मनरेगा में मजदूरी न बढऩा मोदी सरकार की विफलता: जयराम रमेश

काम के दिनों की संख्या में वृद्धि भी शर्मनाक   

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस ने राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) को लेकर पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि पिछले वर्ष मनरेगा में काम के दिनों की संख्या में वृद्धि मोदी सरकार की विफलताओं का एक जीता जागता स्मारक है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि वित्त वर्ष 2023-24 में गऱीब ग्रामीण परिवारों द्वारा मांगे गए काम के दिनों की संख्या 305 करोड़ हो गई है जो कोविड महामारी से पहले की तुलना में 40 करोड़ अधिक है।
रमेश ने एक बयान में दावा किया, बेरोजग़ारी और मजदूरी का न बढ़ाना मोदी सरकार के 10 साल के अन्याय काल की सबसे बड़ी सच्चाई है। मोदी सरकार द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि आर्थिक कुप्रबंधन, नोटबंदी, ग़लत ढंग से डिज़ाइन की गई जीएसटी और बिना किसी तैयारी के लगाए गए लॉकडाउन के जो आर्थिक संकट उत्पन्न हुए हैं, उनसे ग्रामीण भारत अभी भी जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय शुरू किए गए मनरेगा के तहत आर्थिक संकट होने पर भी 100 दिनों के रोजग़ार की गारंटी होती है। रमेश का कहना है, यह मांग के आधार पर चलने वाला कार्यक्रम है, जिसका अर्थ है कि इसमें रोजग़ार के अवसर तभी उत्पन्न होते हैं जब बेहतर मज़दूरी का कोई दूसरा विकल्प नहीं होता है।

कांग्रेस  का घोषणापत्र पांच अप्रैल को जारी होगा अगले दिन जयपुर और हैदराबाद में रैली

कांग्रेस आगामी शुक्रवार को लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी करेगी और इसके अगले दिन जयपुर एवं हैदराबाद में जनसभाएं आयोजित की जाएंगी जिनमें पार्टी के शीर्ष नेता शामिल होंगे। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोमवार को यह जानकारी दी। जयपुर में आयोजित घोषणापत्र संबंधी रैली को कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा संबोधित करेंगी। हैदराबाद में घोषणापत्र संबंधी जनसभा को राहुल गांधी संबोधित करेंगे। वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, देश भर के लोगों के साथ व्यापक विचार-विमर्श के बाद कांग्रेस 5 अप्रैल को एआईसीसी मुख्यालय में अपना दृष्टिपत्र, घोषणापत्र जारी करेगी। इसके बाद, हम छह अप्रैल को जयपुर और हैदराबाद में दो विशाल रैलियां आयोजित करेंगे। उन्होंने कहा, हमारा ध्यान हमेशा देश को एक कल्याणोन्मुख, विकास समर्थक दृष्टिकोण देने पर रहा है और इस चुनाव में भी इसे लोगों के सामने पेश किया जाएगा। कांग्रेस के अनुसार, उसका घोषणापत्र पार्टी के पांच न्याय हिस्सेदारी न्याय , किसान न्याय , नारी न्याय , श्रमिक न्याय और युवा न्याय – पर आधारित होगा। पार्टी ने युवा न्याय के तहत जिन पांच गारंटी की बात की है उनमें 30 लाख सरकारी नौकरियां देने और युवाओं को एक साल के लिए प्रशिक्षुता कार्यक्रम के तहत एक लाख रुपए देने का वादा शामिल है। पार्टी ने हिस्सेदारी न्याय के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की गारंटी दी है।
उसने किसान न्याय के तहत न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा, कर्ज माफी आयोग के गठन तथा जीएसटी मुक्त खेती का वादा किया है। कांग्रेस ने श्रमिक न्याय के तहत मजदूरों को स्वास्थ्य का अधिकार देने, न्यूनतम मजूदरी 400 रुपए प्रतिदिन सुनिश्चित करने और शहरी रोजगार गारंटी का वादा किया है। उसने नारी न्याय के अंतर्गत महालक्ष्मी गारंटी के तहत गरीब परिवारों की महिलाओं को एक-एक लाख रुपए प्रति वर्ष देने समेत कई वादे किए हैं।

कोरोना काल में काम आई कांग्रेस की योजना

उन्होंने दावा किया, वित्त वर्ष 2023-24 में गऱीब ग्रामीण परिवारों द्वारा मांगे गए काम के दिनों की संख्या 305 करोड़ हो गई है। यह संख्या महामारी से पहले की तुलना में 40 करोड़ अधिक है। आज भारत में नौकरियों की इतनी भारी कमी है कि हमारे गऱीबों को रोजग़ार के आखऱिी विकल्प की ओर ही जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। कांग्रेस महासचिव के अनुसार, फरवरी 2015 में, सत्ता संभालने के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा था कि मनरेगा कांग्रेस की विफलताओं का एक जीता जागता स्मारक है, लेकिन कोविड-19 महामारी के दौरान मोदी सरकार को लोगों की आय के लिए प्राथमिक स्रोत के रूप में मनरेगा पर ही निर्भर रहना पड़ा था। उन्होंने दावा किया आज के मोदी मेड आर्थिक संकट के बीच भी मनरेगा वही भूमिका निभा रहा है। रमेश ने आरोप लगाया कि पिछले वर्ष मनरेगा में काम के दिनों की संख्या में वृद्धि दरअसल मोदी सरकार की विफलताओं का एक जीता जागता स्मारक है।

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