एनडीए का नोट के बदले वोट का बड़ा खेल पकड़ाया, HAM की गाड़ी से हजारों लीटर शराब बरामद
दोस्तों बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए आज प्रचार बंद कर दिया गया है लेकिन आखिरी दिन दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक कर चुनाव को अपने फेवर में करने के लिए बेताब दिखे।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों, बिहार चुनाव जीतने के लिए एक ओर जहां पीएम साहब और उनके चाणक्य जी ने पांच-पांच सीएम, छह-छह केंद्रीय मंत्री को पहले चरण के चुनाव प्रचार के आखिरी दिन उतार दिया है तो वहीं दूसरी ओर वोट के बदले नोट का खेल भी सरेआम पकड़ा गया है और इस खेल के पकड़े जाते ही न सिर्फ पूरा एनडीए एक्सपोज हो गया है बल्कि चुनाव आयोग की कार्यशैली एक बार फिर से सवालों के घेरे में है। कैसे चुनाव में रंगेहाथ एनडीए मतदाताओं का मूड बदलने के लिए बड़ा खेल करता पकड़ा गया है और सभी दलों को बराबर बताने वाले ज्ञानेश जी का विभाग कहां सोया है कि आम जनता को ये सबकुछ पकड़कर लाइव करना पड़ा है। कैसे आखिरी दिन पूरी ताकत झांेक देने के बाद भी एनडीए ने करारी हार के डर से वोटों को रिझाने के लिए बड़ा खेल किया, ये हम आपको आगे अपनी इस आठ मिनट की रिपोर्ट में बताने वाले हैं।
दोस्तों बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए आज प्रचार बंद कर दिया गया है लेकिन आखिरी दिन दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक कर चुनाव को अपने फेवर में करने के लिए बेताब दिखे। खासतौर एनडीए और बीजेपी ने तो पूरी फौज ही उतार दी । आपको बता दें कि बीजेपी ने अपने एक दो नहीं बल्कि पांच-पांच सीएम की फौज उतार दी। जिसमें दिल्ली सीएम रेखा गुप्ता, असम सीएम हेमंत बिस्वा सरमा, एमपी सीएम मोहन यादव, सीएम योगी आदित्यानाथ समेत अन्य सीएम को मैदान में उतारा तो वहीं दूसरी ओर अमित शाह, नित्यानंद राय, नितिनि गडकरी, राजनाथ सिंह, शिवराज सिंह चौहान आदि ने बीजेपी और एनडीए प्रत्याशियों के लिए प्रचार किया तो वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी ने औरंगाबाद में नीतीश कुमार और पीएम मोदी को न सिर्फ निशाने पर लिया बल्कि प्रचार से बंद होने से पहले ही पूरा चुनाव पलट दिया है।
सुना आपने कि राहुल गांधी ने किस तरह से एनडीए सरकार और नीतीश कुमार की लंका लगाई है लेकिन आपको बता दें कि इससे भी दो कदम आगे जाते हुए तेजस्वी ने चुनाव प्रचार खत्म होेने के कुछ देर पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मतदाताओं के बीच खुद को साबित कर दिया है, और 14 जनवरी के बाद महिलाओं के खाते में 14 हजार रुपए देने का वादा कर दिया है।
सुना आपने कि तेजस्वी का दावा है कि वो बिहार में हर महिलाओं को 14 तारीख के बाद सरकार बनते ही सभी के खाते में 10 नहीं 30 हजार रुपए देंगे। आपको बात दें कि मोदी और नीतीश कुमार की डबल इंजन सरकार ने पूरे चुनाव महिलाओं के खाते में 10 हजार रुपए भेजने का कार्य किया है लेकिन सारी शिकायत और जानकारी के बाद भी चुनाव अयोग न सिर्फ सोया रहा और चुनाव में खुलेआम वोट के बदले नोट का खेल चलता रहा है लेकिन चुनाव आयोग ने कोई बड़ा एक्शन नहीं लिया और आखिर में अब तेजस्वी ने पहले चरण के मतदान से पहले बिहार की महिलाओं से वादा किया है कि हर महिला के खाते में सरकार बनते ही 10 नहीं 30 हजार रुपए दिए जाएंगे। आपको बता दें कि ये तेजस्वी का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है।
ऐसे राहुल और तेजस्वी के बड़े वादों के बीच बीजेपी कहीं न कही सहमी और डरी हुई लग रही है। एक ओर जहां ललन सिंह जैसे मंत्री मंचों से खुलेआम बिहार की जनता को डरा रहे हैं और चुनाव आयोग सिर्फ एफआईआर कराकर किनारे खड़ा हो गया है और कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है। दरअसल जिस तरीके का बयान ललन सिंह ने दिया है ये लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है। सरेआम देश को केंद्रीय मंत्री अगर इस तरह का बेहूदा बयान देता नजर आए तो चुनाव अयोग का त्वरित एक्शन लेते हुए न सिर्फ उनकी सभाओं पर रोक लगानी चाहिए थी बल्कि खुद एनडीए और जदयू को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए ललन सिंह को प्रचार करने से हटा देना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।
