नेहरू मेमोरियल का नाम बदलने पर सियासी कोहराम
- अब पीएम मेमोरियल के नाम से जाना जाएगा
- मोदी सरकार पर कांग्रेस का जबर्दस्त हमला
- राजीव गांधी खेल रत्न को बदल कर किया था ध्यानचंद
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नाम में क्या रखा है अब गुजरे जमाने की बात हो गई है। नाम में बहुत कुछ रखा है तभी तो मोदी सरकार पुराने नामों को बदलने में लगी है। अब उसने दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी को प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड सोसाइटी के नाम से कर दिया है। नाम बदलने पर पूरे देश में सियासी कोहराम भी मच गया है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है कि नाम में बदलाव प्रतिशोध और संकीर्णता का नतीजा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि जिनका कोई इतिहास नहीं वो इतिहास बदलने में लगे हुए है। उन्होंने कहा कि मोदी सरक ार तानाशाही कर रही है। उनके ऐसा करने से भारत के शिल्पी पं. जवाहर लाल नेहरू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। ये पहली बार नहीं है, जब इस तरह से किसी स्थान का नाम बदला गया है। पिछले नौ साल में कई सरकारी योजनाएं, प्रतीक, स्थान, सडक़ और पुरस्कारों के नाम भी बदले जा चुके हैं। पिछले साल ही इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति की जगह केंद्र सरकार ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा लगवाई। यही नहीं, भाजपा शासित राज्यों में कई जिलों के नाम भी बदल गए हैं। राजीव गांधी खेल रत्न भारत में खेल जगत में दिया जाने वाला सर्वोच्च पुरस्कार है। छह अगस्त 2021 को इस पुरस्कार का नाम बदलकर कर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न कर दिया गया है। इंदिरा आवास योजना जो गरीबों के लिए मुफ्त आवास की योजना है। इसे 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया। इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना को एक जनवरी 2017 में बदलकर प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना कर दिया गया। इस तरह से कई अन्य योजनाओं के नाम भी बदले गए हैं।
पंडित नेहरू ने यहां ली थी अंतिम सांस
दरअसल तीन मूर्ति मार्ग पर बना हुआ प्रधानमंत्री संग्राहलय देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू का घर रहा था। भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनके अंतिम सांस लेने तक पंडित जवाहर लाल नेहरू वहीं रहते थे, उनकी मृत्यू के बाद, उनकी यादों को संजोने के लिए बाद की सरकारों ने उस घर को मेमोरियल घोषित कर दिया और उसी घर के अहाते में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराया।
राजपथ को कर्तव्य पथ नाम दिया गया
दिल्ली का ऐतिहासिक राजपथ अब कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाता है। पिछले साल आठ सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्तव्य पथ का उद्घाटन किया है। कर्तव्य पथ का दायरा रायसीना हिल्स पर बने राष्टï्रपति भवन से शुरू होता है और विजय चौक, इंडिया गेट, फिर नई दिल्ली की सडक़ों से होते हुए लाल किले पर खत्म। इन्हीं सडक़ों पर हर 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस की परेड होती है। करीब साढ़े तीन किलोमीटर की दूरी के इस रास्ते के इतिहास में जाएं तो पहले इसे किंग्सवे और फिर राजपथ के नाम से जाना जाने लगा था।
कई शहरों के नाम बदले गए
केंद्र सरकार में भाजपा आने के बाद देश के कई राज्यों में राज्य सरकारों ने जिलों के नाम भी बदले हैं। खासतौर पर उन राज्यों ने जहां भाजपा की सरकार है। मसलन इलाहाबाद को प्रयागराज, फैजाबाद को अयोध्या, होशंगाबाद को नर्मदापुरम कर दिया गया है। इसके अलावा कई रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड आदि के नाम भी बदले गए हैं। यहां तक की सडक़ों के नाम भी बदले गए हैं।
मुगल गार्डन अब अमृत उद्यान
राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन को भी इस साल नया नाम मिल गया है। अब इसे अमृत उद्यान के नाम से जाना जाता है। बताया जा रहा है कि मुगल गार्डन का नाम अमृत महोत्सव के तहत बदला गया है। यह हर साल आम लोगों के लिए खुलता है। इस साल भी 31 जनवरी से आम लोगों के लिए खुल गया।। लोग यहां ट्यूलिप और गुलाब की विभिन्न प्रजातियों के फूलों को देखने जाते हैं।
