राष्ट्रीय पहचान भाजपा की निजी प्रॉपर्टी नहीं

राघव चड्ढा बोले- केंद्र सरकार का यह फैसला देश विरोधी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार का यह फैसला देश विरोधी है। केंद्र सरकार ने इस मुद्दे को उठाकर एक बहस छेड़ दी है। लोगों की राष्ट्रीय पहचान भारतीय जनता पार्टी की निजी प्रॉपर्टी नहीं है। भाजपा ऐसा कैसे कर सकती है। आप के वरिष्ठ नेता ने कहा कि भाजपा ने हाल ही में प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह प्रेसिडेंट ऑफ भारत जी 20 समिट के निमंत्रण पत्र पर लिखा गया है। बीजेपी इंडिया को डाउन कैसे कर सकती है। देश किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखता है। इसका संबंध 135 करोड़ की जनता से है।
जिसे वह अपनी इच्छानुसार बदल सके। इससे पहले कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने दावा किया कि राष्ट्रपति भवन ने 9 सितंबर को जी20 रात्रिभोज के लिए सामान्य भारत के राष्ट्रपति के बजाय भारत के राष्टï्रपति के नाम पर निमंत्रण भेजा है। रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इतिहास को विकृत करने और भारत को विभाजित करने का आरोप लगाया है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोई देश का नाम कैसे बदल सकता है। कल मान लो इस एलाइंस ने अपना नाम बदलकर भारत रख लिया तो क्या ये भारत नाम को भी बदल देंगे, फिर क्या भारत का नाम बीजेपी रखेंगे। ये क्या मजाक है, देश है भाई देश, इतने हजारों साल पुराना देश है। इतनी पुरानी संस्कृति है।

भाजपा को ‘इंडिया’ से है घबराहट : बघेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस मामले में वही सवाल किया है जो केजरीवाल ने पूछा है। बघेल ने कहा हमें राष्ट्रपति से निमंत्रण पत्र मिला है। अब तक हमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया से निमंत्रण पत्र मिलता था लेकिन इस बार प्रेसिडेंट ऑफ भारत से निमंत्रण पत्र आया है। भारत के साथ इतनी दिक्कत? अब विपक्षी गठबंधन का नाम इंडिया है इसलिए भाजपा इसे नजरअंदाज कर रही है। कल अगर गठबंधन का नाम बदलकर भारत हो गया को क्या भाजपा उसे भी बदल देगी। वहीं कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इंडिया और भारत पर संविधान का हवाला दे दिया। उन्होंने संविधान के अनुच्छेद 1 में वर्णित भारत के राज्यों का संघ होने का जिक्र किया है। इसके बाद सोशल मीडिया पर आर्टिकल 1 ट्रेंड करने लगा। लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर संविधान के अनुच्छेद में इंडिया और भारत के बारे में क्या कहा गया है। दरअसल, राहुल गांधी ने आर्टिकल 1 में लिखा एक वाक्य ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा, इंडिया यानी भारत, राज्यों का एक संघ है।

इंडिया अंग्रेजों का दिया शब्द, इसे बाहर करना होगा : विजयवर्गीय

कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इंडिया शब्द अंग्रेजों के साथ आया है। अंग्रेजों के जाने के साथ इसे भी चले जाना चाहिए। इंडिया नहीं भारत की मांग हर तरफ से उठ रही है। सरकार इस पर विचार कर रही है। संयुक्त विपक्ष इंडिया का उद्देश्य सनातन का विरोध है। जिन्होंने सनातन विरोधी बयान दिया उनका कांग्रेस के नेता भी समर्थन कर रहे हैं। यह दोहरा चरित्र है। अब उनके नेता हरि कथा जैसे आयोजन करा रहे हैं, लेकिन नकल से अक्ल नहीं आती। सुंदर भेष बनाकर तो सूर्पनखा भी गई थी, जिसकी नाक काटी थी।

आरएसएस और भाजपा के मन में कुंठा : संजय सिंह

आप नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह और आप की मुख्य प्रवक्ता प्रियंका कक्कड ने कहा कि मोदी सरकार संविधान से इंडिया शब्द को हटाना चाहती है। इसकी शुरुआत आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत ने की। इंडिया शब्द को हटाकर अब सिर्फ भारत शब्द का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने हमेशा नफरत फैलाने का काम किया है, लेकिन बाबा साहेब ने वंचित समाज से उठकर देश का संविधान लिखा। इस बात की कुंठा आरएसएस और भाजपा के मन में है। वहीं केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकार ने विपक्षी गठबंधन इंडिया से डरकर नाम में यह बदलाव किया है। केजरीवाल ने कहा कि देश 140 करोड़ लोगों का है किसी एक पार्टी का थोड़ी है। देश का नाम बदल दो। ये देश के साथ गद्दारी है।

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