आपको बात दें वैसे तो पीएम साहब और उनके चाणक्य जी को लालू का जंगलराज खूब याद रहता है लेकिन अनंत सिंह और ललन सिंह के बयान के बाद उनको बिहार में मंगलराज दिखाई देता है और आपको बात दें कि ये हताशा साफ बता रही है कि बिहार चुनाव में बीजेपी की हालत खराब है, इसकी एक बड़ी नजीर और सामने आई है। आपको बता दें कि एनडीए की प्रचार गाड़ी में वोट को बदलवाने के लिए हजारों लीटर शराब की बोलतें बरामद हुई है। इसकी एक वायरल वीडियो सोशल मीडिया पर तैर रही है और इस वीडियों में साफ देखा जा सकता है कि कैसे वीडियो हम के एक प्रत्याशी की प्रचार गाड़ी पर हजारों लीटर शराब लदी है। वीडियो में आप भी देख सकते हैं कि कैसे हम प्रत्याशी दीपा कुमारी मांझी की गाड़ी में हजारों लीटर अवैध शराब पकड़ी गई है.।
आपको बात दें कि ये शराब सिर्फ और सिर्फ वोटर्स को रिझाने के लिए है।क्योंकि बिहार में शराबबंदी काफी दिनों से है और यहां शराब लोगों को बहुत मुश्किल से मिलती है और चुनाव में खूब शराब के बांटने का दौर चल रहा है, जिससे मतदाताओं को रिझाया जा सके और सरेआम एनडीए प्रत्याशी की गाड़ी में शराब मिलना इस बात की दलील है कि शराब के जरिए वोट को बदलने की कोशिश में एनडीए जुटा है। आपको बता दें कि जहां ये खबर वायरल होते ही हड़कंप मच गया है तो वहीं दूसरी ओर सवाल चुनाव अयोग पर भी उठ रहा है कि आखिर चुनाव आयोग कर क्या रहा है क्योंकि जो ये शराब पकड़ी गई है इसको इंडिया के सर्मथकों ने पकड़ा है और शराब को पकडने के बाद जनता के बीच में लाने के लिए इंडिया गठबंधन के लोगों को लाइव भी करना पड़ा है, जिससे की पूरी कहानी बिहार के लोग और चुनाव आयोग देख ले वरना बाद में यह बता दिया जाएगा कि ये सबकुछ एनडीए प्रत्याशी को बदनाम करने के लिए किया गया है जैसे कि पहले अनंत सिंह और आज ललन सिंह के धमकी वाले केस में किया गया है।
आपको बता दें कि जदयू का अधिकारिक बयान आया है कि ललन सिंह की धमकी वाली वीडियो में छेड़छाड़ की गई है हालांकि वीडियो से ये बात कहीं से भी नहीं लग रही है कि कोई एडिटिंग हुई है लेकिन ये बीजेपी और एनडीए के लोग हैं कुछ भी कह सकते हैं। कैसे देश की जनता से अच्छे दिन, काला धन लाने, हर खाते में 15 हजार भेजने और 100 स्मार्ट सिटी जैसे बड़े दावे के मुंह फेर लेने वाले पीएम साहब मंच पर चिल्ला-चिल्ला कर कहते हैं कि हम और एनडीए के लोग वादा पूरा करने वाले लोग है तो ऐसे में अगर वो अगर ललन सिंह सरेआम मंच पर धमकी देने के बाद ये कहने लगे कि वीडियो एडिट हो गई है तो ये कोई बहुत अचरज की बात नहीं है क्योंकि ये झूठ की दुकाने बहुत पुरानी हो चुकी हैं और यहां चुनाव जीतने के लिए कुछ भी मंच से कह दिया जाता है और चुनाव जीतने के बाद सारी बातें हवा में गुम हो जाती हैं लेकिन जिस तरह से एनडीए की प्रचार गाड़ी में शराब मिल रही है,
जिस तरह से पूरे चुनाव में नोट के बदले वोट का खेल चल रहा है और जिस तरह से खुले मंचों से एनडीए के ललन सिंह जैसे लोग जनता को धमका रहे हैं ये इस बात का सबूत है कि एनडीए न सिर्फ हार के डर से डरा हुआ है बल्कि पूरे ताकत लगाकर बहुत कुछ नहीं कर पा रहा है क्योंकि ये पूरा चुनाव इंडिया गठबंधन के नेता न सिर्फ लड़ रहे हैं बल्कि जनता भी पूरी मुस्तैदी से इंडिया को चुनाव जिताने के लिए मैदान ले चुका है और ऐसे में बिहार में इस इलेक्शन में अगर कोई बहुत ही चौंका देने वाला रिजल्ट आ जाए तो अचंभित न हो जाईएगा। ऐसे में आपका क्या मानना है कि एक ओर पूरे चुनाव में नोट के बदले वोट का खेल चला है तो दूसरी ओर प्रचार गाड़ी में भरभर कर शराब बांटा जाना क्या न सिर्फ चुनाव अयोग पर सवाल उठा रहा है बल्कि बीजेपी और एनडीए की हताशा को भी दिखा रहा है।