सभी प्रधानमंत्री के किए गये योगदान का सम्मान : राजनाथ
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने बीते दिन इस संग्रहालय का दौरा कर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के सभी प्रधानमंत्रियों द्वारा राष्ट्र की रक्षा और विकास में किए गये योगदान का सम्मान करने के लिए, नई दिल्ली में ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ की स्थापना की है। उन्होंने आगे कहा यह संग्रहालय भारत की विकास यात्रा को प्रतिबिंबित करता है और देश के लोकतंत्र की जीवंतता और सफलता की कहानी भी कहता है। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि वे इस प्रधानमंत्री संग्रहालय को कम से कम एक बार देखने अवश्य जायें। बता दें कि नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी परिसर में ही पीएम मोदी द्वारा एक साल पहले प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था।
संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी: जयराम
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार (16 जून) को नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम बदले जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की और उनको संकीर्ण सोच और बदला लेने वाला व्यक्ति बताया। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक ट्वीट किया और कहा कि संकीर्णता और प्रतिशोध का दूसरा नाम मोदी है। 59 वर्षों से अधिक समय से नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय एक वैश्विक बौद्धिक ऐतिहासिक स्थल और पुस्तकों और अभिलेखों का खजाना रहा है। अब से इसे प्रधानमंत्री म्यूजियम और सोसायटी कहा जाएगा, पीएम मोदी भारतीय राष्ट्र-राज्य के शिल्पकार के नाम और विरासत को विकृत करने, नीचा दिखाने और नष्ट करने के लिए क्या नहीं करेंगे।
इंफाल में केंद्रीय मंत्री के घर में लगाई आग
- मणिपुर के हालात में नहीं हो रहा है बदलाव
- उपद्रवियों ने नहीं रोकी ङ्क्षहसा, पेट्रोल बम भी दागे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंफाल। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा की ताजा घटना में केंद्रीय मंत्री के घर में आग लगा दी गई। मणिपुर सरकार की ओर से बताया गया कि भीड़ ने गुरुवार देर रात केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के कोंगबा स्थित आवास में आग लगा दी। गनीमत रही कि केंद्रीय मंत्री घटना के समय घर पर नहीं थे। इससे पहले कुछ उपद्रवियों ने बुधवार को इंफाल पश्चिम के लाम्फेल क्षेत्र में एक मंत्री के घर को आग लगा दी थी। नेमचा किपगेन भाजपा और राज्य सरकार में मंत्री हैं। किपजेन 2017 से कांगपोकपी निर्वाचन क्षेत्र से मणिपुर विधानसभा की सदस्य हैं। देश राज्य मंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूं। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे। मेरे घर के भूतल और पहली मंजिल को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि मेरे गृह राज्य में जो हो रहा है उसे देखकर बहुत दुख होता है। मैं अब भी शांति की अपील करता रहूंगा। इस तरह की हिंसा में लिप्त लोग बिल्कुल अमानवीय हैं।
बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार
- रत्नेश सदा ने ली मंत्री पद की शपथ
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन के नीतीश कुमार कैबिनेट से इस्तीफे के बाद शुक्रवार को जनता दल यूनाईटेड कोटे से 13 साल से विधायक और सहरसा के सोनवर्षा राज के प्रतिनिधि रत्नेश सदा को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने उन्हें पद और गोपनियता की शपथ दिलाई। समारोह में सीएम नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह मौजूद थे। 8 मिनट चले शपथ ग्रहण समारोह में राजद और कांग्रेस के भी संभावित मंत्री राजभवन में दिख रहे थे, लेकिन पूर्व की घोषणा के अनुसार जदयू के विधायक रत्नेश सदा को सिर्फ पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। राजद-कांग्रेस के नामों की घोषणा नहीं होने के कारण माना जा रहा है कि अब 23 जून को विपक्षी एकता के लिए पटना में होने वाली बैठक के बाद एक बार फिर बिहार मंत्रिमंडल का विस्तार हो।