत, रणनीतिक सामाजिक गठबंधनों और एक ऊर्जावान जमीनी स्तर के अभियान के साथ, आगामी चुनावी लड़ाई में अपने प्रभाव को मजबूत करने के ‘वीआईपी’ के इरादे का संकेत देती है.

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