मुस्लिम आक्रांताओं ने मंदिर तोड़कर बनाई मस्जिद : बृजेश पाठक

  • डिप्टी सीएम ने मथुरा में पत्नी के साथ किए बांके बिहारी के दर्शन

लखनऊ। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह प्रकरण पर कहा कि मुस्लिम आक्रांताओं ने हिंदुओं पर अत्याचार कर मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई है। अब प्रदेश में भाजपा की सरकार है। अब यहां कानून का राज चलता है। ज्ञानवापी प्रकरण पर उन्होंने कहा कि न्यायालय के आदेश का सम्मान करते हैं। चाहे ज्ञानवापी हो या श्रीकृष्ण जन्मभूमि, अदालत के निर्णय का सभी को सम्मान करना चाहिए। डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक गुरुवार को धार्मिक दौरे पर मथुरा आये थे। उनके साथ उनकी पत्नी नम्रता पाठक भी थी। उन्होंने सबसे पहले दानघाटी मंदिर में दर्शन किया। भगवान गोवर्धन की पूजन कर प्रदेश की उन्नति की कामना की। पाठक ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं जल्द ही बेहतर होंगी। मरीज हमारे लिए भगवान के समान है। मथुरा का विकास सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। डिप्टी सीएम शाम सात बजे वृंदावन पहुंचे। यहां उन्होंने ठाकुर श्रीबांकेबिहारी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की। मंदिर के सेवायत आचार्य गोपी गोस्वामी ने उन्हें पूजन कराया। इसके बाद वह जयपुर मंदिर स्थित ब्रज अकादमी श्रीपाद बाबा की गोशाला पहुंचे। उन्होंने परिवार के साथ दामोदर बाबा से आशीर्वाद लेकर आध्यात्मिक चर्चा की। यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश तेजी के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। ठाकुर बांकेबिहारी से प्रार्थना है, प्रदेश इसी तरह से तरक्की करता रहे। प्रदेश में क्राइम का ग्राफ गिरा है और अपराधी प्रदेश छोड़कर भाग गए हैं। सरकार मथुरा-वृंदावन एवं गोवर्धन सहित ब्रज क्षेत्र का समग्र विकास कराने के लिए कृत संकल्पित है।

‘हुनर हाटÓ के जरिए सभी राज्यों की कला-संस्कृति एक जगह लाई गई

उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने एक दिन पहले आगरा में कहा कि सभी राज्यों की कला-संस्कृति को एक जगह एकत्र करना साधारण काम नहीं है, जो ‘हुनर हाटÓ के जरिए किया जा रहा है। उन्होंने आगरा के शिल्पग्राम, ताजगंज में आयोजित 41वें ‘हुनर हाटÓ के उद्घाटन समारोह में कहा कि ‘हुनर हाटÓ पूरे देश को एक छत के नीचे देखने का मजबूत माध्यम है। ‘हुनर हाटÓ भारत की सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि ‘हुनरÓ हाट में देश के कोने-कोने के स्वदेशी उत्पादों का प्रदर्शन किया गया है जबकि यहां देश के हर क्षेत्र के परम्परागत पकवान भी उपलब्ध हैं। पाठक ने कहा कि देश के सभी राज्यों की कला-संस्कृति को एक जगह एकत्र करना साधारण काम नहीं हैं लेकिन ‘हुनर हाटÓ यह सराहनीय कार्य कर रहा है।

छोटा कैलाश निजी कंपनी को देने पर कटघरे में धामी सरकार

 हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से मांगा जवाब
देहरादून। हिन्दू धर्म की पवित्र यात्रा छोटा कैलाश और ओम पर्वत को गुपचुप तरीके से निजी कम्पनी को देने पर सवाल उठ रहे हैं। कुमाऊं मंडल विकास निगम द्वारा निजी कंपनी को यात्रा की बुकिंग का टेंडर देने के मामले में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सरकार सचिव टूरिज्म और कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के साथ जीएम और एमडी को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने इन सभी पक्षकारों को 2 हफ्तों के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ ने की है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि किन नियमों के तहत यात्रा का टेंडर दिया गया है। दरअसल कुमाऊं मंडल विकास निगम ने 8 सालों के लिए 15 मार्च 2022 डिवाइन मंत्रा प्राइवेट लिमिटेड को यात्रा संचालन का ठेका दे दिया था। इसके तहत इस कम्पनी को आदी कैलाश और ओम पर्वत यात्रियों को भेजने की अनुमति टूर ऑपरेटर को दे दी, लेकिन इस दौरान सभी सुविधाएं यानी रहने से लेकर खाने तक की व्यवस्था कुमाऊं मंडल विकास निगम को करनी होगी।

साथ में कंपनी को कुमाऊं मंडल विकास निगम के लोगों को लगाने की अनुमति भी दी गई है। इस टेंडर को एनटीपी टूरिज्म अफेयर्स प्राइवेट लिमिटेड ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि बिना किसी टेंडर या विज्ञापन के उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियामावली 2017 का उल्लंघन करते हुए ये टेंडर गुपचुप तरीके से कम दामों में दिया गया है। याचिका में कहा गया है कि इस गुपचुप अनुबंध के द्वारा कम्पनी को लाभ पहुंचाया जा रहा है और सरकारी खजाने नुकसान दिया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि धारचुला से धारचुला की यात्रा में कम्पनी 50 हजार चार्ज कर रही है। जबकि सभी सुविधाएं केएमवीएन से लेने के बाद सरकारी खजाने में मात्र 8600 रुपये ही मिल रहे हैं। वहीं काठगोदाम से काठगोदाम की यात्रा में सरकार को 56 हजार के मुकाबले 12400 ही मिल रहा है। इसके अलावा आरोप है कि केएमवीएन ने आम यात्री के लिए बुकिंग को बंद कर दिया है और डिवाइन मंत्रा से ही बुकिंग कराने को बाध्य किया जा रहा है। याचिका में 15 मार्च के अनुबंध को निरस्त करने की मांग के साथ दोबार टेंडर के जरिए यात्रा के संचालन की मांग की है।

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